Religion

अमेरिका के बाद यूके ने मुसलमानों को दिया महत्व, हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं के सम्मान में लगेगी प्रतिमा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, लंदन

अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने मुसलमानों को अहमियत दी है. अमेरिका के वाॅशिंगटन में जहां मस्जिदों से लाउस्पीकर द्वारा अजान देने की इजाजत मिली है, वहीं ब्रिटेन में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं का जश्न मनाने के लिए अगले महीने स्टील की मूर्ति लगाई जाएगी.

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रतिमा देश के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम में स्थापित की जाएगी.ल्यूक पेरी द्वारा डिजाइन की गई यह प्रतिमा अक्टूबर में स्मिथविक, वेस्ट मिडलैंड्स में रखी जाएगी.स्टील की यह मूर्ति 5 मीटर लंबी है. इसका वजन एक टन के करीब है. कहा जाता है कि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली मूर्ति है.

कलाकृति का शीर्षक द पावर ऑफ हिजाब है और इसमें एक मुस्लिम महिला को हिजाब पहने हुए दिखाया गया है.प्रतिमा के नीचे लिखा है, यह एक महिला का अधिकार है कि वह जो भी पहने उसे चुनें, उसे प्यार और सम्मान मिले.मूर्तिकार ल्यूक पेरी ने कहा कि हिजाब की शक्ति कला का एक काम है जो हिजाब पहनने वाली इस्लामी आस्था की महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती है.उन्होंने कहा कि यह हमारे समुदाय का एक वर्ग है जिसका प्रतिनिधित्व बहुत कम है लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है.

दूसरी तरफ फ्रांस सहित कई देशों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस मामले में भारत भी कुछ कम नहीं. कर्नाटक के स्कूलों में मुस्लिम बच्चियां हिजाब, बुर्का पहनकर नहीं जा सकतीं. कई प्रदेश भी कर्नाटक का अनुशरण कर रहे हैं. यही नहीं भारत जैसे सेक्युलर और लोकतांत्रिक देश में ध्वनि प्रदूषण के नाम पर धीरे-धीरे मस्जिदों से लाउस्पीकर भी उतरवाए जा रहे हैं. इसके विपरीत जागरण के नाम पर रातभर चलने वाले कानफोड़ू संगीत को रोकने वाला कोई नहीं.