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ऑपरेशन सिंदूर पर रज़ा अकादमी ने कहा : हम आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना के साथ

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत की एयर स्ट्राइक के रूप में संचालित किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर देश भर में प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। मुस्लिम समुदाय से जुड़ी प्रमुख सामाजिक संस्था रज़ा अकादमी ने इस ऑपरेशन को “आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम” करार देते हुए भारतीय सेना के साहसिक प्रयासों की सराहना की है।

रज़ा अकादमी के अध्यक्ष अलहाज मोहम्मद सईद नूरी ने एक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि संस्था आतंकवादियों और राष्ट्र-विरोधी ताक़तों के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई का पूर्ण समर्थन करती है।


“हम किसी देश से नहीं, आतंकवाद से लड़ रहे हैं” — सईद नूरी

अपने बयान में सईद नूरी ने कहा:

“हम आतंकवादियों और देश के दुश्मनों के खिलाफ़ इस अभियान को शुरू करने के लिए अपने सशस्त्र बलों को बधाई देते हैं। यह भी स्पष्ट है कि हम किसी देश से नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि आतंकवाद को निशाना बना रहे हैं। हम हमेशा आतंकवाद के खिलाफ़ खड़े रहे हैं और आगे भी खड़े रहेंगे। हम भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और हमारी सरकार और सेना द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का पूरा समर्थन करते हैं।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश भर में भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई को लेकर सराहना की जा रही है, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में।


पहलगाम हमले के बाद बांटी गई मिठाई

रज़ा अकादमी के आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल @razaacademyho पर साझा किए गए संदेश में कहा गया:

“रज़ा अकादमी ने आतंकवादियों द्वारा पहलगाम हमले के जवाब में मिठाई बांटी। पूरा भारत अपनी सेना के साथ खड़ा है – अलहाज मोहम्मद सईद नूरी।”

इस प्रतीकात्मक क़दम को सोशल मीडिया पर लोगों ने व्यापक रूप से सराहा। खासकर मुस्लिम समुदाय की ओर से आतंकवाद के खिलाफ खुलकर समर्थन को एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।


मुस्लिम संस्थाओं से बढ़ता समर्थन

ऑपरेशन सिंदूर के बाद केवल रज़ा अकादमी ही नहीं, बल्कि देश की कई मुस्लिम सामाजिक संस्थाओं और धार्मिक विद्वानों ने भी यह संदेश देने की कोशिश की है कि आतंकवाद का किसी धर्म से कोई संबंध नहीं है और मुस्लिम समाज भारत की सुरक्षा और अखंडता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

यह स्थिति उन पूर्व धारणाओं को चुनौती देती है जो मुस्लिम समुदाय को संदेह की दृष्टि से देखने की कोशिश करती हैं।


सैनिकों का मनोबल और सामाजिक एकता

रज़ा अकादमी जैसे संस्थानों की इस प्रकार की सार्वजनिक अभिव्यक्ति भारतीय सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक एकता का संदेश भी देती है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत के मुस्लिम न केवल आतंकवाद से नफरत करते हैं, बल्कि आतंक के खिलाफ उठाए गए हर राष्ट्रवादी कदम में सेना और सरकार के साथ खड़े हैं।


निष्कर्ष: राष्ट्रहित में एकजुटता का नया उदाहरण

ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि जब बात राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा की हो, तो भारत का हर नागरिक — चाहे वह किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि से हो — एकजुट होकर खड़ा होता है।

रज़ा अकादमी का वक्तव्य न केवल आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट रुख है, बल्कि भारत के मुस्लिम समाज के भीतर मौजूद देशभक्ति की भावना का भी मजबूत संदेश है।

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