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क्या हमास आतंकवादी संगठन है ?

सारा अल दीब और मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेल अबीब नई दिल्ली

इजरायल पर अचानक बड़े पैमाने पर आक्रमण कर हमास ने दुनिया को चैंका दिया है. मगर इसके साथ ही यह बहस पर चल निकली है कि क्या हमास आतंकवादी संगठन है ?इस सवाल पर कई देशों एवं बुद्धिजीवी वर्गों की अलग-अलग राय है. इजरायल, अमेरिकी एवं यूरोपीय देश हमास को आतंकवादी संगठन मानते हैं, जबकि मुस्लिम देशों की राय इसके विपरीत है. कई मुस्लिम देशांे ने तो गाजा पर इजरायल के ताबड़-तोड़ हमले पर उसे जंग की चेतावनी दे डाली है.

इसके बावजूद यह मूल प्रश्न अपनी जगह बना हुआ है कि क्या हमास आतंकवादी संगठन है ? आइए, इस प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमास की हकीकत जान लें.

एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास, जो 2007 में गाजा पर शासन कर चुका है, ने सप्ताहांत में इजराइल पर भयंकर हमला कर दिया था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए. इसके अलावा हमास ने बड़ी तादाद में इजरायल के लोगों को बंधक भी बना लिया है. इजरायल सीमा के अंदर हमास के अभूतपूर्व हमले ने इजराइल और उसके सहयोगियों को भयंकर झटका दिया है. यही नहीं इसकी क्षमताओं, सुरक्षा रणनीति पर भी सवाल उठने लगे हैं

क्या हमास आतंकवादी संगठन है ?

इस समूह की स्थापना 1987 में गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनी शरणार्थी शेख अहमद यासीन द्वारा पहले इंतिफादा या विद्रोह के दौरान की गई थी, जिसे इजराइल के कब्जे के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के तौर पर माना जाता है.

हमास इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन का अरबी संक्षिप्त रूप है. यह समूह की जड़ों और सुन्नी दुनिया के सबसे प्रमुख समूहों में से एक. इसने मुस्लिम ब्रदरहुड, जो 1920 के दशक में मिस्र में स्थापित हुआ था, के साथ शुरुआती संबंधों की मान्यता दी हुई है.

हमास समूह ने इजराइल को नष्ट करने की कसम खाई है. इसने इजरायली नागरिकों और इजराइली सैनिकों पर कई आत्मघाती बम विस्फोट और घातक हमले किए हैं.अमेरिका के विदेश विभाग ने 1997 में हमास को एक आतंकवादी समूह नामित किया है. यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देश भी इसे एक आतंकवादी संगठन मानते हैं.

वैसे, हमास ने 2006 के संसदीय चुनाव जीते और 2007 में हिंसक तरीके से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फिलिस्तीनी प्राधिकरण से गाजा पट्टी का नियंत्रण छीन लिया था. प्रतिद्वंद्वी फतह आंदोलन के प्रभुत्व वाला फिलिस्तीनी प्राधिकरण, इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के अर्ध-स्वायत्त क्षेत्रों का प्रशासन करता है.

इजराइल ने गाजा पर नाकाबंदी करके हमास के अधिग्रहण का जवाब दिया है. क्षेत्र के अंदर और बाहर लोगों और सामानों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है. यह समूह को हथियार विकसित करने से रोकने के लिए आवश्यक है. नाकाबंदी ने गाजा की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है. फिलिस्तीनियों ने इजराइल पर सामूहिक दंड का आरोप लगाया है.इन वर्षों में, हमास को कतर और तुर्की जैसे अरब देशों से समर्थन प्राप्त हुआ. हाल ही में, वह ईरान और उसके सहयोगियों के करीब पहुंच गया.

हमास के नेता कौन हैं?

हमास के संस्थापक और आध्यात्मिक नेता यासीन – एक लकवाग्रस्त व्यक्ति थे. वह व्हीलचेयर का उपयोग करते थे. उन्हांेने इजराइली जेलों में वर्षों बिताए और हमास की सैन्य शाखा की स्थापना की देखरेख की, जिसने 1993 में अपना पहला आत्मघाती हमला किया था.

इजरायली सेना ने वर्षों से हमास नेताओं को निशाना बनाया है, जिसमें 2004 में यासीन की मौत शामिल है.खालिद मशाल, एक निर्वासित हमास सदस्य हैं, जो पहले इजरायली हत्या के प्रयास में बच गया थे. उन्हें जल्द ही हमास समूह का नेता बन गया था.

गाजा में येहिया सिनवार और निर्वासन में रह रहे इस्माइल हनियेह हमास के वर्तमान नेता हैं. उन्होंने समूह के नेतृत्व को ईरान और लेबनान के हिजबुल्लाह सहित उसके सहयोगियों के साथ फिर से जोड़ा है. तब से, समूह के कई नेता बेरूत में स्थानांतरित हो गए हैं.

हमास क्या चाहता है?

हमास ने कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों को मुक्त कराने के साधन के रूप में हमेशा हिंसा का समर्थन किया है. इजरायल के विनाश का आह्वान किया है.हमास ने आत्मघाती बम विस्फोट किए हैं और पिछले कुछ वर्षों में गाजा से इजराइल की ओर हजारों शक्तिशाली रॉकेट दागे हैं. इसने हथियारों की तस्करी के लिए गाजा से मिस्र तक चलने वाली सुरंगों का एक नेटवर्क भी स्थापित किया. साथ ही इजराइल पर सुरंगों से हमला किया.हाल के वर्षों में, हमास इजराइल पर हमला करने के बजाय गाजा को चलाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करता हुआ दिखाई दिया.

हमास का हमला अब क्यों ?

हाल के वर्षों में, इजराइल ने फिलिस्तीनियों के साथ अपने संघर्ष में रियायतें दिए बिना अरब देशों के साथ शांति समझौते किए हैं. हाल में हमास के ईरानी समर्थकों के कट्टर प्रतिद्वंद्वी, इजराइल और सऊदी अरब के बीच एक समझौता कराने की कोशिश कर रहा है.

इस बीच, इजराइल की नई धुर-दक्षिणपंथी सरकार फिलिस्तीनी विरोध के बावजूद वेस्ट बैंक में इजराइली बस्तियों को पक्का करने के लिए काम कर रही थी.हमास नेताओं का कहना है कि वेस्ट बैंक में आतंकवादियों पर इजरायली कार्रवाई, लगातार बस्तियों का निर्माण – जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय अवैध मानता है – इजरायली जेलों में हजारों कैदी, और गाजा पर इसकी चल रही नाकाबंदी ने इसे हमले के लिए प्रेरित किया.

इसके नेताओं का कहना है कि उसके 40,000 लड़ाकों में से सैकड़ों ने हमले में हिस्सा लिया. इजराइल का कहना है कि समूह के पास लगभग 30,000 लड़ाकू विमान और रॉकेटों का एक शस्त्रागार है, जिनमें से कुछ की मारक क्षमता लगभग 155 मील और मानवरहित ड्रोन हैं.

हमास पर आतंकवादी का ठप्पा क्यों ?

नागालैंड पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान द्वारा बड़े पैमाने पर सुसज्जित और वित्तपोषित आतंकवादी संगठन हमास, जिसकी संख्या लगभग 2500 है, के बाद अंतरराष्ट्रीय ध्यान इजरायल-गाजा युद्ध पर केंद्रित हो गया है. हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को यहूदी सब्बाथ (शनिवार) को इजरायल-गाजा बाधा को तोड़ दिया और सैन्य ठिकानों पर हमला किया और नागरिकों का नरसंहार किया. हमले के बाद एक साथ इजरायली कस्बों और शहरों पर 7000 से अधिक रॉकेट दागे गए, जिसमें 200 से अधिक सैनिकों सहित 1,300 से अधिक इजरायली मारे गए और लगभग 3000 अन्य घायल हो गए. जवाबी कार्रवाई में, इजराइल ने गाजा में आवासीय भवनों में छिपे हमास आतंकवादियों पर विनाशकारी बमबारी अभियान चलाया, जिसमें 724 बच्चों सहित 2,329 लोग मारे गए, और 9,714 अन्य घायल हो गए.

हमास और इजरायल का संघर्ष पुराना है

हालिया इजराइल-हमास संघर्ष पहला नहीं है. 2008, 2012, 2014 और 2021 में ऐसी कई अन्य घटनाएं हो चुकी हैं. हमास हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया (इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन) का संक्षिप्त रूप है. इसकी स्थापना 1987 में इंतिफादा या दिसंबर 1987 में इजराइल के खिलाफ विद्रोह के दौरान एक फिलिस्तीनी मौलवी शेख अहमद यासीन ने की थी. हमास गाजा पट्टी में प्रमुख शक्ति है, जबकि वेस्ट बैंक पर ज्यादातर नियंत्रण है. फिलिस्तीनी प्राधिकरण इजरायली सरकार और पीएलओ के बीच ओस्लो समझौते का एक हिस्सा है, जिसका नेतृत्व कभी यासर अराफात किया करते थे. आज वे समझौते खटाई में पड़ गए हैं और पीए भी. 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले से उसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. हमास ने 7000 से अधिक रॉकेटों और ड्रोन बमों की बौछार के साथ एक सफल हमला करके एक साहसिक कार्रवाई की थी.