एजे प्लस ने गाजा हमले को लेकर अमेरिका और यूके मीडिया की पोल खोली
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
मानव अधिकारों और समानता को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम करने वाले एजे प्लस न्यूज प्लेटफाॅर्म ने गाजा पर इजरायली सेना के प्रति अमेरिकी और यूके मीडिया के रवैये की पोल खोली है.एक अध्ययन के बाद एजे प्लस ने अपने सोशल मीडिया पर कई चैकाने वाले तथ्य प्रस्तुत किए हैं.
एजे प्लस के अनुसार, ‘‘जब गाजा में फिलिस्तीनियों की हत्याओं की तुलना में इजरायलियों की हत्याओं पर रिपोर्टिंग की बात आती है तो अमेरिकी और यूके मीडिया पूर्वाग्रह पर नई जांच ने पश्चिमी मीडिया के दोहरे मानकों को उजागर किया है.‘‘बता दें कि एजे़ प्लस पहले भी इस तरह के खुलासे कर चुका है. इस न्यूज प्लेटफाॅर्म का कहना है, ‘वह एक अद्वितीय डिजिटल समाचार और कहानी कहने वाली परियोजना है जो मानव अधिकारों और समानता को बढ़ावा देती है.शक्ति को ध्यान में रखती है और शक्तिहीनों की आवाज को बढ़ाती है.’
New investigations on U.S. and UK media bias have exposed chilling double standards by Western media when it comes to reporting on killings of Israelis compared to killings of Palestinians in Gaza. pic.twitter.com/uQ0I7cT340
— AJ+ (@ajplus) January 10, 2024
इसके ताजा अध्ययन में कहा गया है कि पश्चिमी मीडिया इजरालियों के मरने की खबर तुरंत देती है, जबकि फिलिस्तीनियों के मरने की खबर देरी से दी जाती है. यही नहीं इजरायली जब मारे जाते हैं तो ‘किल्ड’ लिखा जाता है, जबकि फिलिस्तीनियों के मरने पर ‘डाइड’ लिखा जाता है.
इसी तरह एजे प्लस का कहना है कि पश्चिमी मीडिया फिलिस्तीनियों की मौत की संख्या भी घटाकर प्रस्तुत कर रही है. द इंटरसेप्ट के हवाले से कहा गया है कि 23 हजार फिलिस्तीन अब तक इजरायली हमले में मारे जा चुके हैं, जबकि पश्चिमी मीडिया इस संख्या को 14,000 बता रहा है. एजे प्लस का कहना है कि अब न्यू याॅर्क टाइम्स, एलए टाइम्स, वाॅशिंगटन पोस्ट 11 हजार आर्टिक लिख चुका है. जिसमें फिलिस्तीनियों के खिलाफ ‘नरसंहार’ और ‘कसाई’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है.