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मैं राष्ट्रपति नहीं होता तो जेल में होता, मुझे नहीं लगता कि चुनाव में जनवरी में होंगे: डॉ. आरिफ अल्वी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने कहा है कि अगर वह राष्ट्रपति न होते तो इस वक्त जेल में होते.उन्होंने बुधवार को जियो न्यूज के कार्यक्रम कैपिटल टॉक में हामिद मीर को दिए इंटरव्यू में पीटीआई नेताओं के गायब होने को लेकर कहा कि कार्यवाहक सरकारों की हरकतें हो रही हैं. लोगों को उठाया जाता है. उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है. ऐसा न हो कि अगर मैं यहां नहीं होता तो जेल में होता.

उन्होंने कहा कि इससे ​​खान साहब की लोकप्रियता कम नहीं हो रही है, बल्कि बढ़ रही है.देश के राष्ट्रपति ने पवित्र कुरान और हदीसों का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय देश को एकजुट करना जरूरी है और सावधानी से काम करना चाहिए. उन्होंने पीएमएल-एन नेता नवाज शरीफ के मीनार पाकिस्तान में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि नवाज शरीफ ने सभी के साथ मिलकर काम करने की बात कही है. अगले दिन गैलप सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या नवाज शरीफ को इमरान खान को साथ लेना चाहिए. 70 फीसदी लोगों ने हां कहा.

सर्वे में लोगों ने पीएमएल-एन को नैरेटिव दिया है कि सभी को एक साथ चलना चाहिए.देश के राष्ट्रपति ने कहा कि अगर मैं हज पर नहीं गया होता तो चुनाव अधिनियम 2017 में संशोधन पर हस्ताक्षर नहीं करता.राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी का कहना है कि उन्हें यकीन नहीं है कि चुनाव जनवरी के आखिरी हफ्ते में होंगे, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव को अब और टालने की इजाजत नहीं देगा.

आरिफ अल्वी ने कहा कि हर कोई लेवल प्लेइंग फील्ड की बात कर रहा है. बहुत कम लोग हैं जो ऐसा नहीं कह रहे हैं. देश के भविष्य के लिए पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव होना जरूरी है जिसमें सभी को भाग लेने का मौका मिले.9 मई को हुई घटनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने उनकी निंदा की. मैं बर्बरता के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन मैं कहता हूं कि आगे का रास्ता खुलना चाहिए.

इमरान खान के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैंने निजी तौर पर इमरान खान को वित्तीय मामलों में ईमानदार और देशभक्त पाया.उनसे पूछा गया कि हाल ही में इमरान खान की बहन अलीमा खान उनसे जेल में मिलीं और उन्होंने कहा कि इमरान खान आपसे खुश नहीं हैं, नजर रखें.कुछ चीजें हैं जो मैं यहां नहीं कह सकता, लेकिन एक दोस्त और हमदर्द के रूप में वे मुझ पर नजर रखते हैं. वह अब भी मेरे नेता हैं.