Culture

बाॅलीवुड के ‘भाईजान’ सलमान खान कुरान पढ़ना जानते हैं ?

मुस्लिम नाउ विशेष

Does Bollywood’s ‘Bhaijaan’ Salman Khan know how to read Quran? गणेशोत्सव के समय हर साल भगवान गणेश की आरती उतारते या विसर्जन में नाचते-गाते देखकर अक्सर मुसलमानों के जेहन में सवाल उठता है कि क्या सलमान खान मुसलमान हैं ? वह केवल गणेशोत्सव जैसे हिंदू त्योहारों में नाचते गाते हैं या उनका इस्लाम, कुरान, रोजा, नमाज से भी कोई नाता है ?

ऐसे ही सवाल हाल में एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर उठाते हुए मुसलमानों को यह समझाने की कोशिश की थी कि बाॅलीवुड स्टार सलमान खान को मुसलमान मानना छोड़े दें. वह केवल नाम के मुसलमान हैं. उनका इस्लाम, कुरान, हदीस से कोई लेना देना नहीं. क्या वास्तव में यह सच है ? वह केवल नाम के मुसलमान हैं, उनका रोजा-नमाज से कोई वास्ता नहीं !

मुस्लिम नाउ ने जब इन महत्वपूर्ण सवालों की जांच पड़ता की तो इस बारे में ठोस जवाब मिल गया. जवाब भी ऐसा कि सलमान खान के मजहबी होने और नहीं होने को लेकर अक्सर बहस छेड़ने वालों के मुंह बंद हो जाएंगे.

चूंकि सलमान खान के पिता और बाॅलीवुड के चर्चित स्क्रीनप्ले राइटर सलीम खान न केवल एक मुसलमान हैं और उन्हें गाहे-बगाहे मस्जिद नमाज पढ़ते आते जाते देखा जाता है. बल्कि उनके इंटरव्यू में अल्लाह, रसूल, हदीस की बातें करते भी देखे जाते है. लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर जब सलमान खान को धमकी देने की बात सामने आई थी तब भी सलीम खान कहते दिखाई दिए थे-‘‘ मौत और इज्जत अल्लाह के हाथ में है.’’

ऐसी बातें वही शख्स कर सकता है जिसका इस्लाम, खुदा और उसके आखिरी पैगंबर पर पक्का विश्वास हो. ऐसे में सवाल उठता है कि इस्लामपरस्त बाप का बड़ा बेटा सलमान खान कैसे रोजा-नमाज से दूर चला गया ? यह सवाल इसलिए भी अहम है कि सलमान खान के बारे में यह चर्चा है कि वह बचपन में बेहद शरारती थे और अक्सर मां-बाप से पिटते रहते थे. यह बातें उन्होंने खुद भी मीडिया के सामने कबूल की हैं.

तो क्या बचपन की शरारत उन्हें रोजा-नमाज से दूर ले गई ? उनकी आस्था हिंदू धर्म के प्रति है. चूंकि उनकी एक बहन हिंदू से ब्याही गई हैं और दूसरी बहन अर्पिता हिंदू है, इसलिए भी उनके हिंदू धर्म के प्रति आकर्षण की बात कही जाती है.

मगर तथ्य बिल्कुल इसके उलट है. कई मीडिया खबरों को खंगालने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया कि चूंकि उनकी बहनों का हिन्दू घराने से नाता है, इसलिए वे हिंदू धर्म का सम्मान करते हैं. जबकि वह न केवल पक्के मुसलमान हैं, बल्कि उनका रोजा-नमाज पर भी पूरा यकीन है.

तीन साल पहले ‘इस्लाम एडवाइजर’ नामक एक यूट्यूब रिपोर्ट में बताया गया था कि सलमान खान रोजा-नमाज के बेहद पाबंद हैं. रमजान के रोजे रखते हैं. ईद की नमाज के बाद शीर-खोरमा खान नहीं भूलते, क्यों कि खाने के बाद मीठा खाना सुन्नत है. इस रिपोर्ट में सउदी अरब के एक मुस्लिम संगठन को सलमान खान द्वारा 35 करोड़ रूपये का चंदा देने की बात कही गई है.

रिपोर्ट में एक घटना का भी जिक्र किया गया है, जिसमें बताया गया है कि जब सलमान खान एक कार्यक्रम में थे तो अजान की आवाज आने पर न केवल वह खामोश हो गए थे, बल्कि दूसरों को भी खामोश करा दिया था.

इसके अलावा गूगल पर वह तस्वीर अभी भी मौजूद है जिसमें सलमान खान अपने भांते-भतीजे के साथ नमाज पढ़ते दिखाई दे रहे हैं. इस नमाज की इमामत भी उन्होंने की थी. जाहिर सी बात है, नमाज की इमामत वही शख्स कर सकता है जो न केवल नमाज पढ़ना जानता है, बल्कि साफ नियत का भी हो.

रही बात सलमान खान के कुरान की तिलावत की तो नमाज पढ़ने-पढ़ाने वाला कुरान पढ़ना जानता ही होगा. कुछ साल पहले टीवी पर एक शो आया करता  था ‘दस का दम’. शो के दौरान एक हिजाबी महिला जब सलमान खान से पूछती है कि क्या उन्होंने कुरान पढ़ी है ? इसके जवाब में सलमान झट से कहते हैं-‘‘हां, कुरान पढ़ी है.’

फिर आगे कहते हैं कुरान भी पढ़ी और बाइबिल भी पढ़ी है. बता दूं कि सलमान खान की सौतेली मां और अपने जमाने की चर्चित डांसर हेलन कैथोलिक ईसाई महिला हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि सलमान खान प्रैक्सि में मुसलमान हैं. सलमान खान के इस्लाम परस्त होने की पाकिस्तान के मौलाना तारिक जमील भी प्रशंसा करते हैं.

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