Muslim WorldNews

जानिए, कहां है मलेशिया, इस इस्लामिक देश में क्यों युद्धअभ्यास करेगी भारतीय वायु सेना ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो ,नई दिल्ली

भारतीय वायु सेना इस्लामिक देश मलेशिया में युद्ध अभ्यास करेगी. इस इस्लामिक देश में सर्वाधिक संख्या में मुसलमान रहते हैं.भारतीय वायु सेना का एक दल अभ्यास में भाग लेने के लिए शुक्रवार को मलेशिया के लिए रवाना हो गया. यह भारतीय वायु सेना और रॉयल मलेशियाई वायु सेना (आरएमएएफ) के बीच आयोजित किया जा रहा पहला द्विपक्षीय अभ्यास है.भारतीय वायु सेना सुखोई-30 एमकेआई और सी-17 विमानों के साथ हवाई अभ्यास में भाग ले रही है, जबकि आरएमएएफ एसयू 30 एमकेएम विमान उड़ाएगी. भारतीय दल अपने एक हवाई अड्डे से सीधे अपने गंतव्य, कुआंतान के आरएमएएफ बेस के लिए रवाना हुआ.

यह अभ्यास भारतीय वायुसेना के दल के सदस्यों को आपसी युद्ध क्षमताओं पर चर्चा करते हुए आरएमएएफ के कुछ बेहतरीन पेशेवरों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और सीखने का अवसर देगा.

चार दिनों के अभ्यास में दोनों वायु सेनाओं के बीच विभिन्न हवाई युद्ध अभ्यास किए जाएंगे. उदारशक्ति दोस्ती के लंबे समय से चले आ रहे बंधन को मजबूत करेगी और दोनों वायु सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के अवसरों को बढ़ाएगी, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ेगी.

मलेशिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक देश है. यह दक्षिण चीन सागर से दो भागों में विभाजित है. मलय प्रायद्वीप पर स्थित मुख्य भूमि के पश्चिम तट पर मलक्का जलडम और इसके पूर्व तट पर दक्षिण चीन सागर है. देश का दूसरा हिस्सा, जिसे कभी-कभी पूर्व मलेशिया के नाम से भी जाना जाता है. दक्षिण चीन सागर में बोर्नियो द्वीप के उत्तरी भाग पर स्थित है. मलय प्रायद्वीप पर स्थित कुआलालंपुर देश की राजधानी है, लेकिन हाल ही में संघीय राजधानी को खासतौर से प्रशासन के लिए बनाए गए नए शहर पुत्रजया में स्थानांतरित कर दिया गया है. यह 13 राज्यों से बनाया गया एक एक संघीय राज्य है.

जानिए मलेशिया के बारे में विस्तार से

मलेशिया में चीनी, मलय और भारतीय जैसे विभिन्न जातीय समूह निवास करते हैं. यहां की आधिकारिक भाषा मलय है, लेकिन शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में ज्यादातर अंग्रेजी का इस्तेमाल होता है. मलेशिया में 130 से ज्यादा बोलियां बोली जाती हैं. इनमें से 94 मलेशियाई बोर्नियो में और 40 प्रायद्वीप में बोली जाती हैं.युवा वर्ग मे अंग्रेजी भाषा अधिक लोकप्रिय है. यद्यपि देश सरकारी धर्म इस्लाम है, लेकिन नागरिकों को अन्य धर्मों को मानने की स्वतंत्रता है.

मलेशिया, चीन और भारत के बीच प्राचीन काल से व्यापारिक केंद्र रहा है. जब यूरोपीय लोग इस क्षेत्र में आए तो उन्होंने मलक्का को महत्वपूर्ण व्यापार बंदरगाह बनाया. कालांतर में मलेशिया ब्रिटिश साम्राज्य का एक उपनिवेश बन गया. इसका प्रायद्वीपीय भाग 31 अगस्त 1957 को फेडरेशन मलाया के रूप में स्वतंत्र हुआ. 1963 में मलाया, सिंगापुर और बोर्नियो हिस्से साथ मिलकर मलेशिया बन गए. 1965 में सिंगापुर से अलग होकर अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की..

मलेशिया में 13 राज्य हैं और तीन संघीय प्रदेश है. मलेशिया का प्रमुख यांग डी-पेर्तुआन अगांग के रूप में जाना जाता है, जिसे सामान्यतः मलेशिया का राजा कहा जाता है. यह पदवी वर्तमान में सुल्तान मिजान जैनुल अबीदीन धारण किए हुए हैं. मलेशिया में शासन के प्रमुख प्रधानमंत्री हैं. मलेशिया आसियान का सदस्य है. इसकी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है. यह दक्षिण पूर्व एशिया में एक अपेक्षाकृत समृद्ध देश है. देश के प्रमुख शहरों में कुआलालंपुर, जॉर्ज टाउन, ईपोह और जोहोर बाहरु हैं.

मलेशिया में मलय और संबंधित जातियों का बाहुल्य है. सन् 2012 में जनसंख्या में उनका हिस्सा 67 प्रति मापा गया था. लेकिन साबाह में यह केवल 26 प्रतिशत और सारावाक में केवल 21 प्रतिश था. क्षेत्रफल में मुख्यभूमि मलेशिया (जो पश्चिमी मलेशिया भी कहलाता है) देश के कुल क्षेत्रफल का केवल 40 प्रतिशत है, जबकि साबाह-सारावाक 60 प्रतिशत है, लेकिन मुख्यभूमि का जन-घनत्व साबाह-सारावाक से बहुत अधिक है. मलेशिया की सरकार पर आरोप है कि वह जातीयता बदलने के लिए मुख्यभूमि से साबाह व सारावाक में मलय लोग भेज रही है, जिस से अलगाववादी भावना भड़कती है. साबाह सारावाक केलुआर मलेशिया जैसे संगठन साबाह और सारावाक को मलेशिया से स्वतंत्र करवाने का प्रयास कर रहे हैं.
धर्म्र

मलेशिया एक बहु धार्मिक समाज है और मलेशिया में प्रमुख धर्म इस्लाम है. 2010 में सरकार की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, यहां के प्रमुख धर्मावलंबियों में मुस्लिम (69.3 प्रतिशत), बौद्ध (19.8), ईसाई (9.2), हिंदू (6.3) और कन्फ्यूशीवाद, ताओ धर्म और अन्य पारंपरिक चीनी धर्मों (9.3 प्रतिशत) शामिल हैं.

संस्कृति

मलेशिया एक बहु जातीय, बहु सांस्कृतिक और बहुभाषी समाज है, जहां मलय और अन्य देशी जनजाति ६५ प्रतिशत, चीनी 25 और 7 प्रतिशत भारतीय शामिल हैं. देश की बहुसंख्यक समुदाय के रूप में सभी मलय मुस्लिम हैं, क्योंकि मलेशियाई कानून के तहत मलय होने के लिए मुस्लिम होना जरूर है. मलय राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं और इनकी भूमिपुत्र के रूप में पहचान है. उनकी मूल भाषा मलय है.