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एक समाज को गाली दें, आप नेशनलिस्ट कहलाएंगे: नजीब जंग

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति नजीब जंग ने देश में बढ़ते राष्ट्रवाद के नाम पर समाज को बांटने की राजनीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “नेशनलिज्म को हवा दी जा रही है और इसके नाम पर युवाओं को बहकाया जा रहा है कि यदि वे एक समाज को गाली देंगे, तो वे नेशनलिस्ट कहलाएंगे।”

नजीब जंग ने यह टिप्पणी रेडमाइक यूट्यूब चैनल के संचालक संकेत उपाध्याय के एक सवाल के जवाब में दी, जिसमें उनसे दिल्ली में ईद के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने और हरियाणा सरकार द्वारा ईद की छुट्टी रद्द करने को लेकर सवाल किया गया था। हरियाणा सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन का हवाला देते हुए ईद की छुट्टी रद्द कर दी थी, जबकि वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त होता है और ईद 1 या 2 अप्रैल को होने की संभावना थी।

‘अब यह वह देश नहीं रहा जिसमें मैं पैदा हुआ’

नजीब जंग ने कहा, “अब यह वह देश नहीं रहा जिसमें मैं पैदा हुआ। यहाँ रहना हमारे लिए मुश्किल होता जा रहा है। हमसे कहा जा रहा है कि हम तुम्हें सुधारेंगे, और तुम्हारे सुधरने से ही देश की भलाई होगी।”

उन्होंने कहा कि यह सब जानबूझकर सरकार की पहल पर किया जा रहा है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, “हम सब पर एक पागलपन सवार हो गया है। भाईचारे पर कोई बात नहीं करना चाहता।”

‘गंगा-जमुनी तहज़ीब भूल चुके हैं’

नजीब जंग ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले भारत में त्योहारों को मिल-जुलकर मनाने की परंपरा थी। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। यहाँ पहले दीवाली, होली और ईद साथ मनाई जाती थी। हमारे सीनियर आईएएस अधिकारी महाराज सिंह देव के पूजा घर में कुरान की एक प्रति रखी रहती थी। लेकिन आज गंगा-जमुनी तहज़ीब को हम भूल चुके हैं।”

‘देश को बर्बादी की ओर ले जाया जा रहा है’

उन्होंने हाल के कुछ राजनीतिक फैसलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि “हम देश को बर्बादी की ओर ले जा रहे हैं। बहुसंख्यक समाज की जिम्मेदारी होती है कि वह अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ाए, लेकिन आज अल्पसंख्यकों को कमजोर किया जा रहा है।” उन्होंने मुसलमानों की स्थिति को लेकर कहा, “हिंदुस्तान में दलितों से भी ज्यादा कमजोर मुसलमान हैं। इस कौम की कोई लीडरशिप नहीं है, पढ़ाई-लिखाई नहीं है, नौकरी नहीं है।”

‘विवाद बढ़ाने से सत्ता चल रही है’

नजीब जंग ने केंद्र और राज्यों की बीजेपी सरकारों पर आरोप लगाया कि वे विवाद बढ़ाकर अपनी सियासत चला रही हैं। उन्होंने कहा, “यह सिलसिला कांग्रेस के ज़माने से चला आ रहा है। पहले कांग्रेस मुसलमानों को कुछ सुविधाएँ देकर सत्ता में बनी रहती थी। लेकिन अब बीजेपी ने इस ‘मिथक’ को तोड़ दिया है। आज हिंदू समाज को अल्पसंख्यकों से दूर किया जा रहा है।”

उन्होंने उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा, “अब यह स्थिति दिल्ली में भी देखने को मिलेगी।” उन्होंने कहा कि सीएए और वक्फ बिल जैसे कानूनों के ज़रिए अल्पसंख्यकों को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि “अब चीज़ें तुम्हारे हाथ से निकल चुकी हैं, और अब तुम्हें सुधारा जाएगा।”

‘मीट शॉप बंद करना एक प्रतीक मात्र है’

उन्होंने कहा कि दिल्ली में मीट की दुकानों को बंद करने और हरियाणा में ईद की छुट्टी रद्द करने जैसी घटनाएं महज़ एक प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक शुरुआत है, माहौल इस तरह बनाया जा रहा है कि आगे चलकर इसे और बढ़ाया जा सके।”

‘कोई सरकार स्थायी नहीं होती’

उन्होंने सत्ताधारी दलों को चेतावनी देते हुए कहा, “हमारे नेताओं को यह समझना होगा कि कोई सरकार स्थायी नहीं होती। आज यह सिक्का चल रहा है, कल नहीं चलेगा। लेकिन राजनेता यह समझने को तैयार नहीं हैं। वे तो बस तात्कालिक लाभ लेकर सत्ता में बने रहना चाहते हैं।”

‘सरकार की देखरेख में हो रहा है ध्रुवीकरण’

नजीब जंग ने कहा कि “हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिश 40 साल पहले से चल रही है, लेकिन अब यह सरकार की देखरेख में किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि पहले जब कोई सांप्रदायिक तनाव होता था, तो प्रशासन पीस कमेटी बनाकर माहौल को शांत करता था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने 2020 के दिल्ली दंगों का उदाहरण देते हुए कहा कि “एक मंत्री खुलेआम धमकी देता है और कहता है कि अगर जगह खाली नहीं की, तो अंजाम भुगतने होंगे।”

उन्होंने जेएनयू छात्र उमर खालिद का ज़िक्र करते हुए कहा, “उमर खालिद को पांच साल से जमानत नहीं दी जा रही है, इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।”

‘संप्रदायिकता हमारे समाज में घुस चुकी है’

उन्होंने कहा कि “हम सबके भीतर संप्रदायिकता भर दी गई है।” उन्होंने भविष्य की स्थिति को लेकर कहा कि “अगले 10 सालों में हालात बदलेंगे, सरकारों को जवाब देना होगा। जब ज़्यादती होती है, तो प्रतिक्रिया दी जाती है, लेकिन अभी शांत बैठना ही उचित है।”

उन्होंने कहा कि “पूरी दुनिया में इस्लामोफोबिया है, विपक्ष भी इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठा रहा है। विपक्ष केवल भाषण देता है, लेकिन कुछ करता नहीं है।”

‘युवाओं के हाथ में मोबाइल दे दिया गया है’

नजीब जंग ने बेरोज़गारी को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “हमारे देश में नौजवानों के पास नौकरियां नहीं हैं। उनके हाथ में मोबाइल दे दिया गया है, और वे दिनभर उसी में व्यस्त रहते हैं। सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए विवादित फैसले ले रही है। मीट की दुकानें बंद करना और ईद की छुट्टी रद्द करना उसी रणनीति का हिस्सा है।”

उन्होंने कहा, “अब लोग इन मुद्दों पर ही चर्चा में उलझे रहेंगे, और असल मुद्दों पर बात नहीं होगी। युवाओं में ‘नेशनलिज्म’ की हवा भरी जा रही है, और उन्हें सिखाया जा रहा है कि अगर वे एक समाज को गाली देंगे, तो वे राष्ट्रवादी कहलाएंगे।”

काबिल ए गौर

नजीब जंग की यह टिप्पणी भारतीय समाज में बढ़ते ध्रुवीकरण, अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती असहिष्णुता और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सांप्रदायिक मुद्दों के इस्तेमाल पर एक कड़ी चेतावनी है। उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान सरकार का फोकस विकास और समावेशिता की बजाय विभाजन और ध्रुवीकरण पर है।

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