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पटना में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन

मुस्लिम नाउ,पटना
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और देशभर के प्रमुख धार्मिक व सामाजिक मुस्लिम संगठनों के आह्वान पर कल, 26 मार्च को पटना में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस धरने में पटना सहित पूरे बिहार से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग और न्यायप्रिय नागरिक शामिल होंगे।

विरोध का उद्देश्य

इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य वक्फ संशोधन विधेयक के नाम पर मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन, भेदभावपूर्ण नीतियों और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना है। आयोजकों का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन भाजपा की सहयोगी पार्टियों को जगाने का प्रयास भी है, ताकि वे इस विवादास्पद विधेयक का समर्थन छोड़ दें।

मुस्लिम नेताओं की नाराजगी

प्रेस को संबोधित करते हुए मुस्लिम नेताओं ने उन राजनीतिक दलों पर नाराज़गी जताई जो खुद को अब तक सेक्युलर और अल्पसंख्यकों के हितैषी बताते रहे हैं, लेकिन अब भाजपा के सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं।

बीजेपी का दावा और हकीकत

बीजेपी यह कहकर जनता को गुमराह कर रही है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि इस विधेयक के ज़रिए सरकार वक्फ संपत्तियों पर अपने नियंत्रण को मजबूत करना चाहती है। यह विधेयक मस्जिदों, ईदगाहों, दरगाहों और खानकाहों को कानूनी उलझनों में फंसाने और उन्हें ध्वस्त करने का रास्ता खोल सकता है।

44 धाराओं पर आपत्ति, 5 करोड़ मुसलमानों की ईमेल विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों ने विधेयक की सभी 44 धाराओं पर अपनी आपत्तियां संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के समक्ष रखी थीं। इसके अलावा, करीब 5 करोड़ मुस्लिम नागरिकों ने ईमेल के माध्यम से भी विरोध दर्ज कराया। लेकिन सरकार ने इन आपत्तियों को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया। इतना ही नहीं, समिति में विपक्षी दलों द्वारा सुझाए गए 44 संशोधनों को भी खारिज कर दिया गया।

बीजेपी सहयोगी दलों से अपील

प्रदर्शनकारी मुस्लिम नेताओं ने जेडीयू, लोक जनशक्ति पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल जैसी भाजपा सहयोगी पार्टियों से अपील की है कि वे इस विधेयक पर पुनर्विचार करें और अपना समर्थन वापस लें। उन्होंने कहा कि यदि ये दल इस बिल का समर्थन करते हैं, तो यह उनकी सेक्युलर छवि को धूमिल कर देगा और आने वाले चुनावों में उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

मुस्लिम समुदाय की चेतावनी

मुस्लिम नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि इन पार्टियों ने इस विधेयक का समर्थन किया, तो मुस्लिम समुदाय इस अन्याय को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले चुनावों में मुस्लिम समाज उन्हें इसका करारा जवाब देगा।

प्रेस वार्ता में शामिल प्रमुख नेता:

  1. मौलाना फ़ज़लुर रहीम मुजद्दिदी – महासचिव, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
  2. डॉ. सैयद क़ासिम रसूल इलयास – प्रवक्ता व संयोजक, मजलिस-ए-अमल बोर्ड
  3. मौलाना अहमद वाली फैसल रहमानी – अमीर शरियत, इमारत शरिया (बिहार, झारखंड, ओडिशा)
  4. मौलाना मुफ़्ती सईदुर रहमान – नाज़िम-ए-शरीअत, इमारत शरीया
  5. डॉ. सैयद शाह शमीमुद्दीन मुनअमी – ख़ानक़ाह नईमिया, पटना सिटी
  6. मौलाना रिज़वान अहमद इस्लाही – अमीर-ए-हलक़ा, जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, बिहार
  7. मौलाना मुहम्मद अब्बास – जमीयत उलेमा-ए-हिंद, बिहार
  8. मौलाना मोहम्मद नाज़िम – जमीयत उलेमा-ए-हिंद, बिहार
  9. मौलाना ख़ुरशीद मदनी – मरकज़ी जमीयत अहले हदीस, बिहार
  10. मौलाना अबुल कलाम क़ासमी – ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस
  11. मौलाना शमशाद रहमानी – नायब अमीर शरियत
  12. नशूर अजमल – कन्वेनर, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत

इस ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन को लेकर पूरे बिहार में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विरोध को कैसे संभालती है और क्या वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कोई नया रुख अपनाती है।

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