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मुसलमानों के लिए यही मौका है बॉलीवुड के विरूद्ध बॉयकॉट अभियान चलाने का !

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान की आने वाली फिल्म ‘पठान’ के ‘बेशरम रंग’ गाने को लेकर कट्टरवादी हिंदू संगठन इसके विरूद्ध बॉयकॉट अभियान चला रहे हैं. उनकी ओर से कहा जा रहा है कि फिल्म की अभिनेत्री ने नारंगी रंग की बिकनी पहनकर यह गाना गाया है, जो हिंदू धर्म का अपमान है. तेरह सेकंड के इस दृश्य को लेकर एक वर्ग ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि देशभर में पठान फिल्म के पोस्टर फाड़े जा रहे हैं और हो-हल्ला मचाया जा रहा है. एक महंत ने तो शाहरुख खान की हत्या करने की खुलेआम धमकी दी है और कतिपय हिंदूवादी संगठनों और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने किसी भी कीमत पर पठान फिल्म सिनेमा घरों में नहीं चलने देने का प्रण लिया है.

हिंदूवादी संगठनों का यह कदम उचित है या नहीं ? इसपर देशभर में बहस छिड़ी है. चंूकि लोहा गर्म है, इसलिए मुस्लिम संगठनों को भी चाहिए वे भी बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्मांें में मुसलमानांे को आतंकवादी बनाकर पेश करने के खिलाफ अभियान छेड़ दें.

एक जमाना था जब मुसलमानों को फिल्मों में ईमानदार और राष्ट्रभक्त बनाकर पेश किया जाता था. अब इसके उलट हो रहा है. फिल्मों में सारे मुस्लिम किरदार निगेटिव दिखाए जाते हैं. क्या भारत का आम मुसलमान आतंकवादी है ? गिने चुने अपराधी हर कौम से हैं. देश के राज दुश्मन देशों के बेचने वाले मुसलमान हैं तो सिख और हिंदू भी हैं. ऐसी अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं. यह मामला भी कई बार सामने आ चुका है कि आतंकवादी संगठनों के साथ मुसलमानों के अलावा दूसरे धर्मों के लोग की भी साठ-गांठ रही है. चीनी खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले अधिकांश देशद्रोही गैर-मुस्लिम हैं. इसके बावजूद अधिकांश फिल्मों में मुसलमानों को आतंकवादी बनाकर पेश किया जाता है. कश्मीर फाइल में तो विवेक अग्निहोत्री ने सारे कश्मीरियों को ही संदेहास्पद बनाकर पेश किया और उनकी छवि खराब की. ऐसे में मुसलमानों को भी उन फिल्मों के बहिष्कार के लिए अभियान चलाना चाहिए, जिसमें उनकी कौम की इज्जत पर बट्टा लगाने का प्रयास किया जाता है.

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश के सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में बॉलीवुड के प्रमुख लोगों से मुलाकात की थी. इस दौरान सुनील शेट्टी ने योगी से फिल्मों के विरुद्ध बॉयकॉट अभियान को रोकने में मदद करने की अपील की थी. मुस्लिम संगठनों को चाहिए कि सुनील शेट्टी से सीख लेकर वे भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलें. उनसे फिल्मों में मुसलमानों को छवि बिगाड़ने की चल रही कोशिशों को रूकवाने में सहयोग करने की अपील करें.