PoliticsTOP STORIES

विशेष विश्लेषण: क्या यह गाजा संघर्षविराम योजना अंत की शुरुआत है?

विश्लेषक दृष्टिकोण से

29 मई 2025 को घोषित अमेरिका समर्थित संघर्षविराम प्रस्ताव को इज़राइल द्वारा स्वीकार करना और हमास द्वारा इसकी गंभीर समीक्षा किया जाना, गाजा पट्टी में पिछले आठ महीनों से जारी हिंसक संघर्ष के बीच एक निर्णायक मोड़ माना जा सकता है। लेकिन क्या यह वास्तव में युद्ध के अंत की शुरुआत है या एक और अस्थायी विराम?

🔹 प्रस्ताव की प्रमुख बातें:

  • प्रारंभिक चरण: 60 दिन का संघर्षविराम
  • UN के माध्यम से मानवीय सहायता वितरण
  • गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) की सहायता विस्तार योजना
  • अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ़ की मध्यस्थता में डील का प्रारूप

🔹 संभावनाएं और चुनौतियां:

1. हमास और इज़राइल के बुनियादी विरोधाभास:

इज़राइल की मांग है कि हमास पूरी तरह निरस्त्र हो और 58 शेष बंधकों को रिहा किया जाए। वहीं, हमास चाहता है कि इज़राइली सेना गाजा से पूरी तरह हटे और युद्ध का स्पष्ट अंत सुनिश्चित किया जाए। यह विरोधाभास किसी भी दीर्घकालिक समाधान में बड़ी बाधा हो सकता है।

2. अंतरराष्ट्रीय दबाव और जनमत:

यूरोपीय देशों ने पहली बार खुलकर इज़राइल की निंदा की है और युद्धविराम की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी है कि 20 लाख से अधिक लोग अकाल के खतरे में हैं। यह दबाव इज़राइल को लचीलापन दिखाने के लिए मजबूर कर सकता है।

3. GHF की भूमिका और सीमाएं:

GHF की सहायता योजना एक निजी प्रयास है, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने इसे ‘अपर्याप्त और असंगठित’ बताया है। मंगलवार को वितरण केंद्रों पर हुए हंगामे ने जमीनी हालात की गंभीरता को उजागर किया है।

🔹 क्या आगे हो सकता है?

  • अगर हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है, तो 60 दिनों का संघर्षविराम मानवीय राहत का रास्ता खोल सकता है।
  • अमेरिका द्वारा प्रस्तुत “नई टर्म शीट” पर सहमति बनी तो एक दीर्घकालिक समाधान की नींव रखी जा सकती है।
  • लेकिन यदि शर्तों पर सहमति नहीं बनी, तो यह प्रस्ताव भी पिछले अस्थायी विरामों की तरह विफल हो सकता है।

📈 निष्कर्ष:

यह प्रस्ताव अभी एक संभावना मात्र है, लेकिन यदि यह क्रियान्वित हुआ, तो यह गाजा में स्थिरता, राहत और पुनर्निर्माण की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है। अमेरिका, इज़राइल और हमास के बीच संतुलन साधने की कूटनीतिक चालें आने वाले दिनों में इस प्रस्ताव की दिशा तय करेंगी।


“संघर्षविराम केवल युद्ध का विराम नहीं, शांति की पहली सांस होती है।”

AI generated

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *