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The Kashmir Files के बाद आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को शर्मशार करने के लिए एक और फिल्म आ रही है The Kerala Story

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को हतोत्साहित और जलील करने के लिए लंबा गेम प्लान चल रहा है. ऐसा ही आरोप फिल्म कश्मीर फाइल्स के निर्माता पर लगा था. अब इस कड़ी में अगली फिल्म आ रही है ‘द केरल स्टोरी’. पिछले दिनों इस फिल्म का यूट्यूब पर एक टीजर जारी हुआ है, जिसमें दावा किया गया कि पिछले कुछ वर्षो में केरल की 32,000 से अधिक हिंदू और ईसाई लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया. फिर उन्हंे आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में भर्ती किया गया, जो बाद में सीरिया और यमन में आतंकवादियांे के साथ मारी गईं. उनमें से कुछ अभी भी अफगानिस्तान की जेलों में बंद हैं.

हालांकि फिल्म द केरल स्टोरी का टीजर मात्र कुछ सेकंडांे का है, पर इसमें कही गई बातें बेहद गंभीर और विवादास्पद व चिंताजनक हैं. यहां तक कि इसमें अप्रत्यक्ष से रूप से यह सवाल भी उठा दिया गया कि केरल मंे 32 हजार हिंदू और ईसाई लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूलवा कर सीरिया और यमन मरने को भेज दिया गया और देश और केरल सरकार को कानों कान भनक तक नहीं लगी. अब इसपर सवाल उठाते हुए दक्षिण भारत के एक पत्रकार ने केरल और केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर द केरल स्टोरी के निर्माता से पूछताछ कर फिल्म में दिखाए जाने वाले आंकड़ों के संबंध में पूछताछ करने की मांग की है. पत्र में यहां तक कहा गया कि फिल्म निर्माता की यह कोशिश समावेशी भारत को नुकसान पहुंचा सकती है.

देश के चर्चित फिल्म समीक्षक अजित राय, इसपर कहते हैं, उन्होंने अभी टीजर नहीं देखी है, पर फिल्म अगर गंभीर विषय पर है तो निर्माता को इसकी संवीदनशीलता को समझना जरूरी है.तमिलनाडु के पत्रकार अरविंदकशन बी आर तो फिल्म के टीजर को लेकर बेहद खफा हैं. उन्हांेने ‘द केरल स्टोरी’ का टीजर देखने के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखा है.

पत्र में पत्रकार ने केरल सरकार से फिल्म के निर्देशक को बुलाकर टीजर की सत्यता की जांच की मांग की है. उन्हांेने कहा, टीजर में दिखाए गए एक महिला चरित्र ने केरल की 32,000 लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन करने और उनके आतंकवादी समूह आईएस में शामिल होने का दावा किया है.पत्रकार अरविंदक्षण बी आर के अनुसार, फिल्म का टीजर 3 नवंबर, 2022 को सनशाइन पिक्चर्स ने यूट्यूब चौनल पर जारी किया है.

पत्र में कहा गया है, विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्मित, सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित टीजर केरल की 32,000 महिलाओं की दिल दहला देने वाली कहानी को दर्शाने का दावा करता है. इसमें महिलाओं को कट्टरपंथी बनाने की भी बात कही गई है.

उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और सचिव अपूर्व चंद्रा को भी शिकायत भेजकर फिल्म की सामग्री की सत्यता की जांच की मांग की है.

उन्होंने पत्र में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से यह आवश्यक है कि वह सूचना के स्रोत की पूरी तह तक जाए कि किस आधार पर फिल्म बनाई गई है.

ट्रेलर में एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खड़ी होकर एक मुस्लिम महिला कहानी बताती दिख रही है. यह किरदार अदा शर्मा ने निभाया है. टीजर मंे वह कहती दिख रही हैं-वह शालिनी उन्नीकृष्णन हुआ करती थीं. एक नर्स के रूप में लोगों की सेवा करना चाहती थीं. उन्हें जबरन इस्लाम कबूलवाया गया. फिर नाम बदलकर फातिमा बा रख दिया. उसके बाद आईएसआईएस में शामिल हो गईं. अब वह अफगानिस्तान में कैद हैं.

पत्र में कहा गया है कि टीजर में केरल को ‘आतंकवादी राज्य’ के रूप में चित्रित किया गया है. दावा किया गया है कि यह ‘केरल की सच्ची कहानी’ है.

उन्होंने कहा, फिल्म भारत की एकता और संप्रभुता के खिलाफ है और सभी खुफिया एजेंसियों की विश्वसनीयता को धूमिल करती है. सिनेमाघरों या ओटीटी में झूठी जानकारी के साथ रिलीज होती है, तो इसका समाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

पत्रकार ने पत्र में लिखा, इसलिए, मैं आपसे फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन से पूछताछ करने का अनुरोध करता हूं.इस फिल्म के बारे में ‘द वीक ’ में छपी एक स्टोरी में कहा गया है,फिल्म निर्माता विपुल अमृतलाल शाह और लेखक-निर्देशक सुदीप्तो सेन ने यह बताने के लिए टीम बनाई है कि यह एक मानवीय त्रासदी है, जो आपको अंदर तक हिला देगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि फिल्म में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का भाषण भी है. यहां तक कि प्रतिबंधित संगठन एनडीएफ के केरल को मुस्लिम राज्य बनाने के एजेंडे को भी दर्षाने का प्रयास किया गया है.

रिपोर्ट में शाह के हवाले से कहा गया है, जब सुदीप्तो ने आकर मुझे अपने 3-4 साल के शोध के बारे में बताया, तो पहली मुलाकात में ही मेरी आंखों में आंसू आ गए . उसी दिन मैंने इस फिल्म को बनाने का फैसला कर लिया.

रिपोर्ट ने सुदीप्तो सेन के हवाले से दावा किया है कि 2009 के बाद से केरल और मंगलुरु की लगभग 32,000 लड़कियां हिंदू और ईसाई परिवारों से इस्लाम में परिवर्तित र्हुइं. उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान या ऐसे अन्य क्षेत्रों में मारी गईं.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने दावा किया, सरकार आईएसआईएस-प्रभावित समूहों के नेतृत्व में इतनी बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिशों के खिलाफ शायद ही किसी निश्चित कार्य योजना पर विचार कर रही है.हालांकि इसमें दो राय नहीं कि हाल के दिनों में केरल की कुछ महिलाओं के आतंकवादी गतिविधियों में षामिल होने पर गिरफ्तारी के बाद अफगानिस्तान की जेलों में बंद होने की खबरें आ चुकी हैं.

इंडिया टु डे की एक रिपोर्ट के अनुसार,दक्षिण भारतीय राज्य केरल के कासरगोड के निवासी ने राज्य पुलिस से यह कहते हुए संपर्क किया था कि उसका 30 वर्षीय बेटा अब्दुल राशिद अपनी पत्नी आयशा के साथ, जो पहले सोनिया सेबेस्टियन थी. मुंबई जाने के एक महीने बाद से लापता हैं.

षिकायत पर जांच हुई, तो पता चला कि यह एकमात्र मामला नहीं हैं. एक ही इलाके से कई जोड़े लापता हैं.जांच में तेजी आने पर स्पष्ट हुआ कि ये लोग आईएसआईएस के रंगरूट थे, जो आतंकी समूह में शामिल होने के लिए देश छोड़कर चले गए.1 अगस्त, 2016 को दिल्ली के जामिया नगर के बाटला हाउस में रहने वाली 29 वर्षीय महिला यास्मीन मोहम्मद जाहिद की गिरफ्तारी के बाद इस बारे में कुछ और खुलासा हुआ. बावजूद इसके एक राज्य की 32,000 लड़कियों के जबरन कन्वर्जन और आतंकवादी संगठन में षामिल होकर सीरिया और यमन में मारे जाने के दावे को लोग पचा नहीं पा रहे हैं.