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अहमद पटेल की बेटी मुमताज बोलीं, मुस्लिम हूं, घर किराए पर नहीं मिल रहा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

सत्ता हथियाने की लालच में सियासी पार्टियों ने देश में हिंदू-मुसलमान के नाम पर ऐसा जहर बो रखा है कि आम तो क्या अब खास वर्ग के लोग भी इससे अछूते नहीं रहे हैं. इस कड़ी में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने कहा है, ‘‘ मुस्लिम हूं, इसलिए उन्हें घर किराए पर नहीं मिल रहा है.’’

उन्होंने इसका खुलासा न्यूज 24 के मानक गुप्ता के साथ बातचीत में किया. मुमताज पटेल ने मुसलमान होने की वजह से देश में डर लगने की बात भी कही.उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के गृह प्रदेश से संबंध रखने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल की एक जमाने में देश भर में तूती बोलती थी. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के वह राजनीतिक सलाहकार भी रहे हैं. केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो अहमद पटेल की खूब चलती थी.

25 नवंबर 2020 को अहमद पटेल का निधन हो गया.उसके बाद से इस परिवार का सियासी कद घट गया है. कांग्रेस के लोग ही इस परिवार को नहीं पूछते. न्यूज 24 के मानक गुप्ता के साथ ‘चाय वाला इंटरव्यू’ के दौरान मुमताज पटेल ने कई और गंभीर बातें कहीं. उन्हांेने अप्रत्यक्ष रूप से यहां तक कहा कि भाजपा सरकार में देश के मुसलमान हाशिए पर और डरे सहमे हैं. इस बारे में दलील प्रस्तुत करते हुए उन्हांेने कहा, ‘‘ मैं मुस्लिम हूं, इसलिए घर किराए पर नहीं मिल रहा है.

इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता की बेटी को एक सोसायटी से निकालने की धमकी मिल चुकी है.उक्त नेता की पुत्री का कसूर इतना है कि 22 जनवरी के राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर उन्हांेने अपनी अनास्था जताई थी. उसके बाद ट्रोलर उनके पीछे ऐसे पड़े कि उन्हें सोसायटी खाली का नोटिस थमा दिया गया. सोसायटी के प्रबंधकों ने उन्हें फ्लैट खाली करने के आदेश दिए हैं. उस समय उक्त कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ असम की पदयात्रा पर थे.

उधर, कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे के समझौते के तहत आम आदमी पार्टी (आप) को आगामी लोकसभा चुनाव में भरूच सीट से चुनाव लड़ने की अनुमति दिए जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए दिवंगत दिग्गज कांग्रेस नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने कहा, उन्होंने कहा कि कभी-कभी देश के व्यापक हित में बलिदान देना पड़ता है. वह “गठबंधन धर्म” का पालन करेंगी.
गुजरात में, कांग्रेस ने 26 लोकसभा सीटों में से 24 पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, बाकी दो – भरूच और भावनगर – AAP के लिए छोड़ दी है.

एएनआई से बात करते हुए मुमताज पटेल ने कहा, “मैं निराश थी लेकिन मेरा मानना है कि हमारी गठबंधन समिति ने जो भी फैसला लिया है वह राष्ट्रीय हित में है. मैं उनके फैसले का सम्मान करती हूं. इस संबंध में पहले ही चर्चा हो चुकी है. मुझे दुख है लेकिन हम इसे स्वीकार करेंगे.” निर्णय। पार्टी जो भी निर्देश देगी, मैं गठबंधन धर्म का पालन करूंगा.”

उन्होंने कहा, “जब भी भरूच के बारे में बात होती है तो अहमद पटेल का नाम आता है. वह 45 साल तक भरूच की आवाज थे.”यह पूछे जाने पर कि क्या आप भविष्य में कांग्रेस के लिए समस्या बन सकती है. सुश्री पटेल ने कहा, “राजनीति में कोई दोस्त या दुश्मन नहीं होता., समय के साथ चीजें बदलती हैं. यह तो समय ही बताएगा. वर्तमान में, हम गठबंधन सहयोगी हैं और मैं इसका सम्मान करती हूं.”

मुमताज पटेल ने आगे कहा कि राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता भरूच सीट AAP को दिए जाने से सहमत नहीं थे.”राहुल गांधी इसके खिलाफ थे, विभिन्न एआईसीसी नेताओं का इस सीट से भावनात्मक लगाव था. हां, मुझे दुख है लेकिन कभी-कभी आप राष्ट्र के व्यापक हित में बलिदान देते हैं.
मुमताज ने पहले पिता अहमद पटेल के गढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने में रुचि व्यक्त की थी. मुमताज पटेल के भाई फैसल ने भी घोषणा की थी कि वह भरूच सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं.

अहमद पटेल ने 1977, 1980 और 1984 में भरूच सीट जीती थी, लेकिन 1989 के बाद से बीजेपी ने इस सीट पर कई बार जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम किया है. मौजूदा सांसद मनसुखभाई वसावा ने 1998 में इस सीट पर कब्जा किया था.

इस बीच, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गुजरात की भरूच सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चैतर वसावा ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि यह चुनाव उनके लिए ‘बड़ी जिम्मेदारी’ होगी.