900,000 फिलिस्तीनी इजरायली हमले से पीड़ित
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जेद्दाह
गाजा पर इजरायली सैन्य हमले 900,000 फिलिस्तीनी पीड़ित हैं.इजरायली टैंकों और सैनिकों से घिरे हुए मंगलवार को उत्तरी गाजा और गाजा शहर में 900,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों को बुरी घटनाआंे का सामना करना पड़ा.इजराइल ने नागरिकों से दक्षिण की ओर भागने को कहा. चेतावनी के बावजूद जब लोग नहीं हटे तो चार घंटे की हमल की छूट के बाद इजरायल ने दक्षिणी गाजा पर हमले कर दिए. खान यूनिस और राफा शहरों पर इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 23 लोग मारे गए.
खान यूनिस में एक घर के मलबे से बचाए गए अहमद आयश ने कहा, हम नागरिक हैं. जहां 11 लोग मारे गए थे. यह तथाकथित इजराइल की बहादुरी है. वे शहर में नागरिकों, बच्चों और बुजुर्गों के खिलाफ अपनी ताकत दिखा रहे हैं.जब वह बोल रहे थे, बचावकर्मियों ने अपने हाथों का इस्तेमाल करके मलबे में कमर तक दबी एक लड़की को निकालने की कोशिश की.
गाजा शहर के निवासी एडम फैज जेयारा, जो दक्षिण की ओर जा रहे थे, ने कहा, “मेरे जीवन की सबसे खतरनाक यात्रा है. हमने टैंकों को एकदम नजदीक से देखा. हमने शरीर के क्षत-विक्षत अंग देखे. हमने मौत देखी.इजराइल ने कहा कि उसकी सेना गाजा शहर में काफी अंदर तक घुस गई है, जहां गाजा के शहरी हृदय क्षेत्र पर हमले के लिए बाहरी इलाके में टैंक तैनात किए गए थे.
युद्ध की शुरुआत से ही, अब अपने दूसरे महीने में, सेना ने नागरिकों से दक्षिण की ओर जाने का हुक्म दिया है, जिसमें सलाह अल-दीन के माध्यम से सुरक्षित मार्ग के लिए संक्षिप्त रास्ते खोलने की घोषणा भी शामिल है, जो घिरे हुए क्षेत्र के केंद्र से होकर गुजरती है.लेकिन बड़ी संख्या में नागरिक उत्तर में ही रह रहे हैं. इजरायल की चेतावनियों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं. इस इलाके में हजारों लोगों ने कई अस्पतालों या संयुक्त राष्ट्र सुविधाओं के शिविर में शरण ले रखी है.
जो लोग रुके हुए हैं, उनका कहना है कि वे दक्षिण में भीड़भाड़ के साथ पानी और भोजन की घटती आपूर्ति और सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्रों में इजरायली हवाई हमलों के कारण भयभीत हैं.सोमवार को, गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने सुरक्षित मार्ग के इजरायली प्रस्तावों को मौत के गलियारे के अलावा कुछ नहीं कहकर खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा कि कई दिनों से सड़क पर शवों की कतार लगी हुई है. उन्होंने रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति से मृतकों को निकालने के लिए स्थानीय एम्बुलेंसों को साथ देने का आह्वान किया है.
इजराइल की सेना ने कहा कि, एक बिंदु पर, नागरिकों के लिए सड़क को अस्थायी रूप से खोलने की कोशिश करते समय सैनिक हमास की गोलीबारी की चपेट में आ गए.इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार देर रात प्रसारित एबीसी न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में सेना के दावों को दोहराया.
उन्हांेने कहा,हम एक ऐसे दुश्मन से लड़ रहे हैं जो विशेष रूप से क्रूर है. नेतन्याहू ने कहा, वे अपने नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि हम फिलिस्तीनी नागरिक आबादी को युद्ध क्षेत्र छोड़ने के लिए कह रहे हैं. वे उन्हें बंदूक की नोक पर रोक रहे हैं. हालांकि उनके इन दावों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका.
नेतन्याहू ने कहा कि दशकों में पहली बार, आईडीएफ गाजा शहर के मध्य में लड़ रहा है. यह आतंकवाद के केंद्र हैं. इजरायल के मेजर जनरल यारोन फिंकेलमैन जो सेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख हैं ने कहा, हर दिन और हर घंटे सेना हमास लड़ाकों को मार रही है. सुरंगों को उजागर कर रही है और हथियारों को नष्ट कर रही है. दुश्मन केंद्रों की ओर आगे बढ़ रही है. इस बीच हमास की सैन्य शाखा ने कहा कि उसके लड़ाके आगे बढ़ रही इजरायली सेना को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं.
युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब हमास के लड़ाकों ने गाजा को घेरने वाली बाड़ तोड़ दी और 1,400 इजरायलियों को मार डाला. 200 से अधिक का अपहरण कर लिया. तब से, इजरायल ने गाजा पर लगातार बमबारी की है, जिसमें 10,000 से अधिक लोग मारे गए है. इसमें लगभग 40 प्रतिशत बच्चे हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा, यह नरसंहार, निरंतर पीड़ा, रक्तपात, विनाश, आक्रोश और निराशा का पूरा एक महीना रहा है.
पहली बार दीर्घकालिक योजनाओं पर चर्चा करते हुए, नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल अनिश्चित काल के लिए गाजा की सुरक्षा जिम्मेदारी लेगा.
नेतन्याहू के धुर दक्षिणपंथी चरमपंथी गठबंधन के सदस्य सिम्चा रोथमैन ने कहा, हमारी सेनाओं को गाजा पट्टी को फिलिस्तीनी प्राधिकरण को धनुष में लपेटकर देने के लिए खून नहीं बहाना चाहिए. केवल पूर्ण इजरायली नियंत्रण और पट्टी का पूर्ण विसैन्यीकरण ही सुरक्षा बहाल करेगा.”