पाकिस्तान : सीनेटर अनवारुल हक कक्कड़ होंगे कार्यवाहक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अनवारुल हक काकर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.शनिवार को प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के संबंध में सलाह भेजी, जिसके बाद राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 224 ए के तहत नियुक्ति को मंजूरी दे दी.
इससे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात के बाद विपक्ष के नेता राजा रियाज ने मीडिया से कहा कि सीनेटर अनवर हक कक्कड़ कार्यवाहक प्रधानमंत्री होंगे.शनिवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए दिए गए नामों पर विचार किया गया, जिसके बाद सीनेटर अनवर हक कक्कड़ के नाम पर सहमति बनी.कार्यवाहक प्रधानमंत्री को लेकर प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता ने संयुक्त हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति को सलाह भेज दी है.
मीडिया से बात करते हुए राजा रियाज ने कहा कि उनके द्वारा दिए गए नाम पर प्रधानमंत्री सहमत हैं.सीनेटर अनवारुल हक काकर बलूचिस्तान अवामी पार्टी से हैं.इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विपक्षी नेता राजा रियाज के बीच मुलाकात हुई, जिसके बाद राजा रियाज ने कहा कि जब तक इस पर अंतिम मुहर नहीं लगती, तब तक किसी नाम का खुलासा नहीं किया जाएगा.
صدر مملکت ڈاکٹر عارف علوی نے انوار الحق کاکڑ کی بطور نگران وزیراعظم تعیناتی کی منظوری دے دی
— The President of Pakistan (@PresOfPakistan) August 12, 2023
صدر مملکت نے تعیناتی کی منظوری آئین کے آرٹیکل 224 ایک اے کے تحت کی pic.twitter.com/U8mGQXLZva
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राजा रियाज ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में तीन नाम दिए , जबकि शाहबाज शरीफ ने भी तीन ही नाम दिए , जिन पर मंत्रणा हुई.राजा रियाज ने कहा कि इस मामले पर एक और बैठक होगी जिसमें वे एक-दूसरे द्वारा दिए गए नामों पर विचार करेंगे.
विपक्ष के नेता ने कहा कि एक आदमी को प्रधानमंत्री बनना है. हमने तय किया है कि जब तक कोई नाम फाइनल नहीं होता, तब तक हम किसी नाम का खुलासा नहीं करेंगे. कुल छह नाम सामने आए. हो सकता है परसों तक कुछ फाइनल हो जाए.
बुधवार को नेशनल असेंबली के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह गुरुवार को राजा रियाज से मुलाकात करेंगे. संविधान तीन दिन की छूट अवधि देता है. अगर हम फैसला नहीं कर पाए तो मामला सदन में भेजेंगे.
भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति को लेकर संकेत दिया कि अगर इस बैठक में वह राजा रियाज से सहमत नहीं हो पाए तो ऐसी स्थिति में मामला एक बार फिर सदन में आएगा.सरकार और विपक्ष के बीच आदर्श संबंधों को ध्यान में रखते हुए उम्मीद थी कि नेशनल असेंबली के विघटन से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री की घोषणा कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की स्थिति यह रही कि हम परामर्श के बाद एक ऐसे व्यक्ति का नाम चुनेंगे जो सभी को स्वीकार्य हो.