‘ बत्ती गुल’ कार्यक्रम की सफलता से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का आंदोलन हुआ और तेज, जमशेदपुर में वक्फ़ बचाओ सम्मेलन
Table of Contents
✍🏻 मुस्लिम नाउ ब्यूरो | नई दिल्ली-जमशेदपुर
वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर देशभर के मुस्लिम समुदाय में बढ़ती चिंता के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ अपना आंदोलन और तेज कर दिया है। बुधवार को आयोजित “लाइट ऑफ प्रोग्राम” की अपार सफलता के बाद बोर्ड ने झारखंड के जमशेदपुर शहर में वक्फ़ बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में उलेमा, सामाजिक कार्यकर्ता, वकील और मुस्लिम नागरिकों ने भाग लिया।
💡 “लाइट ऑफ प्रोग्राम” बना राष्ट्रीय एकजुटता का प्रतीक
AIMPLB द्वारा आयोजित “लाइट ऑफ प्रोग्राम”, जिसमें देशभर में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 15 मिनट का प्रतीकात्मक ब्लैकआउट किया गया, को व्यापक सफलता मिली। बोर्ड के कार्यकारी सदस्य डॉ. एस. क्यू. आर. इलियास ने कहा:
“अल्लाह की कृपा से यह कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा। न केवल मुस्लिम इलाकों में घरों, दुकानों, मस्जिदों और संस्थानों ने लाइटें बुझाई, बल्कि कई गैर-मुस्लिम नागरिकों ने भी एकजुटता दिखाते हुए इस शांतिपूर्ण विरोध में भाग लिया।”
उन्होंने बताया कि मस्जिदों में रात की नमाज़ के दौरान भी लाइटें बुझा दी गईं, जिससे यह संदेश गया कि पूरा मुस्लिम समाज इस अधिनियम को लेकर गंभीर है। शिया, सुन्नी, देवबंदी, बरेलवी – सभी मतों के लोग इस आंदोलन में एकजुट नज़र आए।
📍 जमशेदपुर सम्मेलन में उठी कड़ी आवाज़
वक्फ संशोधन अधिनियम के विरुद्ध AIMPLB ने जमशेदपुर में जो वक्फ़ बचाओ सम्मेलन आयोजित किया, उसमें वक्ताओं ने इस कानून को “संवैधानिक अधिकारों का हनन” और “धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता पर हमला” बताया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि यह अधिनियम सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अत्यधिक नियंत्रण देता है, जिससे ट्रस्टों की भूमिका कमजोर होगी और मुसलमानों की ऐतिहासिक वक्फ संपत्तियों का संरक्षण संकट में पड़ जाएगा।
🔴 LIVE From Jamshedpur, Jharkhand's 'Save Waqf Conference' against Waqf Amendment Act, 2025 🔴 जमशेदपुर, झारखंड में वक्फ़ संशोधन अधिनियम के विरुद्ध ' वक्फ़ वचाओ सम्मेलन' | #SaveWaqfSaveConstitution | #WaqfAmendmentAct | #BlackOutAgainstWaqfAmendments https://t.co/PetmGypsiN
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) May 1, 2025
🗣️ सरकार को मिला स्पष्ट संदेश: इलियास
डॉ. इलियास ने आगे कहा:
“इस ब्लैकआउट विरोध ने केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि समुदाय अब चुप नहीं बैठेगा। सरकार यह न माने कि कुछ चुनिंदा चेहरों को साथ लेकर वह पूरे समुदाय की राय को नजरअंदाज कर सकती है।“
उन्होंने सरकार से संशोधित अधिनियम को वापस लेने, न्यायसंगत संवाद स्थापित करने, और संविधान की मूल भावना का सम्मान करने की मांग की।
🙏 सबका धन्यवाद और आंदोलन को जारी रखने का आह्वान

AIMPLB ने एक आधिकारिक बयान में आंदोलन में शामिल होने वाले सभी समुदायों, नागरिक संगठनों, सामाजिक समूहों और जागरूक लोगों का आभार जताया। डॉ. इलियास ने कहा:
“हम दलित, आदिवासी, ओबीसी और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का भी दिल से शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने हमारी बात को समझा और न्याय की इस लड़ाई में साथ खड़े हुए।“
“हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक वक्फ कानून से जुड़े ये अन्यायपूर्ण संशोधन वापस नहीं ले लिए जाते।“
🔎 क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम 2025?
इस अधिनियम में वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कटौती, केंद्र सरकार की निगरानी में बढ़ोतरी और संपत्तियों के स्वामित्व निर्धारण में प्रशासनिक हस्तक्षेप जैसे प्रावधान शामिल हैं, जिनका देशभर में मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसे “यूएमईईडी” (UMMEED) विधेयक के नाम से भी जाना जा रहा है।
📌 एकजुटता बनी ताकत, कानूनी लड़ाई रहेगी जारी
AIMPLB के आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संपत्तियों की रक्षा को केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और संवैधानिक जिम्मेदारी मानता है। अब सभी की निगाहें सरकार की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं – क्या केंद्र वक्फ कानून में किए गए विवादास्पद संशोधनों पर पुनर्विचार करेगी?