हरियाणा वक्फ बोर्ड के इमामों की चेतावनी, मांगें पूरी करें, नहीं तो ले सकते हैं बड़ा फैंसला।
यूनुस अलवी, नूंह ( मेवात/हरियाणा )
हरियाणा वक्फ बोर्ड की ओर से प्रदेश भर की जामा मस्जिद और अन्य मस्जिदों में कार्यरत इमामों के संगठन तंजीम आईमा ए ओकाफ के जोन तीन के इमामों की शनिवार को कस्बा पिनगवां की मस्जिद अबुबर परिसर में बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता तंजीम आईमा ए ओकाफ के प्रदेश अध्यक्ष मोलाना मोहम्मद हनीफ ने की.
इस मौके पर मेवात, पलवल, फरीदाबाद, गुरूग्राम सहित कई जिलों के सैंकड़ों इमामों ने भाग लिया. बैठक में केयर टैकर इमामों को प्रमोट करने तथा डयूटी के दौरान मरने वाले इमामों के परिजनों को नोकरी लगाने जैसे कई मांगों को पूरा करने के लिए हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक से मांग की गई. वहीं मांगें जल्द पूरी न होने पर इमाम संगठन की ओर से कोई भी कठोर फैसले लेने की भी चेतावनी दी गई.
तंजीम आईमा ए ओकाफ के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद हनीफ, महासचिव मौलाना सलीम अहमद, उपाध्यक्ष मौलाना मुहम्मद अहमद ने बताया कि वक्फ बोर्ड की ओर से करीब 84 इमामों को बतौर केयर टेकर इमाम लगाया हुआ था जिनमें से 45 के केयर टेकर को फुल फलैश इमाम बना दिया गया, जबकि अभी भी 39 केयर टेकर को इमाम का दर्जा नहीं दिया है. जिसकी वजह से उनको करीब पांच हजार वेतन कम मिल रहा है जबकि वे भी इमाम है. जो अन्य की तरह मस्जिदों में इमामत करते हैं.
उन्होने बताया कि वक्फ बोर्ड का नियम है कि अगर किसी इमाम की उनके कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के व्यक्ति को उसकी जगह इमाम की नौकरी मिल जाती है. लेकिन वर्ष 2018 के बाद से करीब 26 इमामों की मृत्यु हो चुकी है लेकिन अभी तक किसी को भी इमाम की नौकरी नहीं दी गई है.
उनका कहना है कि हरियाणा के इमामों को तीन जोन में बांटा हुआ है. अब तक जोन एक और तीन के इमामों की बैठक हो चुकी है जल्द ही जोन तीन की बैठक होने के बाद प्रदेश भी के इमामों की अंबाला में बैठक होगी. अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो इमाम संगठन कोई भी बड़ा फैंसला ले सकते हैं.
बल्लभगढ़ के गांव गौंची की मस्जिद के इमाम मोलोना अली मोहम्मद ने बताया कि उसको बतौर इमाम नियुक्त किया गया था लेकिन उसे केयर टेकर का वेतन दिया जा रहा है. वह काफी समय से इमाम का दर्जा देने की मांग करता आ रहा है. इमाम का दर्जा ने मिलने से उसे करीब पांच हजार रूपये महिना नुकसान हो रहा है.
गांव साकरस की मस्जिद में इमामत करने वाले मौलाना यूसुफ का कहना है कि उसके पिता का करीब तीन साल पहले इंतकाल हो गया था. उनकी जगह वह तभी से इमामत करता आ रहा है। उसे अभी तक न तो कोई वेतन दिया गया है और ने ही उसकी पिता की जगह इमाम नियुक्त किया गया. जब उससे एक इमाम ने रिश्वत के तौर पर पांच हजार रुपये भी लिए थे.
बैठक में तंजीम आईमा ए ओकाफ संगठन के पदाधिकारियों के अलावा मोलान नूरदीन, मोलाना हारून, मोलाना इजहार, मोलाना इद्रीश, मोलाना तलहा, मोलाना बदरे आलम, हाजिफ मुअज्जम, मुहम्मद अली, मोलाना मजीद और मोलाना अम्मार सहित सैंकड़ों इमाम मौजूद रहे.