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असम के मुख्यमंत्री सरमा का फिर आया विवादास्पद बयान, कहा – हिंदुत्व तभी जीवित रहेगा, जब हिंदू गर्व के साथ अपनी पहचान का दावा करे

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, बेंगलुरु

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा विवादास्पद बयान देने और मुस्लिम विरोधी कार्रवाईयों के चैंपियन हो गए हैं. उन्होंने अपने एक बयान से यह जताने की कोशिश की जा रही है जैसे हिंदू समुदाय का अस्तित्व खतरे में है. जबकि हिंदू सममुदाय न केवल इस देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, विदेशों में भी मान-सम्मान और तादाद बढ़ रही है. इसके इतर असम सीएम ने गुरुवार को यहां हिंदुओं से अपनी पहचान पर गर्व करने का आह्वान किया.

कर्नाटक के बेलागवी में शिव चरित्र कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा, हर मुसलमान दावा करेगा कि वे एक हैं. इसी तरह, हिंदुओं को भी यह बताना होगा कि वे पूरे गर्व के साथ हिंदू हैं, तभी सनातन धर्म जीवित रहेगा. छत्रपति शिवाजी महाराज के विचार हर जगह पाए जा सकते हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रमुख चेहरे सरमा ने पिछले कुछ महीने के बयान को देख लें, जैसे वे मुस्लिम और हिंदुओं के बीच रिश्ता खराब कर देश में अशांति की स्थिति पैदा करने पर आमाजाद हैं. अब उन्होंने कहा कि इस भूमि ने औरंगजेब जैसे शासकों को सहन किया है. इस भूमि ने छत्रपति शिवाजी महाराज को जन्म दिया, जो उनके सामने खड़े हो सकते थे. कम्युनिस्ट इतिहासकारों का दावा है कि पूरा भारत औरंगजेब के नियंत्रण में. वह कहानी झूठी है. छत्रपति शिवाजी महाराज उससे सौ गुना अधिक बहादुर थे.

उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में है.उन्होंने आधुनिक भारत की सेना की भी तारीफ करते हुए कहा, आधुनिक भारत अपने टीके खुद बनाता है.उन्होंने कहा, पीएम मोदी ने नव भारत का सपना देखा है, जहां वह अपने गरीबों के साथ खड़ा होगा. हम सभी को उनके साथ खड़ा होना चाहिए. हमें नई सोच और विकास समर्थक सोच की जरूरत है. सरमा जिस तरह के बयान देते हैं, क्या ऐसे में भारत एक रह जाएंगे ? इस सवाल पर राजनीति से इतर उन्हें भी सोचना चाहिए.