कैप्टन फातिमा वसीम को क्या हुआ I capt fatima wasim what happened
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, श्रीनगर
कैप्टन फातिमा वसीम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है. एक मुस्लिम महिला होने के नाते उनके हिस्से एक ऐसी बड़ी उपलब्धि हाथा लगी है, जिससे इससे पहले किसी भी मुस्लिम महिला ने हासिल नहीं किया था. सोशल मीडिया के माध्यम जो भी उनकी उपलब्धियों के बारे में सुनता है, तारीफ किए बिना नहीं रहता. इंडियन आर्मी ने उनकी प्रशंसा में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया है.
कैप्टन फातिमा वसीम सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात की गई हैं. उन्हांेने पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में इस उपलब्धि को प्राप्त कर इतिहास रच दिया है.कैप्टन फातिमा वसीम दुर्जेय सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बन गई हंै. सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर प्रशिक्षण से गुजरने के बाद, उन्हें 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक ऑपरेशनल पोस्ट पर पोस्टिंग मिली है.
Capt Fatima Wasim of Siachen Warriors creates history by becoming the First Woman Medical Officer to be deployed on an operational post on the Siachen Glacier. She was inducted to a post at an altitude of 15,200 feet after undergoing rigorous training at Siachen Battle School… pic.twitter.com/E5SSNfZZh5
— ANI (@ANI) December 11, 2023
ऐतिहासिक तैनाती
कैप्टन फातिमा वसीम की दुर्जेय सियाचिन ग्लेशियर पर तैनाती ऐतिहासिक है.सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल पद पर पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में कैप्टन फातिमा वसीम की नियुक्ति को अभूतपूर्व उपलब्धि बताया जा रहा है. सियाचिन बैटल स्कूल में गहन प्रशिक्षण के बाद, उन्होंने 15,200 फीट की चुनौतीपूर्ण ऊंचाई पर स्थित ऑपरेशनल पोस्ट पर कार्यभार संभाला. आर्मी के वीडियो में उनके संघर्षपूर्ण प्रशिक्षण को खास तौर से दर्शाया गया है.
सियाचिन योद्धाओं के कप्तान
भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने कैप्टन फातिमा वसीम द्वारा हासिल की गई उपलब्धि को रेखांकित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा किया.वीडियो में उनकी अदम्य भावना और उच्च प्रेरणा पर जोर देते हुए उन्हें सियाचिन ग्लेशियर पर एक ऑपरेशनल पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली चिकित्सा अधिकारी के रूप में बताया है.
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प्रभावशाली पोस्टिंग
15,200 फीट पर कैप्टन फातिमा वसीम की तैनाती उनके लचीलेपन का प्रमाण है और अपार प्रेरणा के स्रोत के रूप में कार्य करती है. सियाचिन ग्लेशियर की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां इस कार्य को न केवल ऐतिहासिक बनाती हैं,उनके अटूट समर्पण का भी परिचायक हैं.
भारतीय सेना ने जताया आभार
भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए एक वीडियो के माध्यम से कैप्टन फातिमा वसीम की ऐतिहासिक पोस्टिंग स्वीकारने के लिए धन्यवाद किया है. कैप्शन में सियाचिन योद्धा के रूप में उनकी भूमिका पर जोर दिया गया और सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल पोस्ट पर पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में उनका जश्न मनाया गया.
प्रेरणा और दृढ़ संकल्प
इतनी कठिन ऊंचाई पर कैप्टन फातिमा वसीम की तैनाती उनके दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. दूसरों के लिए प्रेरणा का काम करती है. उनकी ऐतिहासिक पोस्टिंग न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, सशस्त्र बलों के भीतर लैंगिक बाधाओं को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति भी है.
कैप्टन गीतिका कौल सियाचिन में तैनात
यह उपलब्धि एक और मील का पत्थर है जब स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की कैप्टन गीतिका कौल सियाचिन में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बनीं. सियाचिन बैटल स्कूल में दोनों अधिकारियों का सफल प्रेरण प्रशिक्षण दुनिया के सबसे अधिक मांग वाले और उच्चतम ऊंचाई वाले युद्ध स्थलों में से एक में सेवा करने के लिए उनके लचीलेपन और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
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भारत-पाक नियंत्रण रेखा के पास स्थित सियाचिन ग्लेशियर विश्व स्तर पर सबसे अधिक ऊंचाई वाले युद्धक्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है. भारत में सबसे बड़ा और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर होने के नाते, सियाचिन पृथ्वी पर सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के रूप में कार्य करता है. इस चुनौतीपूर्ण इलाके में महिला चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती भारतीय सेना की लैंगिक समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता के अलावा परिचालन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में महिलाओं की क्षमताओं की भी पहचान है.