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हेरात में बंपर फसल, बाजार मंदा; किसान निराश

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,हेरात, अफगानिस्तान

– इस वर्ष हेरात प्रांत में ताजे फलों की पैदावार में करीब 10% की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन किसानों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि घरेलू बाजार में मांग कमजोर है और निर्यात के लिए कोई मजबूत व्यवस्था नहीं है।

सलमा डैम से सिंचाई और कीट नियंत्रण ने बढ़ाई पैदावार
हेरात के कृषि एवं सिंचाई निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार, पैदावार में वृद्धि का प्रमुख कारण सलमा डैम से जल आपूर्ति और पौधों की बीमारियों पर नियंत्रण है। कृषि निदेशालय के प्रचार प्रमुख बशीर अहमद अहमदी ने TOLOnews से बातचीत में बताया,

“इस साल फलों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 5 से 10 प्रतिशत अधिक हुआ है। कीट और बीमारियों की अनुपस्थिति और बागवानी में लोगों की रुचि बढ़ना इसके प्रमुख कारण हैं।”

बाजार नहीं, कीमतें गिरीं
हालांकि पैदावार में वृद्धि किसानों के लिए शुभ संकेत है, लेकिन बाजार की मांग न के बराबर है। फल बहुतायत में उपलब्ध हैं, पर खरीदार नहीं। इससे घरेलू बाजार में फलों की कीमतें गिर गई हैं।

किसानों की व्यथा
हेरात के किसान अब्दुल हकीम ने कहा,

“हर प्रकार के फल बहुत मात्रा में हैं, लेकिन बाजार नहीं है। हम सालभर मेहनत करते हैं ताकि अच्छी कीमत मिले, लेकिन न तो बाजार है और न ही कोल्ड स्टोरेज। कई बार बिक्री मूल्य लागत भी नहीं निकाल पाता।”

स्थानीय समर्थन की अपील
हेरात के निवासी रहमतुल्लाह ने सुझाव दिया,

“हमें घरेलू उत्पादों का उपयोग करना चाहिए ताकि हम अपने किसानों और बागवानों को समर्थन दे सकें।”

निर्यात ठप, व्यापार में बाधा
हेरात कृषि एवं पशुपालन चैंबर के प्रमुख बशीर अहमद बहादुरी के अनुसार, अफगानिस्तान और आसपास के देशों के बीच व्यापारिक अड़चनों, वीज़ा न मिलने और निर्यात सुविधाओं के अभाव के कारण ताजे फलों का निर्यात नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा,

“जब एक साथ सभी प्रकार के फल पकते हैं और बाजार में उतरते हैं, तो कीमत गिरती है। ऊपर से निर्यात नहीं हो पा रहा, इसलिए फल सिर्फ घरेलू खपत तक सीमित हैं और सस्ते दाम पर बिकते हैं।”

आंकड़े और संभावनाएं
हेरात कृषि निदेशालय के आँकड़ों के मुताबिक, इस साल 4 लाख टन से अधिक ताजे फलों की फसल होने की संभावना है। जिले और शहरों में 27,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खुबानी, आड़ू, आलूबुखारा, चेरी और अन्य फलों के बाग फैले हुए हैं।

निष्कर्ष

हेरात के किसान इस समय दोहरी स्थिति का सामना कर रहे हैं – अच्छी फसल लेकिन खराब बाजार। यदि सरकार और संबंधित संस्थाएं निर्यात मार्ग खोलने, कोल्ड स्टोरेज की सुविधा बढ़ाने और घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के उपाय करें, तो यह क्षेत्र कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

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