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सीकर: इस्लामिया एजुकेशनल-कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी के चुनाव सम्पन्न, अनवार अहमद कुरेशी बने अध्यक्ष

✍️ अशफाक कायमखानी | जयपुर
राजस्थान के शैक्षिक परिदृश्य में मुस्लिम समाज द्वारा संचालित प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार सीकर स्थित इस्लामिया एजुकेशनल-कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी के त्रिवार्षिक प्रबंध समिति चुनाव 9 और 10 अप्रैल को सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गए। इस चुनाव में अनवार अहमद कुरेशी को अध्यक्ष और अब्दुल रज्जाक पंवार को सचिव चुना गया है।

✒️ नई कार्यकारिणी में शामिल प्रमुख पदाधिकारी:

  • अध्यक्ष – अनवार बशीर अहमद कुरेशी
  • सचिव – अब्दुल रज्जाक पंवार
  • कोषाध्यक्ष – मकसूद अहमद पठान
  • वरिष्ठ उपाध्यक्ष – सैयद शब्बीर
  • उपाध्यक्ष – अब्दुल रहमान
  • संयुक्त सचिव – अशफाक कायमखानी

🗳️ उत्साहपूर्ण रहा चुनावी माहौल, महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय

इस बार का चुनाव कुल 35 प्रत्याशियों के बीच हुआ, जिनमें 12 महिलाएं भी शामिल थीं। चुनाव दो पैनलों के रूप में लड़ा गया और अनवार अहमद कुरेशी के नेतृत्व वाला पैनल बड़ी बढ़त से विजयी रहा।
9 अप्रैल को मतदान और 10 अप्रैल को करीब 19 घंटे तक चली मतगणना के बाद देर रात विजेताओं की घोषणा की गई। 10 पुरुष और 6 महिलाओं को वरीयता के आधार पर विजयी घोषित किया गया।


🔧 व्यवस्थित आयोजन के लिए सराहे गए खुरशीद हुसैन

अजमेर विद्युत वितरण निगम के सेवानिवृत्त अतिरिक्त चीफ इंजीनियर खुरशीद हुसैन ने चुनावी व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में चुनाव और मतगणना की व्यवस्थाएं अत्यंत पारदर्शी और व्यवस्थित रहीं, जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है।


🏫 इस्लामिया सोसायटी की शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका

इस्लामिया एजुकेशनल-कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी, सीकर द्वारा कई स्कूल, कॉलेज और प्रोफेशनल कोर्स संचालित किए जाते हैं, जो मुस्लिम समाज के सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
जयपुर की मुस्लिम स्कूल्स और जोधपुर के मारवाड़ कॉलेज के साथ, सीकर की इस संस्था को राज्य के गिने-चुने गुणवत्ता-सम्पन्न मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में गिना जाता है। इसकी ब्रांचेज भी अन्य जिलों में सक्रिय हैं।


📌 नए नेतृत्व से उम्मीदें

अनवार अहमद कुरेशी और उनकी टीम से समुदाय को अपेक्षा है कि वे शिक्षा की गुणवत्ता, सामाजिक सेवा और प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम्स को और विस्तार देंगे। साथ ही, महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने, आधुनिक पाठ्यक्रम लागू करने और नए तकनीकी कोर्सेज की शुरुआत पर भी काम करेंगे।