महमूद मदनी का CAA समर्थन और ओवैसी पर हमला: मुस्लिम तबके में नाराजगी
मुस्लिम नाउ स्पेशल
मौलाना महमूद मदनी, ‘चिश्ती’ और ‘इलियासी’ जैसे तथाकथित मुस्लिम नेताओं की वास्तविकता अब देश के मुसलमानों के सामने खुलकर आ चुकी है. ये नेता किसकी जमीन पर खड़े हैं, किनके समर्थक हैं और उनका चूल्हा किसकी कृपा से जलता है, यह सब लोगों को बखूबी पता है. इसके बावजूद, मुस्लिम तबका इसलिए खामोश रहता है क्योंकि पूरी दुनिया में इस कौम के बीच फूट डालने की साजिशें हो रही हैं. ऐसे माहौल में, अगर महमूद मदनी जैसे नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला जाए, तो समुदाय के भीतर दरारें और गहरी हो सकती हैं.
प्रधानमंत्री @narendramodi जी को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं। ईश्वर आपको और ऊर्जावान बनाए ताकि देश के लिए इसी समर्पण भाव से आप और काम कर सकें। pic.twitter.com/CMaoqDHrjn
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) September 17, 2024
हाल ही में, महमूद मदनी ने एक राष्ट्रवादी पत्रकार सुशांत सिन्हा के पोडकास्ट शो पर जाकर खुद को विवादों में घसीट लिया. सुशांत सिन्हा का झुकाव और उनके विचार सबको पता हैं. जो लोग सिन्हा को बेहतर जानना चाहते हैं, वे उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स पर एक नजर डाल सकते हैं.
मौलाना मदनी ताल ठोक के कह रहे हैं NRC आनी चाहिए। कह रहे हैं जमीयत का भी यही स्टैंड है.. प्रधानमंत्री @narendramodi जी और गृहमंत्री @AmitShah जी संज्ञान लें.. देश की जरूरत है NRC pic.twitter.com/HHLsdSM2yJ
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) September 27, 2024
इस इंटरव्यू के दौरान, जिस तरह के सवाल महमूद मदनी से पूछे गए और उन्होंने जो जवाब दिए, उससे साफ जाहिर होता है कि दोनों को इस बातचीत के नतीजों का पहले से अंदाजा था. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा इस इंटरव्यू को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
मौलाना महमूद मदनी के इंटरव्यू के बाद देशभर से उनकी आलोचना हो रही है, वहीं एडवोकेट @MehmoodPracha की बहुत तीखी प्रतिक्रिया आई है. आपका क्या कहना है? क्या मौलाना महमूद मदनी के लिए इस तरह की प्रतिक्रिया सही है? या फिर प्राचा साहब को ऐसा नहीं बोलना चाहिए?
— Aqil Raza 🇮🇳 عاقل رضا (@AqilRazaAR) September 28, 2024
अपना जवाब दें….… pic.twitter.com/TmRQo8pWmu
इस इंटरव्यू के दौरान, महमूद मदनी ने CAA और NRC का समर्थन करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमान भारत में बसने आते हैं, तो वे खुद उनके खिलाफ खड़े हो जाएंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की CAA कानून के लिए सराहना की, जबकि देश का अधिकांश मुसलमान इस कानून का विरोध कर रहा है.
95 सेकंड में समझिए कि Waqf Tribunal की क्या जरूरत है..
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) September 26, 2024
(चेतावनी- वीडियो देखकर माथा मत फोड़ लीजियेगा 😅😅) pic.twitter.com/LYnYOU05t5
मुस्लिम समाज का मानना है कि धर्म के आधार पर कोई कानून बनाना उचित नहीं है. यदि पड़ोसी देशों से प्रताड़ित हिंदू, सिख और बौद्ध नागरिक भारत आ सकते हैं, तो वहां के पीड़ित मुसलमान क्यों नहीं?
यही सवाल उठाकर देशभर में CAA के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए थे, और कई मुस्लिम युवा इस दौरान गिरफ्तार हुए, जो अभी भी जेलों में बंद हैं. पराचा का मानना है कि महमूद मदनी की कोई ठोस नीति नहीं है, और किसी दिन वे इन युवाओं के खिलाफ अदालत में बयान दे सकते हैं. मदनी का CAA पर मोदी की तारीफ करना, कई मुसलमानों को चुभ रहा है.
मुसलमान ही मुसलमानो का दुश्मन है ।।#HamareSadar pic.twitter.com/fa9UrNQnvC
— Inspiretrail (@_inspiretrail_) September 27, 2024
सबसे अधिक विवाद तब खड़ा हुआ जब महमूद मदनी ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी मुसलमानों को बांट रहे हैं. उनके समर्थकों को ‘पागल’ करार दिया. इसके बाद महमूद मदनी का तीखा विरोध शुरू हो गया.सोशल मीडिया पर मदनी के खिलाफ और ओवैसी के समर्थन में प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद नसीरूद्दीन ने मदनी की आलोचना करते हुए कहा कि मौलाना महमूद मदनी का रास्ता उनके पूर्वज मौलाना हुसैन अहमद मदनी से बिल्कुल अलग है.
जिस रास्ते पर यह मौलाना महमूद मदनी साहब चल रहे हैं वह इनके अजदाद यानी मौलाना हुसैन अहमद मदनी साहब का रास्ता नहीं है पंजाब के शाही इमाम साहब बैरिस्टर @asadowaisi साहब के स्पोर्ट में बयान दिए पूछे कौन नही मानता मुसलमानो का नेता ओवैसी साहब है को ? pic.twitter.com/sinQgeguIe
— Mohammed Naseeruddin (@naseerCorpGhmc) September 27, 2024
वहीं, मौलाना सज्जाद अहमद नोमानी ने भी ओवैसी के खिलाफ मदनी की टिप्पणी को गलत बताया, और ओवैसी को सलाह दी कि वे अपनी रणनीति पर और विचार करें.दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने भी महमूद मदनी के बयान से असहमति जताते हुए कहा कि वह इस बयान से खुद को अलग करते हैं.
मौलाना सज्जाद अहमद नोमानी का दूसरा बयान सुने असदुद्दीन ओवैसी के बारे में pic.twitter.com/LhtghCpORt
— Khubsurat Hindustan Hamara (@sheliya_to92293) September 27, 2024
इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें महमूद मदनी की बयानबाजी और उनके असली चरित्र को उजागर करने की कोशिश की गई है. वीडियो में यह दिखाया गया है कि मदनी अक्सर बोलते तो हैं, लेकिन जब सड़कों पर उतरने की बारी आती है, तो वे चुप्पी साध लेते हैं.
दारुल_उलूम_देवबंद के मोहतमिम (प्रिंसिपल) मुफ़्ती अबुल क़ासिम नोमानी साहब ने मौलाना महमूद मदनी के बयान से मैं ला ताल्लुकी का इज़हार करता हूं
— Unique Refrigeration (@FurqanAhmadkh62) September 27, 2024
सुने पूरे बयान को 👇@awafaazmi @MuslimSpaces @Mufasa1O1 @KhanFarnas81894 @AsmaZehradr @Qayadat123 @SyedBabaG @chandnii__ pic.twitter.com/FXPVEaR0m9
मालेगांव से विधायक और दारुल उलूम देवबंद की शूरा कमेटी के सदस्य मुफ्ती इस्माइल कासमी ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो जारी कर महमूद मदनी को कड़ा जवाब दिया है.
दोस्तों वीडियो को पूरा देखना और शेयर करना
— Mehdi Hasan (AIMIM) (@MehdiHa67774942) September 28, 2024
भारत का मुसलमान महमूद मदनी के खिलाफ मुसलमान ने दिया करारा जवाब@asadowaisi @JamiatUlama_in #ViralVideos #trendingvideo#highlight #India #viralpost2024 #trendingpost #Bharat pic.twitter.com/XiJDDXEQE3
इस इंटरव्यू के बाद से मौलाना महमूद मदनी पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गए हैं. मुस्लिम नेतृत्व की बिरादरी में अब तक उनकी हिमायत में कोई आवाज नहीं उठी है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब कश्मीर और हरियाणा में चुनाव हो रहे हैं, तो ऐसे वक्त में इस इंटरव्यू का मकसद क्या है?
AIMIM महाराष्ट्र मालेगांव से MLA और दारुलउलम देवबंद की शुरा कमेटी के मेम्बर जनाब @MuftiIsmailQsm साहब ने कांग्रेसी नेता महमूद मदनी को करारा जवाब दिया किया आप लोग मुफ्ती इस्माइल क़ासमी साहब के करारा जवाब से मुत्तफिक है ? pic.twitter.com/gQB2ZIa6Yp
— Mehdi Hasan (AIMIM) (@MehdiHa67774942) September 27, 2024
क्या महमूद मदनी किसी सरकारी पद, जैसे राज्यपाल बनने की तैयारी कर रहे हैं, या फिर वे दूसरी ओर जाकर ‘सरकारी मौलाना’ बनने की कोशिश में हैं?