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अल जजीरा की वीडियो रिपोर्ट: विस्तृत जांच में गाजा इजरायली युद्ध अपराध का दावा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रियाद

अल जजीरा की जांच इकाई (आई-यूनिट) ने गाजा पट्टी में इजरायली सैनिकों द्वारा किए गए संभावित युद्ध अपराधों को उजागर किया है. इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि किस तरह इजरायली सेना ने साल भर चले संघर्ष के दौरान गाजा में अपनी कार्रवाइयों की तस्वीरें और वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किए, जो उनके द्वारा किए गए गंभीर अपराधों का सबूत हैं.

आई-यूनिट ने इन तस्वीरों, वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट्स का एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया है. उन्होंने हजारों की संख्या में सामग्री का विश्लेषण किया और जहाँ तक संभव हो सका, पोस्ट करने वाले व्यक्तियों और वीडियो या तस्वीरों में दिखने वाले लोगों की पहचान की है. इस जांच में उन अवैध गतिविधियों का खुलासा किया गया है जो अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन करती हैं.

अवैध गतिविधियों का खुलासा

  • अंधाधुंध विनाश: इजरायली सेना द्वारा बिना किसी सैन्य कारण के पूरे इलाकों को ध्वस्त किया गया.
  • लूटपाट: गाजा के घरों और संपत्तियों में लूटपाट की गई.
  • हत्याएं: कई फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या की गई, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे.

आई-यूनिट की जांच में यह भी सामने आया कि इन कार्रवाइयों के दौरान फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ अत्यधिक क्रूरता का व्यवहार किया गया. गाजा के पूरे इलाकों को तबाह कर दिया गया, जिससे हजारों लोग विस्थापित हुए और उनके जीवन को भारी क्षति पहुँची.

फिलिस्तीनी पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गवाही

इस फिल्म में फिलिस्तीनी पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और गाजा के आम निवासियों की नजरों से भी इस संघर्ष की कहानी दिखाई गई है. यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे गाजा के लोग इस संघर्ष का शिकार हो रहे हैं और उन्हें भारी मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.

फिलिस्तीनी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इजरायली सेना द्वारा किए गए इस तरह के युद्ध अपराधों की निंदा की है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस पर ध्यान देने की अपील की है. गाजा में रहने वाले लोग इस क्रूरता के बावजूद अपनी आजादी और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

पश्चिमी सरकारों की मिलीभगत का पर्दाफाश

अल जजीरा की इस जांच में सिर्फ इजरायली सेना के युद्ध अपराधों को ही उजागर नहीं किया गया है, बल्कि पश्चिमी देशों की मिलीभगत को भी सामने लाया गया है. विशेष रूप से, रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन की साइप्रस में स्थित आरएएफ अक्रोटिरी (RAF Akrotiri) बेस का उपयोग गाजा पर निगरानी उड़ानों के लिए किया गया था.

यह रिपोर्ट बताती है कि गाजा पर किए गए हमलों में ब्रिटेन की सरकार ने भी भूमिका निभाई है. ब्रिटिश विमान गाजा पट्टी पर निगरानी करते हुए दिखाई दिए, और इस तरह की गतिविधियाँ इजरायली सैन्य हमलों में सहायता कर रही थीं.

इस तरह की मिलीभगत से यह सवाल उठता है कि क्या पश्चिमी सरकारें भी गाजा में हो रहे इन युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं।

अल जजीरा की इस जांच रिपोर्ट ने गाजा में इजरायली सेना द्वारा किए गए युद्ध अपराधों और पश्चिमी देशों की सहभागिता को उजागर किया है. यह रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है, जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने गाजा के लोगों की दुर्दशा को प्रस्तुत करती है और उन्हें न्याय दिलाने की अपील करती है.

गाजा में हो रहे संघर्ष और इजरायली सेना की कार्रवाइयों के कारण वहां के लोगों का जीवन नरक बन चुका है. अब समय आ गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे और गाजा के लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए.