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मोहम्मद शमी को कोर्ट का झटका: पत्नी हसीन जहां और बेटी को देना होगा हर महीने ₹4 लाख गुजारा भत्ता

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी हसीन जहां और बेटी के लिए अब भारी-भरकम गुजारा भत्ता चुकाना होगा। कोलकाता हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में शमी को हर माह कुल ₹4,00,000 रुपए देने का आदेश दिया है, जिससे उनके ऊपर आर्थिक दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।

हालांकि इस आदेश के बाद अब तक शमी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

क्या है कोर्ट का आदेश?

कोलकाता हाई कोर्ट के ताज़ा निर्देश के अनुसार,

  • हसीन जहां को ₹1,50,000 प्रति माह
  • और उनकी बेटी को ₹2,50,000 प्रति माह
    भरण-पोषण के रूप में देने होंगे।

हसीन जहां के वकील इम्तियाज़ अहमद ने मीडिया को बताया,

“यह हसीन के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा दिन था। 2018 से 2024 तक उन्होंने संघर्ष और अपमान झेला। आखिरकार खुले अदालत में न्याय मिला। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को भी निर्देश दिया है कि वह छह महीने के भीतर इस मामले पर अंतिम सुनवाई करे।”

उन्होंने यह भी इशारा किया कि यदि ट्रायल कोर्ट में हसीन जहां द्वारा मांगे गए ₹7 लाख (अपने लिए) और ₹3 लाख (बेटी के लिए) के दावे को स्वीकार किया जाता है, तो यह राशि भविष्य में और भी बढ़ सकती है।

हसीन जहां की आपबीती

एक समय की प्रसिद्ध मॉडल और अभिनेत्री रहीं हसीन जहां ने 2014 में मोहम्मद शमी से शादी की थी। 2015 में दोनों को एक बेटी हुई। लेकिन 2018 में सबकुछ बदल गया, जब उन्होंने शमी पर घरेलू हिंसा, मानसिक उत्पीड़न और व्यभिचार के गंभीर आरोप लगाए और अलग रहने लगीं।

हसीन जहां ने भावुक होकर कहा:

“मैं शादी से पहले मॉडलिंग और अभिनय में सक्रिय थी, लेकिन शमी ने मुझे पेशा छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ एक गृहिणी बनकर रहना है। मैंने उनसे प्यार किया, भरोसा किया और सब कुछ छोड़ दिया… लेकिन आज मेरी कोई कमाई नहीं है। जब उन्होंने हमारी देखरेख से हाथ खींच लिया, तो मुझे न्याय के लिए कोर्ट का रुख करना पड़ा।”

क्यों है यह मामला अहम?

यह मामला केवल एक क्रिकेटर और उसकी पत्नी के बीच का विवाद नहीं, बल्कि उन तमाम महिलाओं की आवाज़ भी है, जो विवाह के बाद अपने करियर और स्वतंत्रता को त्याग देती हैं, और जब संबंध बिगड़ते हैं तो उन्हें अपने अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है।

हसीन जहां की यह जीत कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो अवहेलना और उपेक्षा के बावजूद इंसाफ की उम्मीद में जूझ रही हैं।

अब निगाहें ट्रायल कोर्ट की अंतिम सुनवाई पर टिकी हैं, जहां भरण-पोषण की राशि और शर्तों पर अंतिम फैसला आने वाला है। यदि हसीन जहां का दावा स्वीकार होता है, तो शमी पर हर महीने ₹6 लाख तक की देनदारी तय हो सकती है।

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