लोकसभा चुनाव करीब आया तो मोदी को याद आए मुसलमान, भाजपा नेताओं से बोले-पढ़े-लिखे मुसलमानों से मिलें
मुस्लिम नाउ ब्यूरो /नई दिल्ली
राजनीतिक गलियारांें से संकेत मिल रहे हैं कि पिछले आठ वर्षों के दौरान मोदी सरकार की गलत नीतियांे और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने सत्तारूढ़ भाजपा को हिलाकर रख दिया है. चूंकि राम मंदिर मुद्दा, अनुच्छे 370, तीन तलाक जैसे विवादास्पद मुद्दों का पटाक्षेप हो चुका है, ऐसे में 2024 का लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में वापस, बीजेपी को नामुमकिन सा नजर आ रहा है. हिमाचल और उप चुनावों के हालिया नतीजों ने भी इसके संकेत दे दिए हैं. ऐसे मंे संघ परिवार और बीजेपी हर उस टोटके को आजमाने लगे हैं, जिससे सत्ता में वापसी संभव हो सके.
चूंकि तकरीबन 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं. ऐसे में यदि इसमें संेधमारी हो जाए तो बीजेपी का सत्ता में तीबारा वापसी मुमकिन है. इसके लिए पसमांदा मुसलमानों के मुददे को हवा देकर इस कौम मंे फूट डालने की कोशिशें हो रही हैं. इसके साथ कुछ बिकाउ मौलानाओं को करीब लाया जा रहा है. संघ इस दिशा में अलग काम कर रह है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक नई कोशिश शुरू हो गई है.
न्यूज एजेंसी आईएनएस की एक खबर को सच माना जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन भाजपा नेताओं को अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु बताए.
सूत्र के मुताबिक, पीएम मोदी ने सभी धर्मों के लोगों से मिलने पर जोर दिया. पार्टी नेताओं से यूनिवर्सिटी, चर्च आदि जाकर लोगों से मिलने और बातचीत करने को कहा. साथ ही उन्होंने पसमांदा, बोहरा, पेशेवर और शिक्षित मुसलमानों से बिना वोट की उम्मीद के मिलने की ताकीद की.
एक सूत्र ने कहा, उन्होंने कहा कि इन लोगों से मिलें, लेकिन यह ध्यान रखें कि वे मतदान नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी जाकर सबसे मिलेंगे.सूत्र ने कहा कि पीएम मोदी ने नेताओं को किसी भी समुदाय के खिलाफ अवांछित टिप्पणी से बचने का भी निर्देश दिया.
भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पीएम के संबोधन के साथ समाप्त हुई. तीन प्रस्ताव – एक राजनीतिक प्रस्ताव, एक सामाजिक व आर्थिक संकल्प और जी20 शिखर सम्मेलन पर केंद्रित एक विदेश नीति प्रस्ताव पारित किए गए.