Religion

20 अप्रैल को “विश्व दुरूद दिवस” : रज़ा अकादमी की मुसलमानों से दुरूद शरीफ़ पढ़ने की अपील

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,मुंबई।


रज़ा अकादमी ने इस वर्ष भी 20 अप्रैल को “विश्व दुरूद दिवस” (World Durood Day) के रूप में मनाने की घोषणा की है और दुनियाभर के मुसलमानों से इस दिन को पूरी श्रद्धा और आध्यात्मिक भावना के साथ मनाने की अपील की है। यह दिन पैग़म्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के प्रति प्रेम और सम्मान प्रकट करने का एक अवसर है, जिसे हर साल विशेष रूप से मनाया जाता है।

रज़ा अकादमी के महासचिव मुहम्मद आरिफ़ रिज़वी ने कहा,

“20 अप्रैल को हम अपने प्यारे नबी (PBUH) के लिए दुरूद शरीफ़ पढ़कर एक आध्यात्मिक वातावरण तैयार करें और इसे अंतर्राष्ट्रीय दुरूद दिवस के रूप में मनाकर एक नई मिसाल कायम करें।”


🌙 क्यों मनाया जाता है “विश्व दुरूद दिवस”?

रज़ा अकादमी के अनुसार, यह दिन पैग़म्बर मुहम्मद (PBUH) की जन्मतिथि 571 ईस्वी की स्मृति में विशेष रूप से मनाया जाता है। इसीलिए इस वर्ष 571 मिलियन (57 करोड़ 10 लाख) बार दुरूद शरीफ़ पढ़ने का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल वैश्विक स्तर पर पैग़म्बर मोहम्मद (PBUH) के प्रति मुसलमानों के प्रेम और श्रद्धा को दर्शाती है।


📿 क्या करें 20 अप्रैल को?

  • हर मुसलमान से अपील की गई है कि वह कम से कम 1000 बार दुरूद शरीफ़ पढ़ें।
  • पढ़े गए दुरूद की गिनती व्हाट्सएप नंबर 18097878717 पर भेज सकते हैं।
  • जो लोग 1000 बार दुरूद शरीफ पढ़ेंगे, वे अपना नाम और अपने पिता का नाम भेजें ताकि रात 9 बजे मदीना शरीफ़ में उनके नाम से दुआ की जा सके।
  • घर, मस्जिद, मदरसा, खानकाह, ऑफिस, स्कूल या किसी भी पवित्र स्थान पर दुरूद शरीफ का पाठ करें।

🕌 मदीना शरीफ में दुरूद पेश करने की खास व्यवस्था

20 अप्रैल को ईशा की नमाज के बाद मदीना शरीफ़ में स्थित मुवाज़ा शरीफ़ में एक भावपूर्ण आयोजन होगा, जहाँ प्रसिद्ध सना-ख्वान जैसे कि:

  • सूफ़ी इकबाल,
  • हाफिज़ मुस्तफा रज़ा,
  • इरफ़ान कादरी,

…पैग़म्बर मुहम्मद (PBUH) की बारगाह में पूरी दुनिया के मुसलमानों द्वारा पढ़े गए दुरूद शरीफ़ को पेश करेंगे।


🧘 आध्यात्मिक आंदोलन का हिस्सा बनें

रज़ा अकादमी ने विशेष रूप से “नूरी दुरूद बेक” वेबसाइट लॉन्च की है, जहां पर लोग इस आध्यात्मिक मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं।
🌐 वेबसाइट: www.razaacademy.com/durood-shareef


🗣 मौलाना हाजी सैय्यद मुमताज रब्बानी का संदेश

राष्ट्रीय ऑल इंडिया क़ाज़ी बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना हाजी सैय्यद मुमताज रब्बानी ने कहा:

“20 अप्रैल को पूरा विश्व ‘यौम-ए-दुरूद’ यानी ‘विश्व दुरूद दिवस’ के रूप में मनाएगा। यह दिन पैग़म्बर मुहम्मद (PBUH) के जन्म की स्मृति में अत्यंत शुभ अवसर है।”

उन्होंने अपील की कि:

  • सभी मुसलमान अपने घरों में रहकर कम से कम 1000 बार दुरूद शरीफ़ पढ़ें।
  • यह एक अच्छा वज़ीफ़ा भी है जो बीमारियों, विशेष रूप से कोरोना जैसी महामारी से सुरक्षा के लिए असरदार साबित हो सकता है।
  • उन्होंने यह भी कहा कि रमज़ान का चाँद 24 अप्रैल को देखा जाएगा और तरावीह, इफ्तार आदि घरों में ही करें। लॉकडाउन और सुरक्षा उपायों का पालन अवश्य करें।

🔮 एक वैश्विक आध्यात्मिक पहल

रज़ा अकादमी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम किसी एक देश या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए एक साझा आध्यात्मिक प्रयास है। “विश्व दुरूद दिवस” के ज़रिए एकता, भाईचारे और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश दिया जा रहा है।

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