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अल-शिफा से बच्चों को निकाने के बाद इजरायली सेना का गाजा के एक अन्य अस्पताल पर हमला

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, खान यूनिस, गाजा पट्टी

उत्तरी गाजा में एक अस्पताल के आसपास सोमवार को भारी लड़ाई शुरू हो गई. इस अस्पताल में हजारों मरीज और विस्थापित लोग हफ्तों से शरण लिए हुए हैं. अस्पताल पर हमला कर इजरायली सेना यहां की चिकित्सा सुविधाओं को खत्म करने की कोशिश में है. इस बार भी इजरायली सेना ने आरोप लगाया कि इस अस्पताल में हमास के लड़ाके छिपे हुए हैं.

इंडोनेशियाई अस्पताल पर इजरायली हमला

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा क्षेत्र के सबसे बड़े गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल से समय से पहले जन्मे 31 बच्चों को निकालने के एक दिन बाद हुआ है. इस इंडोनेशियाई अस्पताल में 250 से अधिक गंभीर रूप से बीमार या घायल मरीजों का इलाज चल रहा है. अलि शिफ पर इजरायली बलों के प्रवेश के कुछ दिनों बाद यहां मरीज भर्ती कराए गए थे.

गाजा के अस्पतालों की दुर्दशा फिलिस्तीनी नागरिकों पर युद्ध के क्रूर कथाओं की लड़ाई के केंद्र में है, जिनमें से छह सप्ताह पुराने युद्ध के बाद से हजारों लोग मारे गए हैं या मलबे में दफन हो गए हैं.

इजराइल सेना अस्पतालों, शरणार्थी शिविरों, स्कूलों को जमींदोज करने के लिए आरोप लगा रही है कि हमास के लड़ाके नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहे हैं. दूसरी तरफ आलोचकों का कहना है कि इजराइल की घेराबंदी और लगातार हवाई बमबारी क्षेत्र के 2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों की यह सामूहिक सजा है.

अस्पताल के बाहर इजरायली टैंक तैनात

इंडोनेशियाई अस्पताल के एक चिकित्सा कर्मचारी मारवान अब्दुल्ला ने कहा कि खिड़कियों से इजरायली टैंक दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा, आप उन्हें इधर-उधर घूमते और गोलीबारी करते हुए देख सकते हैं. “महिलाएं और बच्चे डरे हुए हैं. लगातार विस्फोटों और गोलियों की आवाजें आ रही हैं.”

अल-जजीरा टेलीविजन पर अस्पताल के अंदर से ली गई फुटेज प्रसारित की गई जिसमें अस्पताल के ठीक बाहर टैंकों से गोलीबारी होती दिखाई दे रही है.

अब्दुल्ला ने कहा कि अस्पताल में रात भर हवाई हमलों और गोलाबारी में दर्जनों लोग मारे गए और घायल हुए. उन्होंने कहा कि चिकित्सा कर्मचारियों और विस्थापित लोगों को डर है कि इजराइल अस्पताल को घेर कर उसे खाली करने के लिए मजबूर कर रहा है.इजरायली सेना, जो शायद ही कभी सैन्य गतिविधियों का प्रचार करती है, ने इसपर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की.

शिशुओं को निकाला गया

संयुक्त राष्ट्र निकाय ने उन शिशुओं को सुरक्षित रूप से निकाल लिया, जो गंभीर स्थिति में हैं. उन्हें शिफा से दक्षिणी गाजा के एक अस्पताल में ले जाया गया. अब उन्हें पड़ोसी मिस्र के एक अस्पताल में ले जाने की योजना है. गाजा अस्पतालों के निदेशक मोहम्मद जकाउत के अनुसार, निकासी से पहले दो दिनों में चार अन्य शिशुओं की मृत्यु हो गई.
गंभीर रूप से संक्रमित घावों और अन्य अत्यावश्यक स्थितियों वाले 250 से अधिक मरीज शिफा में हैं, जो ब्लैकआउट के बीच पानी, चिकित्सा आपूर्ति और आपातकालीन जनरेटर के लिए ईंधन से जूझ रहे हैं. उनमें से अधिकांश को उपचार नहीं मिल पा रहा है.

इजरायल ने कहा अस्पताल में सुरंग, हमास बोला आरोप गलत

पिछले बुधवार को अस्पताल में प्रवेश करने से पहले इजरायली बलों ने इसके द्वार के बाहर फिलिस्तीनी लड़ाकों से भिड़ंत की थी.इजराइल की सेना ने कहा कि उसके पास अपने दावों का समर्थन करने वाले मजबूत सबूत हैं. हमास ने अस्पताल के 20 एकड़ परिसर के अंदर और नीचे एक विशाल कमांड पोस्ट बनाए रखा है, जिसमें कई इमारतें, गैरेज और एक प्लाजा शामिल हैं.

सेना ने एक वीडियो जारी किया जिसमें उसने कहा कि अस्पताल में एक सुरंग खोजी गई है, जो 55-मीटर (60-यार्ड) लंबी और जमीन से लगभग 10 मीटर (33 फीट) नीचे है. इसमें कहा गया है कि सुरंग में एक सीढ़ी और एक फायरिंग होल शामिल है जिसका उपयोग बंदूकधारियों द्वारा किया जा सकता है. एक विस्फोट-प्रूफ दरवाजे पर समाप्त होता है जिसे सैनिकों ने अभी तक नहीं खोला है.

एसोसिएटेड प्रेस इजराइल के निष्कर्षों में इजरायल के इन दावों मंे सच्चाई नहीं दिखी. इजरायली सेना ने दावा किया कि सुरक्षा कैमरे से लिए गए वीडियो में दो विदेशी बंधक नजर आएंगे. इनमें से एक थाई और एक नेपाली है, जिन्हें अक्टूबर में हमास द्वारा पकड़ लिया गया था.

इजरायली सेना ने यह भी कहा कि जांच से पता चला है कि एक अन्य बंदी जिसका शव गाजा में बरामद किया गया, नवंबर में इजरायली हमले में घायल हो गया था. उक्त बंदी को मार डाला गया. शिफा में हमास के एक आतंकवादी ने उसे मारा है.

हमास और अस्पताल के कर्मचारियों ने शिफा के अधीन एक कमांड पोस्ट के आरोपों से इनकार किया है. हमास के वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने नवीनतम घोषणा को खारिज करते हुए कहा,इजरायलियों ने कहा कि वहां एक कमांड और कंट्रोल सेंटर था, जिसका मतलब है कि मामला सिर्फ एक सुरंग से भी बड़ा है.

4 में से 3 लोग विस्थापित

इजराइल बार-बार फिलिस्तीनियों को उत्तरी गाजा छोड़ने और दक्षिण में शरण लेने का आदेश दे रहा है.े युद्ध की शुरुआत के बाद से हवाई बमबारी के साथ यह आदेश जारी किया जा रहा है. मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, लगभग 1.7 मिलियन लोग, गाजा की लगभग तीन चैथाई आबादी, विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से 900,000 लोगों को भीड़भाड़ वाले संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित आश्रयों में लाया गया है.

हाल के दिनों में ठंडी हवाओं और तेज बारिश के कारण उनकी दुर्दशा और भी बदतर हो गई है.फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा में 11,500 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. अन्य 2,700 लोगों के लापता होने की सूचना है. माना जा रहा है कि वे मलबे में दबे हुए हैं. गिनती में नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं किया गया है. इजराइल का कहना है कि उसने हजारों लड़ाकों को मार गिराया है.

सात अक्टूबर के दौरान इजरायली पक्ष में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें मुख्य रूप से नागरिक शामिल हैं.ं हमास ने लगभग 240 लोगों को बंदी बना लिया था. सेना का कहना है कि अब तक 63 इसराइली सैनिक मारे गए हैं.हमास ने चार बंधकों को रिहा कर दिया है. इजराइल ने एक को बचाया है. दो के शव शिफा के पास पाए गए.

इजराइल, संयुक्त राज्य अमेरिका और कतर, जो हमास के साथ मध्यस्थता कर रहे हैं, हफ्तों से एक बड़े बंधक रिहाई पर बातचीत कर रहे हैं. इजरायल की तीन सदस्यीय युद्ध कैबिनेट सोमवार शाम को बंधकों के परिवारों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी.