गाजा में इजरायली हमले में अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर फिलिस्तीनी राजदूत हुसाम जोमलाॅट बोले- झूठ बोल रहे हैं बाइडेन, यूएस सैन फ्रांसिस्को में भारी विरोध प्रदर्शन
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, वाॅशिंगटन
गाजा में इजरायली हमले से लाशों के ढेर बिछने के बावजूद राष्ट्रपति जो बाइडेन के रवैये के खिलाफ अमेरिकियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. इजरायली हमले और बाइडेन के रवैये के विरूद्ध जहां अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. वहीं इस मामले में ब्रिटेन मंे फिलिस्तीन के राजदूत हुसामा जोमलाॅट ने जो बाइडेन को झूठा करा दिया है.
दो दिन पहले इजरायल द्वारा गाजा के सिटी अस्पताल पर हमले में 500 से अधिक लोग मारे गए थे. इसके बाद से इजरायल के इस बर्बर कार्रवाई की विश्व व्यापी स्तर पर आलोचना हो रहा है. यहां कि इसके मित्र फ्रांस ने भी हमले की मुखालफत की है. मगर इस मामले में जो बाइडेन का बयान आया है, ‘‘गाजा में अस्पताल पर हमले की कार्रवाई इजरायल की नहीं किसी दूसरी पार्टी की है.’’
यह दूसरी पार्टी कौन है ? इसका खुलासा बाइडेन ने नहीं किया, पर अपने इस बयान से वे बुरी तरह घिर गए हैं. उनके बयान की व्यापक स्तर पर आलोचना हो रही है.
यहां तक कि ब्रिटिश टीवी होस्ट पियर्स मॉर्गन के साथ साक्षात्कार में, फिलिस्तीनी राजदूत हुसाम जोमलॉट ने गाजा में अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर हवाई हमले के संबंध में राष्ट्रपति बिडेन द्वारा दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की है. उन्हांेने बाइडेन को ‘झूठा’ तक करार दिया है.
In a recent viral interview with British TV host Piers Morgan, Palestinian Ambassador Husam Zomlot confronted the statements made by President Biden regarding the air strike on Al-Ahli Baptist Hospital in Gaza pic.twitter.com/XPW7plug9W
— Middle East Eye (@MiddleEastEye) October 19, 2023
दूसरी तरफ गाजा में इजरायल के नरसंहार के विरोध और फिलिस्तीनियों के समर्थन में गुरूवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक बड़ी रैली रैली निकाली गई. इसमें इजरायल और बाइडेेन के रवैये की आलोचना की गई और विरोध में नारे गलाए गए. ऐसा ही विरोध प्रदर्शन स्पेन में भी हुआ.
हालांकि, बाइडेन के हवाले से यह खबर भी आई है कि गाजा तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए रास्ता हमवार करने में उन्हांेने गंभीरता दिखाई है.
Massive protest in Barcelona Spain🇪🇸 in support of Palestine.#INDvsBAN#IsraelAttack #GazaHospital #IsraelAttack #غزة_تُباد #مستشفى_المعمداني #Gaza #Israel #FreePalestine #ofmds2spoilers #حماس Hamas in the west bank Libya Iraq #Iran Hezbollah #Lebanon TelAviv Russia USA Rishi pic.twitter.com/e3OGHDrdbj
— 8K Photography (@HaseebA03330143) October 19, 2023
इधर, गाजा की आबादी पर इजराइली विमानों के हवाई हमले जारी हैं. खान यूनिस समेत कई इलाकों में कई इमारतें तबाह हो गईं. इस दौरान कई लोग शहीद हो गए और सैकड़ों घायल हो गए. इजरायली विमानों ने खान यूनिस के एक स्कूल पर भी हमला किया. संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित शिविर में जहां सैकड़ों फिलिस्तीनी शरणार्थी हैं वहां बम गिराएं. शिविर में 6 लोग मारे गए जबकि कई के घायल होने की खबर है.
A big rally in San Francisco USA today in support of palestine 🇵🇸.#GazaHospital#حماس #فلسطين_الان #IsraelAttack #غزة_تُباد #غزة_تستغيث #PalestineGenocide #IsraelTerorrist #IsraeliNewNazism #Gaza #Israel Russia Hamas in the west bank
— The Licit (@TheLicit_) October 19, 2023
Russia TelAviv Libya pic.twitter.com/XQ4Yr64mxB
राष्ट्रपति बिडेन ने दावा किया कि इजरायल राफा से गाजा को मानवीय सहायता भेजे जाने पर निशाना नहीं बनाएगा. हालांकि, मिस्र द्वारा गलियारे के द्वार बंद रखे गए हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि अमेरिका ने युद्ध जारी रखने का समर्थन किया है. इजरायली सेना और लेबनानी मिलिशिया हिजबुल्लाह के बीच बुधवार को भी गोलीबारी और गोलाबारी हुई. हिजबुल्लाह का कहना है कि इजरायली बमबारी में उसके दो और लड़ाके शहीद हो गए. इजरायली बलों ने हिज्बुल्लाह के सदस्यों पर ड्रोन हमले की सूचना दी है. हिजबुल्लाह का कहना है कि उसने उत्तरी इजराइल के हनीता क्षेत्र में इजराइली टैंकों को निशाना बनाया. इसके उलट मध्य पूर्व के कई देशों में अमेरिका, इजराइल और फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन जारी है.
कैपिटल हिल में यहूदी समूहों का धरना, यहूदी समूहों द्वारा संघर्ष विराम की मांग और ग्रेट ब्रिटेन में टेन डाउनिंग स्ट्रीट पर विरोध रैली निकाली गई. संयुक्त राज्य अमेरिका ने गाजा में संघर्ष विराम और मानवीय सहायता की पहुंच के लिए सुरक्षा परिषद में ब्राजील द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव को वीटो कर दिया. अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि इस प्रस्ताव के पाठ में इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार का उल्लेख नहीं है. सुरक्षा परिषद के 15 में से 12 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. रूस और ग्रेट ब्रिटेन ने भाग नहीं लिया.