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युद्धविराम प्रयास विफल,इजरायल रक्षा मंत्री का बड़ा बयान: गाज़ा में बफर ज़ोन बरकरार रहेगा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,यरुशलम/काहिरा

इजरायल के रक्षा मंत्री योआव कैट्ज़ ने बुधवार को स्पष्ट किया कि गाज़ा में चल रहे संघर्ष के बीच, इजरायल किसी भी संभावित युद्धविराम समझौते के बावजूद, गाज़ा पट्टी में बनाए गए बफर ज़ोन को बनाए रखेगा। उनका यह बयान मिस्र की मध्यस्थता में चल रही युद्धविराम वार्ताओं के विफल हो जाने के बाद आया है।

क्या कहा रक्षा मंत्री कैट्ज़ ने?

सेना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद जारी बयान में कैट्ज़ ने कहा:

“इस बार अतीत की तरह नहीं होगा। आईडीएफ (इजरायली डिफेंस फोर्स) उन क्षेत्रों को खाली नहीं कर रही है जिन्हें वह साफ़ कर चुकी है। अब गाज़ा के करीब 10% क्षेत्र को एक सुरक्षा परिधि में तब्दील कर दिया गया है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि आईडीएफ गाज़ा में तब तक तैनात रहेगी जब तक कि वह दुश्मनों और इजरायली नागरिकों के बीच एक प्रभावी बफर ज़ोन बनाए नहीं रख लेती – ठीक उसी तरह जैसे इजरायल ने लेबनान और सीरिया सीमा पर किया है।

गाज़ा में इजरायली सेना की स्थिति

इजरायल की सेना ने दक्षिणी गाज़ा में स्थित राफा शहर सहित लगभग 20% गाज़ा क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया है। सेना ने तथाकथित “मोराग कॉरिडोर” को भी विकसित किया है, जो गाज़ा के पूर्वी हिस्से से होते हुए भूमध्य सागर तक फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त, नेत्ज़ारिम और शेज़ैया जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक सैन्य मौजूदगी बनी हुई है।

मानवीय संकट और वैश्विक चिंता

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी OCHA के अनुसार, 18 मार्च 2025 को संघर्ष फिर से शुरू होने के बाद से 4 लाख से अधिक फिलिस्तीनी विस्थापित हो चुके हैं। इजरायली हमलों में 1,630 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

चिकित्सा संगठन MSF (Doctors Without Borders) ने गाज़ा को “एक सामूहिक कब्र” करार देते हुए कहा कि मानवीय समूहों के लिए सहायता पहुंचाना लगभग असंभव हो गया है। गाज़ा में MSF की इमरजेंसी कोऑर्डिनेटर अमांडे बेज़ेरोले ने कहा:

“हम गाज़ा में एक पूरी आबादी के क्रमिक विनाश और जबरन विस्थापन को रीयल टाइम में देख रहे हैं।”

सहायता वितरण पर इजरायल की नीति

रक्षा मंत्री कैट्ज़ ने कहा कि इजरायल सीमित रूप से नागरिक कंपनियों के माध्यम से सहायता की आपूर्ति की अनुमति देने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है, लेकिन नाकाबंदी फिलहाल जारी रहेगी।

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जो लोग गाज़ा छोड़ना चाहते हैं, उन्हें बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कौन से देश बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिकों को शरण देंगे।

हमास और युद्धविराम की शर्तें

हमास ने इजरायल की निरस्त्रीकरण की मांग को खारिज करते हुए इसे एक “लाल रेखा” बताया है। हमास का कहना है कि किसी भी स्थायी युद्धविराम की शर्तों में इजरायली सेना की गाज़ा से पूर्ण वापसी, नाकाबंदी का अंत, और पुनर्निर्माण की गारंटी शामिल होनी चाहिए।

हमास ने एक आधिकारिक बयान में कहा:

“जब तक इन चार शर्तों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक कोई भी युद्धविराम समझौता केवल एक राजनीतिक जाल होगा।”

बंधकों को लेकर गतिरोध

इजरायली अधिकारियों ने जानकारी दी है कि गाज़ा में अब भी 59 इजरायली बंधक हमास की कैद में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते की संभावना जताई जा रही है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है

इजरायल सरकार को घरेलू स्तर पर तीव्र विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जहां लोग सड़कों पर उतरकर युद्ध रोकने और बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं।

अक्टूबर 2023 के हमले की पृष्ठभूमि

यह संघर्ष अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था, जब हमास ने इजरायल के दक्षिणी क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में इजरायल ने गाज़ा पर अपना सैन्य अभियान शुरू किया।

गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक कम से कम 51,000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, और लाखों लोग कई बार विस्थापित हो चुके हैं।

हालिया हवाई हमले और हताहत

बुधवार को हुए इजरायली हवाई हमले में 10 लोग मारे गए, जिनमें प्रसिद्ध लेखिका और फोटोग्राफर फातिमा हसौना भी शामिल थीं, जो युद्ध के मानवीय पहलुओं का दस्तावेजीकरण कर रही थीं।


👉 निष्कर्ष: गाज़ा में इजरायली सैन्य दबाव और हमास के कड़े रुख के बीच युद्धविराम की संभावनाएं बेहद क्षीण दिख रही हैं। मानवीय संकट गहराता जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता लगातार बढ़ रही है।

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