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पाकिस्तानः कार्यकाल के आखिरी समय आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का कबूलनामा, राजनीति में दखलंदाज थी पाकिस्तानी सेना

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

पाकिस्तान के मौजूदा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का इस महीने ही कार्यकाल पूरा हो रहा है. मगर उन्हांेने कार्यकाल के अंतिम दिनों में स्वीकारा है कि सेना पाकिस्तान की राजनीति में दखलअंदाजी करती है. रक्षा और शहीद दिवस समारोह में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि दुनिया की सेनाओं की कम ही आलोचना की जाती है लेकिन हमारी सेना की अक्सर आलोचना की जाती है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसकी वजह राजनीति में सेना का दखल है. इसीलिए फरवरी में सेना ने राजनीति में दखल न देने का फैसला किया.

सेना की आलोचना के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल

जावेद बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान की कई संस्थाओं ने सेना की आलोचना की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. जनरल बाजवा ने कहा कि सेना की आलोचना करना राजनीतिक दलों और लोगों का अधिकार है, लेकिन सेना के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से सावधान रहना चाहिए. समारोह की शुरुआत बाजवा ने यह कहकर की कि सेना प्रमुख के तौर पर यह उनका आखिरी संबोधन है.

मैं जल्द ही रिटायर होने जा रहा हूं

जनरल बाजवा ने कहा, मैं जल्द ही रिटायर हो रहा हूं. इस बार इवेंट थोड़ी देर बाद आयोजित किया जा रहा है. बता दें कि आर्मी चीफ इसी महीने के अंत तक रिटायर होने वाले हैं. 1965 के युद्ध में शहीद हुए वीरों के बलिदान को याद करने के लिए हर साल 6 सितंबर को जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) रावलपिंडी में रक्षा और शहीद दिवस समारोह आयोजित किया जाता है. हालांकि, इस साल देश भर में बाढ़ पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए इसे स्थगित कर दिया गया था.

बता दें कि पाकिस्तान में इन दिनों नए आर्मी चीफ की नियुक्ति को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. 29 नवंबर को जनरल बाजवा का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नए सेना प्रमुख का चुनाव करेंगे. जियो टीवी के मुताबिक, सरकार ने ऐलान किया है कि तय समय पर और संविधान के मुताबिक सेना प्रमुख की जगह ली जाएगी.

जनरल बाजवा का सैन्य कॅरियर,44 साल में 5 प्रधानमंत्रियों और दो राष्ट्रपतियों का कार्यकाल देखा

पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को अपना पद अपने उत्तराधिकारी को सौंप देंगे. वह सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले जनरलों में से एक हैं. 62 साल के जनरल बाजवा की सैन्य सेवा 44 साल की है. वह 1978 में सेना में शामिल हुए और 24 अक्टूबर 1980 कोकमीशन प्राप्त किया. वह 2190 दिन (6 साल) तक सेना प्रमुख रहेंगे. उन्होंने जनरल राहील शरीफ के स्थान पर 29 नवंबर, 2016 को कमान संभाली थी. अपने सैन्य कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 5 प्रधानमंत्रियों (नवाज शरीफ, शाहिद खाकान अब्बासी, पर्यवेक्षी न्यायाधीश (आर) नसीर-उल-मुल्क, इमरान खान और शहबाज शरीफ के साथ काम किया. वर्तमान राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और ममनून हुसैन दिवंगत राष्ट्रपति थे.) के साथ भी काम किया. 28 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने उनका कार्यकाल बढ़ाने के आदेश पर रोक लगा दी थी.

कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है. हालांकि, सरकार के इस आश्वासन पर कि संसद उनके कार्यकाल को बढ़ाने के लिए संविधान बनाएगी. जनरल बाजवा को 6 महीने का विस्तार और बाद में, कानून की संसदीय स्वीकृति के बाद 28 जनवरी, 2020 को कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया. जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशर्रफ का सैन्य करियर भी लंबा था. 45 साल 7 महीने और 9 दिन. उन्हें मार्च 1976 में 51 साल की उम्र में सेना प्रमुख बनाया गया था. वह 12 साल, 5 महीने और 16 दिन तक सेना प्रमुख रहे.जनरल अयूब खान को 43 साल की उम्र में सेना प्रमुख बनाया गया था. वह सबसे कम उम्र के सेना प्रमुख थे. मेजर जनरल इफ्तिखार खान की आकस्मिक मृत्यु के कारण उन्हें समय से पहले पदोन्नत किया गया था. उन्हें पहले स्थानीय कमांडर-इन-चीफ का नाम दिया गया था.