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Delhi Riots 2020 उमर ख़ालिद और शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ी

दिल्ली की एक अदालत ने जेएन यू के पूर्व छात्रों उमर ख़ालिद एवं शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ा दी. दोनों पर दिल्ली दंगे की साजिश रचने का आरोप है. उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

दिल्ली के कड़कड़डूमा अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अमिताभ रावत ने राज्य की ओर से तीन और दिनों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए. विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए. इमाम के मामले में, 90 दिन की हिरासत अवधि 23 नवंबर पूरी हो रही.

ख़ालिद और इमाम की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ़्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश हुई. इमाम के वकील ने इस दौरान अदालत का ध्यान उनके मुवक्लि के कुछ कागज़ात अनुचित तरीके से जब्त करने की ओर दिलाया. इस संबंध में अदालत में आवेदन भी दिए गए हैं. इसपर अदालत ने कहा कि आवेदन पर सुनवाई 23 नवंबर को होगी.  जज ने विशेष लोक अभियोजक से पूछा कि क्या खालिद से जुड़े मामले सुलझा लिए गए  ? इस बीच उमर ख़ालिद ने अदालत से शिकायत की कि उसे उसके बैरक से निकलने नहीं दिया जाता. जेल प्रशासन ने पाबंदी लगा रखी है. इसपर न्यायाधीश ने जेल अधिकारियों को भविष्य में ऐसी शिकायत नहीं मिलने की हिदायत दी. ख़ालिद और इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गैर कानूनी गति विधि (रोकथाम) अधिनियम यूूएपीए (UAPA) के तहत एफ़आईआर (FIR) दर्ज कर गिरफ्तार किया है. जबकि उनका दावा है कि दंगे से उनका कोई लेना देना नहीं.

  उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दिल्ली में सुनियोजित सांप्रदायिक दंगे हुए, जिसमें करीब 55 लोग मारे गए. साथ ही अरबों की संपत्ति को नुक्सान पहुंचा. इस सिलसिले में इमाम की 25 अगस्त  और ख़ालिद की 13 सितंबर को गिरफ्तारी हुई. मुस्लिम पक्ष दिल्ली पुलिस पर एकतरफ़ा कार्रवाई का आरोप लगाता है. भाजपा नेता कपिल मिश्रा सहित इस पार्टी के एक मंत्री एवं एक सांसद पर भड़काउ बयान देने का आरोप है. विभिन्न संगठनों द्वारा उनपर आरोप लगाने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने उनसे पूछताछ की भी जरूरी नहीं समझी.

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