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कांग्रेस का बीजेपी एजेंडा पर वार: कर्नाटक सरकार के धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द करने से बौखलाए हिंदूवादी संगठन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

धर्मांतरण विरोधी कानून की आड़ में ‘लव जिहाद’ के नाम पर मुसलमानों को जेल भेजने की बीजेपी सरकार की नीति पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कड़ा प्रहार किया है.उत्तराखंड के उत्तरकाशी में जब हिंदूवादी संगठन एक छोटी सी घटना को ‘लव जिहाद’ और ‘धर्मांतरण’ बताकर मुसलमानों को वहां से जाने को मजबूर कर रहे हंै तो कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी कानून को ही निरस्त कर दिया है.

यह कानून यहां पिछली बीजेपी सरकार ने बनाया था. देश में जिस प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है वहां यह कानून लागू है. इसके नाम पर बड़ी संख्या में मुसलमान जेल में डाले गए हैं.इधर, कर्नाटक से धर्मांतरण विरोधी कानून हटाने से हिंदूवादी संगठन बुरी तरह बिफरी हुई है. भारतीय जनता पार्टी के नेता भी कर्नाटक सरकार के इस कदम के विरोध में आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दे चुके हैं.

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा धर्मातरण विरोधी कानून को रद्द करने के फैसले को तुष्टिकरण की पराकाष्ठा बताया है. कहा है कि अवैध धर्मांतरण पर रोक वाले कानून को रद्द करने का यह फैसला मुस्लिम और ईसाई तुष्टिकरण की पराकाष्ठा और हिंदू जीवन मूल्यों पर एक बड़ा आघात है.

मिलिंद परांडे ने कहा कि यदि इस कानून में कुछ कमियां दिखती थीं तो कांग्रेस की सरकार को उसमें संशोधन करना चाहिए था. इस कानून को पूरी तरह से रद्द करने के निर्णय के पीछे अवैध धर्मांतरणकारी गैंग का सरकार पर गहरा दबाव स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अवैध धर्मांतरणकारी गैंग के सामने घुटने टेक दिए हैं.

विश्व हिंदू परिषद के नेता ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के इस निर्णय की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए घोषणा की है कि कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ जन आंदोलन चलाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य में अनेक स्थानों पर प्रदर्शन हो चुके हैं, किंतु विहिप का यह अभियान रुकने वाला नहीं है.