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तब बजरंग दल कुछ बोला था क्या ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, चंडीगढ़ , नई दिल्ली

कर्नाटक चुनाव के समय कट्टरवादी हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल पर जमकर हमले हो रहे हैं. यहां तक कि कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता में वापसी पर बजरंग दल पर बैन लगाने का ऐलान किया है. इस बीच बजरंग दल पर बैन लगाने की मांग समाजवादी पार्टी के नेता शिव पाल सिंह यादव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद पराचा ने भी उठानी शुरू कर दी है.

बजरंग दल पर यह हमला निरंतर बढ़ रहा है. इस क्रम मंे एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति ने बजरंग दल को घेरने के लिए कई गंभीर सवाल उठाए हैं.

बजरंज दल खुद को हिंदू हितैषी संगठन मानता है. इस वीडियो में बजरंग दल की हिंदू हितैषी चोला उतारे हुए बारबार यह सवाल पूछा जाता है कि जब हिंदू किसान लाठियां खा रहे थे तो बजरंग दल कुछ बोला था क्या ? इसी तरह अग्निपथ, नौकरी में धांधली, पेपर लीक मुददे पर जब देश के हिंदू युवा सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे, पुलिस की लाठियां खा रहे थे तो बजरंग दल बोला था ?

इस वीडियो में दो व्यक्ति दिखाए गए हैं. एक कहता दिखता है कि कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही है. फिर सामने वाले व्यक्ति से पूछता है- तुम बोलते क्यों नहीं ? इसपर दूसरा व्यक्ति सवालांे की बौछार कर देता है. वह यहां तक कहता दिखाई देता है कि जब नीरभ मोदी, मेहुल चैकसी देश के हिंदुओं की गाढ़ी कमाई लेकर विदेश भाग रहे थे, तब बजरंग दल बोला था क्या ? इस वीडियो को सोशल एक्टिविस्ट आलिया ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. मगर इसमें यह नहीं बताया गया है कि दोनों व्यक्ति कौन हैं ? वीडियो के साथ टिप्पणी में लिखा गया है-वीडियो देखकर आपकी सोच बदल जाएगी !

विहिप और बजरंग दल ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा कानूनी नोटिस

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर मानहानिकारक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए 100 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है.

विश्व हिंदू परिषद ने चंडीगढ़ विहिप के विधि प्रकोष्ठ के सह प्रमुख एडवोकेट साहिल बंसल द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे गए कानूनी नोटिस को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए कहा कि, बजरंग दल को बदनाम करने और पूरे विश्व के हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा गया है.

खरगे को भेजें कानूनी नोटिस में कहा गया है कि कर्नाटक विधान सभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करते समय उन्होंने विश्व हिंदू परिषद से जुड़े संगठन बजरंग दल की तुलना पीएफआई और इस जैसे अन्य आतंकी संगठनों के साथ करके इन दोनों संगठनों की मानहानि की है.

बता दें कि कर्नाटक विधान सभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन लगाने का वादा किया है. भाजपा ने राज्य के चुनाव में इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के तमाम स्टार प्रचारक कांग्रेस पर बजरंगबली के अपमान का आरोप लगा रहे हैं. इस नोटिस ने यह साफ कर दिया है कि अब यह लड़ाई जनता की अदालत के साथ कानून की अदालत में भी लड़ी जाएगी.

हालांकि इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए कांग्रेस ने भी जबर्दस्त पहल की है. इस क्रम में बजरंगबली को लेकर कई दिलचस्प ऐलान किए हैं, जिसका जनता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.