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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, जानिए उनके बारे में डिटेल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी की तबीयत बिगड़ गई है. उन्हें रायबरेली से लखनऊ लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.बताया जा रहा है कि निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों की टीम इलाज में लगी हुई है.

बेबाक हैं मौलाना राबे हसनी नदवी

बता दें कि मौलाना राबे हसनी नदवी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. वह अक्सर समाज के लोगों को धार्मिक मामलों को लेकर सलाह देते हैं. एक सभा में उन्होंने खेद व्यक्त किया कि मुसलमानों ने इस्लाम धर्म को केवल नमाज तक सीमित कर दिया है. सामाजिक मामलों की उपेक्षा की जा रही है. शादियों में दहेज देने के बजाय लड़कियों को संपत्ति में उनका असली अधिकार दिया जाना चाहिए.

इस्लाम करता है मार्गदर्शन

मौलाना राबे हसन नदवी ने कहा कि इस्लाम धर्म जीवन के हर क्षेत्र में हमारा मार्गदर्शन करता है. इसलिए मुसलमानों को हर क्षेत्र में हलाल और हराम का ध्यान रखना चाहिए. इस्लाम को केवल इबादत तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए. इस्लामिक शरीयत को बदनाम किया जा रहा है.

लड़की को दें संपत्ति में अधिकार

उनका कहना है कि मुसलमानों को सामाजिक रीति-रिवाजों से बचना चाहिए और सुन्नत और शरीयत के अनुसार शादी करनी चाहिए. शादी में दहेज देने के बजाय लड़की को संपत्ति में उसका अधिकार देना चाहिए. निकाह के दौरान इस्लामिक दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिएए ताकि कोई भी मुस्लिम लड़की अपने घर में बिन ब्याही ना बैठे. उनका मानना है कि इसके लिए शादियों को आसान बनाया जाए और बिना दहेज वाली शादियां हों.

सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी के बारे में जानिए डिटेल

मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी का जन्म 1 अक्टूबर, 1929 को टाकिया कलां, रायबरेली में सैयद रशीद अहमद हसनी और उम्मातुल अजीज के परिवार में हुआ. मोहतरमा उम्मातुल अजीज मौलाना सैयद अबुल अहसन अली नदवी उर्फ ​​अली मियां नदवी की बहन थीं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा रायबरेली में अपने परिवार के मकतब से पूरी की. 1958 में दारुल उलूम नदवतुल उलेमा, लखनऊ से फजीलत उत्तीर्ण की. उन्होंने 1957 में दारुल उलूम, देवबंद में एक वर्ष और वर्ष 1950-51 में शिक्षा और दावा के लिए हिजाज में बिताया.

उपलब्धियों से भरा जीवन

मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी एक प्रसिद्ध विद्वान हैं. वह मौलाना सैयद अबुल हसन अली नदवी उर्फ ​​अली मियां (रहमतुल्लाह अली) के भतीजे हैं. 1949 में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें दारुल उलूम नदवतुल उलेमा में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया. वे आगे की पढ़ाई और शोध के लिए 1950-1951 तक हिजाज में रहे. 1952 में उन्हें दारुल उलूम नदवतुल उलेमा, लखनऊ में सहायक प्रोफेसर नियुक्त किया गया. उन्हें 1955 में नदवा में अरबी विभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया. 1970 में नदवा के अरबी संकाय के डीन नियुक्त किए गए. अरबी भाषा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उसी वर्ष अरबी भाषा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. 1993 में उन्हें दारुल उलूम नदवतुल उलेमा का मुहतमिम (वाइस चांसलर) नियुक्त किया गया. 1999 में उन्हें नदवा का नायब नाजिम (चांसलर) नियुक्त किया गया और 2000 में मौलाना सैयद अबुल हसन अली नदवी (रहमतुल्लाह अली) की मृत्यु के बाद, उन्हें नदवा के नाजिम (रेक्टर) के रूप में चुना गया. पूर्व सदर हजरत मौलाना काजी मुजाहिदुल इस्लाम कासमी (रहमतुल्लाह अली) की मृत्यु के बाद जून 2002 में हैदराबाद में उन्हें सर्वसम्मति से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया.

मौलाना ने लिखी हैं करीब 30 किताबें

उन्होंने जापान, मोरक्को, मलेशिया, मिस्र, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, उज्बेकिस्तान, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य अरब, यूरोपीय और अफ्रीकी देशों की यात्रा की है. उन्होंने कई अप्रकाशित कार्यों के अलावा उनकी अरबी में 15 पुस्तकें और उर्दू में 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. वर्तमान में वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष हैं. वह विभिन्न संगठनों में भी कई संभालते हैं.

  • आलमी रबिता अदब-ए-इस्लामी, रियाद के उपाध्यक्ष
  • अध्यक्ष, मजलिस-ए-तहकीकत-ओ-नशरियत इस्लाम, लखनऊ
  • अध्यक्ष, मजलिस-ए-सहफत-ओ-नशरियत, दारुल उलूम नदवतुल उलेमा, लखनऊ
    -अध्यक्ष, दीनी तालीमी परिषद, उत्तर प्रदेश
    -अध्यक्ष, दार-ए-अरफात, रायबरेली
  • संस्थापक सदस्य, रबिता आलम-ए-इस्लामी, मक्का मुकरमा
    -सदस्य, दारुल मुसानफिन, आजमगढ़
  • ट्रस्टी, ऑक्सफोर्ड सेंटर ऑफ इस्लामिक स्टडीज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यू.के.
    -संरक्षक, पायम-ए-इंसानियत
  • संरक्षक, इस्लामिक फिक्ह अकादमी (भारत)
  • अध्यक्ष, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कई अन्य संगठनों के संरक्षक
  • हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद रबे हसनी की अध्यक्षता में बोर्ड का एक अधिवेशन मुंगेर में आयोजित किया गया.
  • मौलाना सैयद मोहम्मद रबे हसनी की अध्यक्षता के दौरान कार्यकारी समिति की 3 बैठकें हो चुकी हैं.