मुस्लिम महिला को खुला के जरिए शादी खत्म करने का अधिकार नहींः एआईएमपीएलबी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
तलाक पर बहस के बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा कि एक मुस्लिम महिला को खुला के जरिए अपनी शादी खत्म करने का अधिकार नहीं है.एक बयान में, बोर्ड ने कहा, खुला पति और पत्नी दोनों पर निर्भर है कि एक महिला द्वारा प्रस्ताव शुरू करने के बाद शादी को समाप्त करने के लिए सहमत हैं या नहीं.
बोर्ड केरल उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहा था जिसमें एक मुस्लिम महिला को खुला के माध्यम से अपनी शादी समाप्त करने का अधिकार दिया गया है.
अपने फैसले में न्यायमूर्ति ए. मुहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति सी.एस. डायस ने कहा कि देश में पत्नी के कहने पर शादी की समाप्ति को मान्यता देने के लिए किसी भी तंत्र के अभाव में, जब पति सहमति देने से इनकार करता है, तो अदालत केवल यह कह सकती है कि पति के संयोजन के बिना खुला का आह्वान किया जा सकता है.
खुला को लेकर अदालत ने कहा,यह एक सामान्य समीक्षा है जो दर्शाती है कि मुस्लिम महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों की इच्छा के अधीन हैं. यह समीक्षा अपीलकर्ता के उदाहरण पर अहानिकर नहीं लगती है, बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि इसे उलेमा और मुस्लिम समुदाय की वर्चस्ववादी मर्दानगी द्वारा समर्थित किया गया है, जो मुस्लिम महिलाओं के न्यायेतर तलाक का सहारा लेने के अधिकार की घोषणा को पचा नहीं पा रहे हैं.