बुर्के पर विवाद करने वालों के लिए हैदराबाद की ऑटोचालक आसिया बेगम बनीं मिसाल
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, हैदराबाद
कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब और बुर्का विवाद अब कश्मीर तक पहुंच गया है. बावजूद इसके ‘बुर्के वालियां’ नित नए कारनामे अंजाम देकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं. ऐसी ही महिलाओं में एक हैं हैदराबाद की आसिया बेगम.आसिया बेगम हैदराबाद के पुराने शहर में बुर्का पहनकर आॅटो चलाती हैं. आत्मविश्वास के साथ उन्हें बुर्के में ऑटो चलाते हुए जो भी देखता है, तारीफ किए बिना नहीं रहता.
महिलाओं के बुर्का पहनने की मुखालफत करने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों का मानना है कि इसमें वो अनकंफर्टेबल रहतीं. गर्मियों में बुरा हाल होता है. मानसिक रूप से वह बड़ा और अलग नहीं सोच पाती हैं. कुछ लोगों की यह भी दलील है कि सुरक्षा के नजरिए से मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनती हैं. मगर बुर्के में ऑटो चलाने वाली आसिया बेगम की दलील सुनकर ऐसे लोग ढेर हो जाएंगे.
आसिया बेगम का कहना है, आत्म निर्भर होना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने ऑटो चलाना चुना.यही नहीं आसिया बेगम ने इसके लिएबाजाब्ता दारुस्सलाम में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है.आसिया बेगम की इस हौसलामंदी की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है. सहारा समय के पत्रकार सौर्य रेड्डी ने उनसे संबंधित कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिस पर अच्छी-अच्छी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
Uncommon sight, a burqa-clad #MuslimWoman auto-driver on busy streets of Old city in Hyderabad have grabbed #Hyderabadi 's attention.
— Surya Reddy (@jsuryareddy) June 10, 2023
Aasiya Begum said, she wants to be self dependent and got training at Darussalam.#Hyderabad #WomanAutoDriver pic.twitter.com/IUkn93bzhN
जय ने लिखा है-उम्मीद है इससे कई और महिलाएं प्रभावित होंगी. मोहम्मद अबू बकर ने आउटस्टैंडिंग लिखा है. वोकल, लोकल, ग्लोबल ट्विटर हैंडल से भी आसिया बेगम के इस हौसले की तारीफ की गई है.
इसके इतर गुंटूर किरण ने मोटर वैकिल एक्ट 1989 का हवा देते हुए बुर्का पहनकर ऑटो चलाने को गैरकानूनी बताया है. उनके अनुसार, आॅटो चालकों के लिए वर्दी निर्धारित है, जिसका पालन किया जाना चाहिए.अलग बात है कि उनके इस कमेंट की लोगों ने आलोचना की है और उन्हें भी आसिया बेगम के हौसले की तारीफ करने को प्रेरित किया है.