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आल इंडिया शिया हुसैनी फंड ने दारुल उलूम देवबंद की फिलिस्तीन मुद्दे पर क्यों की खिंचाई ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, लखनऊ

शिया समुदाय और असहाय लोगों के लिए काम करने वाले संगठन आल इंडिया शिया हुसैनी फंड ने फिलिस्तीन मामले में दारुल उलूम देवबंद की जमकर खिंचाई की है. इसके एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘फिलिस्तीन और फिलिस्तीन वासियों पर होने वाले जुल्मों सितम की खूनी, दिल हिला देने वाले मंजर के बीच दारुल उलूम देवबंद में ‘अय्याशी व फहाशी का बाजार गर्म है’.

हुसैनी फंड के सैयद हसन मेहदी का यह बयान दारुल उलूम में 2 नवंबर को आयोजित मुशायरे को लेकर आया है. उनकी ओर से मीडिया को एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें एक महिला शायरा कलाम पढ़ रही हैं और दारुल उलूम के छात्रा उछल-उछल कर दाद दे रहे हैं.

हुसैनी फंड के सैयद हसन मेहदी ने अपने बयान में लिखा-एक तरफ फिलिस्तीन और फिलिस्तीन वासियों पर होने वाले जुल्मो सितम की खूनी, दिल हिला देने वाला मंजर और दूसरी तरफ मुसलमानों की झूठी हमदर्दी और कियादत का झूठा दावा करने वाले दारुल उलूम देवबंद.’’

उन्होंने आगे लिखा- दारुल उलूम देवबंद के मदनी हॉल में 2 नवंबर को हुए मुशायरा के नाम पर तल्बा (स्टूडेंट्स) में अय्याशी व फहाशी का बाजार गर्म, यह दीन के रहबर बनेंगे तो नतीजा क्या होगा. जिन के नजदीक मिलाद शिर्क, उर्स शिर्क और मुशायरा में बेपर्दा खातून को बुलाकर जज्बाती और रूमानी शायरी जायज ? कौम फैसला करे क्या यह जायज है ?’’

इस तरह की आलोचना सऊदी अरब में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम को लेकर कई मुस्लिम संगठन कर चुके हैं. हालांकि दारुल उलूम की ओर से अभी तक इसपर कोई सफाई नहीं आई है.