आरिफ और बेजुबान सारस की बेमिसाल दोस्ती टूट गई
एम मिश्र,लखनऊ
लॉस एंजिल्स के अकादमी अवार्ड कार्यक्रम में शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में अपने देश की ‘द एलीफेंट व्हिस्पर्स’ ने ऑस्कर जीत का पूरी दुनिया में धूम मचा दी. ‘द एलीफेंट व्हिस्पर्स’ में हाथी के झुंड से बिछड़े हुए एक हाथी के बच्चे ‘रघु’ की एक महावत के साथ मानवीय संवेदनाओं की कहानी है. बेजुबानों और इंसान के बीच मोहब्बत और बॉन्डिंग की कहानी यह फिल्म कहती है.
ऐसी ही कहानी लखनऊ से सटे अमेठी जिले के गौरीगंज स्थित गांव मंडखा मजरे में भी चर्चा का सबब बनी रही. औरंगाबाद के मोहम्मद आरिफ़ और एक सारस की दोस्ती की हर तरफ़ चर्चा हो रही. दरअसल, आरिफ़ को सालभर पहले ये पक्षी खेत में ज़ख़्मी हालत में मिला था. आरिफ़ उसे घर ले गया और उसकी मरहम-पट्टी की. इलाज के बाद सारस को आरिफ़ ने खिलाया-पिलाया. सारस कुछ ही दिन में ठीक हो गया. आरिफ ने सोचा अब सारस उड़कर चला जाएगा, लेकिन सारस को उससे लगाव हो गया. पक्षी ठीक होने के बाद जंगल की तरफ़ नहीं गया बल्कि आरिफ़ के साथ ही रहने लगा.
इंसान और बेजुबान की यह दोस्ती मिसाल बनने लगी और देखते ही देखते सुर्खियां भी बटोरती रही. आरिफ और सारस की इस दोस्ती के गवाह अखिलेश यादव भी बने जब वे इस क्षेत्र में कुछ दिन पहले पहुंचे थे.
लेकिन, इसी बीच आरिफ और सारस की दोस्ती को वन्य जीव अधिनियम की नजर लग गई. वन विभाग की टीम ने वन संरक्षक सुनील चौधरी के निर्देश पर गांव पहुंचकर सारस को अपने कब्जे में ले लिया. वन विभाग की टीम ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के निर्देश पर सारस को रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार ले जाकर संरक्षित कर दिया.
सारस से अलग होने का दर्द आरिफ लगातार झेल रहे हैं. बृहस्पतिवार को उनका एक वीडियो वायरल हुआ. वायरल वीडियो में आरिफ ने कहा कि उस बेजुबान का सिर्फ इतना कसूर है कि वह इंसान से दोस्ती कर बैठा. वह मेरा दोस्त था. उसको न तो मैंने बंधक बनाया था न ही पाल रखा था. वह सिर्फ कुछ पलों के लिए मेरे साथ रहता था. लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि उसे मुझसे जुदा कर दिया गया.
सारस व आरिफ की दोस्ती को लेकर शुरू हुई सियासत में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा की भी एंट्री हो गई है. प्रियंका ने आरिफ व सारस को जय वीरू की जोड़ी बताते हुए उनकी दोस्ती को मिसाल बताया है. प्रियंका ने दोनों की दोस्ती को हाल ही में आस्कर अवार्ड से सम्मानित लघु फिल्म ‘द एलीफैंट व्हिस्पर्स’ से जोड़कर देखा है.
बुधवार देर शाम कांग्रेस महासिचव प्रियंका वाड्रा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर आरिफ व सारस की फोटो लगाकर एक पोस्ट डाली. प्रियंका ने लिखा ‘अमेठी के रहने वाले आरिफ और एक सारस पक्षी की दोस्ती, जय वीरू की तरह थी. साथ-साथ रहना, साथ खाना, साथ आना जाना…उनकी दोस्ती इंसान की जीवों से दोस्ती की मिसाल है. आरिफ ने उनके प्रिय सारस को घर के सदस्य की तरह पाला, उसकी देखभाल की, उसे प्यार किया. ऐसा करके उन्होंने पशु पक्षियों के प्रति इंसानी फर्ज की नजीर पेश की। जो कि काबिल-ए-तारीफ है.
उन्होंने लिखा, हाल ही में ‘द एलीफैंट व्हिस्पर्स’ को आस्कर मिला.जिसकी कहानी भी एक हाथी व इंसान की संवेदनशील कहानी है. यह कहानियां हमें इसलिए भावुक करती हैं क्योंकि मनुष्य का जीवन और पर्यावरण में पाए जाने वाले जितने भी सहजीवन हैं दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. हमें हमारे पशु पक्षी, पेड़, पहाड़, ग्लेशियर, समुद्र, नदियां सबको बचाना है. सबकी हिफाजत करनी है. सुंदर व स्वस्थ पर्यावरण ही सुंदर जीवन दे सकता है और इंसान व वन्य जीवों के बीच प्रेम की ऐसी कहानियां हमें प्रेरणा देती हैं. सरकारों का भी यही काम है कि ऐसी कहानियों से प्रेरणा लें और वन्य जीवों व इंसानों के बीच मोहब्बत भरे रिश्ते से संवेदना के मोती चुनें.
बकौल आरिफ सारस की प्रजाति के जीव आते हैं तो यह घर में छुप जाता था. हालांकि एक—दो बार जब यह उनके साथ गया तो भी शाम होते-होते वापस लौट आता था. आरिफ न केवल इस सारस के साथ रहते थे, उसको अपने हाथ से खाना भी खिलाते थे, उसके साथ डांस भी करते. यही नहीं कभी आरिफ काम से बाहर चले जाएं तो सारस भी पीछे—पीछे हवाई सर्वेक्षण करता. उन्होंने बताया कि बाइक से जब वे निकलते तो यह 25-30 किमी उड़कर साथ चला जाता और वापस भी लौट आता.
आरिफ के मुताबिक, वह इसे रोजाना सुबह दो अंडे खिलाते थे. दिनभर में रोटी, चावल और सब्जी खाता था.
होमगार्ड के घर पर मिला लापता सारस
आरिफ से जुदा हुआ सारस बुधवार की देर रात रायबरेली के विसइया गांव में सतीश कुमार होमगार्ड के घर पर मिला. होमगार्ड के छोटे भाई दिनेश को सारस उस समय मिला, जब वह कुत्तों के झुंड से घिरा हुआ था. इस पर दिनेश उसे घर ले आया. होमगार्ड की सूचना पर आई टीम ने सारस को फिर ले जाकर समसपुर पक्षी विहार में छोड़ दिया. इस मामले को लेकर राजनीति गर्म, लेकिन सारस के मिल जाने से पक्षी विहार की टीम ने राहत की सांस ली.
अमेठी जिले के जामो क्षेत्र के मंडखा गांव से वन विभाग की टीम सारस को लेकर बीते मंगलवार को स्वच्छ वातावरण का हवाला देकर सलोन क्षेत्र के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ दिया. बुधवार की शाम करीब चार बजे सारस दिखाई नहीं दिया तो उसकी खोजबीन शुरू हुई.
होमगार्ड सतीश ने बताया कि यदि उसका छोटा भाई कुत्तों के झुंड से सारस को न बचाता तो उसकी जान चली गई होती. उसने बताया कि सारस को मैगी, रोटी और चावल खिलाया गया. पक्षी विहार से विसइया गांव करीब पांच किलोमीटर दूर है. पक्षी विहार के वन दारोगा सुशील कुमार की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम गांव गई थी, जो सारस को लेकर गई. वन क्षेत्राधिकारी रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि सारस पक्षी मिल गया है. उसे पक्षी विहार में छोड़ दिया गया है.