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DICTATORSHIP : ध्रुव राठी के वीडियो का विरोध या समर्थन क्यों ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

हरियाणा में जन्मे और जर्मन में सेटल ध्रुव राठी वह शख्स हैं जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से न केवल अपनी अलग पहचान बनाई है, अपने कंटेंट के जरिए अरबों रुपये कमाए हैं.ध्रुव राठी ने यूट्यूब पर तब वीडियो बनाना शुरू किया था, जब इसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे. मौजूदा समय में तो उनके वीडियो लाखों नहीं करोड़ो में देखे जाते हैं.

उनका एक ताजा वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर कोहराम चाए है. इसके आते ही दिलीप मंडल जैसे लोग इसके विरोध और समर्थन में खड़े हो गए हैं.यह वीडियो दरअसाल, नरेंद्र मोदी के दस साल के कार्यकाल पर आधारित है. इसमें दिए दीलीलों एवं तथ्यों से यह साबित करने की कोशिश की गई है कि नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल में सिवाए अपनी छवि चमकाने के कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया है.

इस वीडिया की तारीफ में आम आदमी पार्टी के एडवोकेट संजीव नासिरा लिखते हैं,‘‘ध्रुव राठी का पूरा विडियो यहां देखिए. मोदी जी के 10 साल में 10 हजार करोड़ अपने चेहरे पर किए गए खर्च को ध्रुव ने एक विडियो से ही मिट्टी में मिला दिया. कहीं मोदी सरकार इस विडियो को डिलीट न करवा देए उससे पहले इसे पूरा देखे. पूरी दुनिया में भारतीय लोगो के बीच इस विडियो की चर्चा है. ‘‘

इस वीडियो के छोटे-छोटे टुकड़े में कई अन्य लोग भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी दलीलों के साथ शेयर कर रहे हैं.

ध्रुव राठी ने ‘ Is India becoming a DICTATORSHIP’ नाम से अपना यह वीडिया 22 फरवरी 2024 को अपलोड किया है, जिसे खबर लिखने तक 8,645,587 लोग देख चुके थे. इस वीडिया के डिस्क्रीप्शन में ध्रुव ने लिखा है-हमारे नवीनतम वीडियो के साथ भारत में लोकतंत्र की जटिल गतिशीलता का पता लगाएंए जहां हम श्एक राष्ट्रए एक पार्टीश् की विचारधारा के आसपास बढ़ती चिंताओं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भाजपा की रणनीतियों के तहत लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर इसके निहितार्थ की जांच करते हैं. मोदी समर्थकों की उत्कट भक्ति से लेकर मीडिया दमनए विधायकों की खरीद.फरोख्त और विपक्ष के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों तकए हम भारत के लोकतांत्रिक ताने.बाने के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करते हैं. एक जीवंत लोकतंत्र में जनता की भागीदारी और विपक्ष की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुएए हमारी चर्चा से राजनीतिक जुड़ाव और जवाबदेही की तत्काल आवश्यकता का पता चलता है. यह वीडियो उन लोगों के लिए एक आवश्यक घड़ी है जो शासनए नागरिक अधिकारों और विपरीत परिस्थितियों में लोकतंत्र की स्थायी भावना के बीच जटिल परस्पर क्रिया को समझना चाहते हैं. भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा पर इस सम्मोहक वीडियो में हमारे साथ जुड़ें.’’

वीडियो को बनाने के लिए उन्हांेने जिस तरह के तथ्य जुटाए हैं, उसका लोग समर्थन और विरोध कर रहे हैं. वीडिया का कौन विरोध और कौन समर्थन कर रहा है ? इसे जानने के लिए ऐसे लोगों के प्रोफाइल को टटोला जा सकता है.

इस रिपोर्ट का उद्देश्य यह कतई नहीं है कि ध्रुव राठी का वीडियो सही है अथवा लगत, इसे साबित किया जाए. बल्कि यह है कि समर्थन और विरोध करने वाले कौन लोग हैं ? अन्य आम भारतीयों को इससे क्या लेना-देना.

बहरहाल, वीडियो के विरोध में प्रदीप मैखुरी ने अपना एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है-‘‘ध्रुव राठी के विडियो का सच.ध्रुव राठी का विडियो एक प्रोपेगैंडा है जाने आखिर क्या है इस वीडियो में.’’ वैसे प्रदीप अपने डीपी में योगी का चेहरा लगा रखा है.

इसी तरह पुष्पेंद्र चहर लिखते हैं-‘‘जर्मन शेफर्ड ध्रुव राठी ने आज खालिस्तानियों के बचाव में वीडियो बनाया.यहां वह वीडियो है जहां वह पूरी तरह से बेनकाब हो गए.एक अवश्य देखने योग्य वीडियो.’’

इस वीडियो के विरोध में पुष्पेंद्र ने भी कुछ ददीलें रखी हैं. अलग बात है कि इनके एक्स की प्रोफाइल तस्वीर में भगवा झंडा लहरा रहा है और उसपर लिखा है-‘राष्ट्र सर्वपरि.’ यानी यह राष्ट्रवादियों के ‘खेमे’ से हैं.बावजूद इसके, ध्रुव राठ ने अपने ताजा वीडियो में मोदी सरकार के बारे में क्या कहा है, इसके निहीतार्थ को समझने के लिए इसे यहां दिया जा रहा है.

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