हामिद अंसारी को गलत बताने वाले भूल गए मर्यादा
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली / भोपाल
देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी के हालिया बयान से लोग असहमत हो सकते हैं. यह भी कह सकते हैं कि इस तरह की बातें करने का उचित समय नहीं है. देश कोरोना और आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है.उन्होंने जो बातें भारत के संदर्भ में जिस मंच से कहीं, वह उचित नहीं है. यहां तक कि उनकी बातों से असहमति जाने के लिए तथ्य भी रखे जा सकते हैं. इसके विपरीत हामिद अंसारी की बातों को काटने के लिए दमदार तर्क रखने की बजाए उल-जुलूल बातें की जा रही हैं. इसमें संवैधानिक पदों पर बैठका व्यक्ति भी किसी से पीछे नहीं है. अब मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने हामिद अंसारी की बातों के जवाब में ठोस तथ्य रखने के बजाए उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य बता दिया. ऐसी बातें कहते समय उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि वह किस के बारे में कह रहे हैं. यदि हामिद अंसारी की बातें गलत हैं तो क्या आप अपनी मर्यादा भूल जाएंगे ?
बात दें कि देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा एक ऑन लाइन चर्चा के दौरान असुरक्षा बढ़ने की बात कहे जाने पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने तीखा हमला बोला है. उन्हें टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थक तक बता डाला. राजधानी में संवाददाताओं ने हामिद अंसारी के बयान और उस पर सामने आ रही प्रक्रियाओं पर पूछ गए सवाल का जवाब देते हुए गृहमंत्री डा मिश्रा ने कहा,
जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थक बेनकाब हो रहे हैं.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, देश ने हामिद अंसारी को दो-दो बार उपराष्ट्पति बनाया लेकिन वैश्विक मंच पर देश के खिलाफ बातें कर उन्होंने संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है.
गृहमंत्री ने आगे कहा,कांग्रेस के नेता चाहे कमल नाथ हों जो महान भारत को बदनाम भारत कहते हैं. चाहे दिग्विजय सिंह हांे, सलमान खुर्शीद हों या राशिद अल्वी हों, ये किसी भी इस स्तर पर राष्ट विरोधी बातें करने और देष केा अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं. जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश को बदनाम करने का जो प्रोपोगंडा है, वह धीरे-धीरे सबके सामने आ रहा है.
हामिद अंसारी ने मानवाधिकार की स्थिति पर जताई चिंता
बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और चार अमेरिकी सांसदों ने बुधवार को भारत में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की.सीनेटर एड मार्के ने कहा, ‘ऐसा माहौल बनाया गया है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ें बना सकती हैं.उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, हमने ऑनलाइन अभद्र भाषा में वृद्धि देखी है. इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा शामिल हैं.
डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्के का भारत विरोधी रुख अपनाने का इतिहास रहा है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का भी विरोध किया.
मार्के ने इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में यह टिप्पणी की. भारत से डिजिटल रूप से बहस में भाग लेते हुए, पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने भी हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता व्यक्त की.
अंसारी ने आरोप लगाया, ‘हाल के वर्षों में, हमने ऐसे रुझानों और प्रथाओं का उदय देखा है, जो नागरिक राष्ट्रवाद की अच्छी तरह से स्थापित विचारधारा को विवादास्पद बनाते हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई और काल्पनिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं. यह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहता है. असहिष्णुता को बढ़ावा देता है और अशांति और असुरक्षा को बढ़ावा देता है.
तीन सांसदों, जिम मैकगवर्न, एंडी लियोन और जेमी रस्किन ने भी बहस में हिस्सा लिया. रस्किन ने कहा, ‘भारत में धार्मिक तानाशाही और भेदभाव के मुद्दे पर बहुत सारे मुद्दे हैं.’
इसलिए, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता, स्वतंत्रता, बहुलवाद, सहिष्णुता और सभी के लिए मतभेद के सम्मान के पथ पर जारी रहे. लेविन ने कहा, ‘आज, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र विनाश, मानवाधिकारों के हनन और धार्मिक राष्ट्रवाद के उदय को देख रहा है.
भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मैकगवर्न, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के मानवाधिकार आयोग के सह-अध्यक्ष, टॉम लैंटोस ने कई चेतावनी संकेत जारी किए हैं, जो मानव अधिकारों के ‘खतरनाक गिरावट’ की ओर इशारा करते हैं. भारत में भारत सरकार और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोपों से इनकार किया है.