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ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर साजिश की आशंका, चीफ ऑफ स्टाफ ने किया खुलासा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेहरान

ईरान के राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ ने राष्ट्रपति के हेलीकाॅप्टर के किसी साजिश के शिकार होने के संकेत दिए हैं. उन्हांेने खुलासा किया है कि घटना वाले दिन मौसम सामान्य था और राष्ट्रपति का हेलीकाॅप्टर अचानक दो अन्य हेलीकाॅप्टरों के बीच से गायह हो गया. बाद में राष्ट्रपति के हेलीकाॅप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली. इसमें सवार सभी लोगों की लाशें बिलकुल जल गई थीं.

ईरानी न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान के राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ ने सप्ताहांत में देश के उत्तर-पश्चिम में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बारे में तमाम जानकारियां साझा की हंै, जिसके कारण राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी, विदेश मंत्री होसैन अमीराबदोल्लाहियन और पूर्वी अजरबैजान प्रांत के दो शीर्ष स्थानीय अधिकारी शहीद हो गए. .

घोलमहोसिन इस्माइली ने सरकारी टीवी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि ईरान के वरजाकान क्षेत्र में, जहां राष्ट्रपति रायसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, शुरुआत में और एक दिन पहले हुई अधिकांश उड़ान के दौरान मौसम की स्थिति एकदम सही थी.

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इस्माइली उन तीन हेलीकॉप्टरों में से एक में थे जो अजरबैजान गणराज्य के साथ ईरान की सीमा पर एक बांध उद्घाटन समारोह से लौट रहे थे.उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टरों ने दोपहर करीब एक बजे उड़ान भरी थी. तब स्थानीय समयानुसार 19 मई को जबकि क्षेत्र में मौसम की स्थिति सामान्य थी.

45 मिनट की उड़ान के बाद, राष्ट्रपति रायसी के हेलीकॉप्टर के पायलट, जो काफिले के प्रभारी थे, ने अन्य हेलीकॉप्टरों को पास के बादल से बचने के लिए ऊंचाई बढ़ाने का आदेश दिया.हालांकि, राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर, जो दो अन्य हेलीकाॅप्टर के बीच उड़ रहा था, अचानक गायब हो गया.

इस्माइली ने कहा, बादलों के ऊपर उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद, हमारे पायलट ने देखा कि बीच वाला हेलीकॉप्टर गायब हो गया. उन्होंने कहा कि पायलट ने चक्कर लगाने और राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर की तलाश में लौटने का फैसला किया.

इस्माइली ने कहा कि रेडियो उपकरणों के माध्यम से राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर से संपर्क करने के कई प्रयासों के बाद, जबकि बादलों के कारण यह ऊंचाई कम करने में असमर्थ था, उनके हेलीकॉप्टर ने अपनी उड़ान जारी रखी और पास की तांबे की खदान पर उतरा.

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री अमीरबदोल्लाहियान और राष्ट्रपति की सुरक्षा इकाई के प्रमुख ने बाद में बार-बार कॉल करने का जवाब नहीं दिया.

अधिकारी ने कहा, हालांकि, दो अन्य हेलीकॉप्टरों के पायलटों ने कैप्टन मुस्तफवी से संपर्क किया था, जो राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर के प्रभारी थे, लेकिन जिसने फोन किया वह तबरीज शुक्रवार के प्रार्थना नेता मोहम्मद अली आले-हाशेम थे, जिनकी स्थिति अच्छी नहीं थी. लेकिन बताया कि हेलीकॉप्टर घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है.

एस्मेली ने स्वयं एले-हाशेम के साथ दूसरा संपर्क किया और स्थिति के बारे में वही उत्तर प्राप्त किए.उन्होंने कहा, जब हमें दुर्घटना का स्थान मिला, तो शवों की स्थिति से संकेत मिला कि अयातुल्ला रायसी और अन्य साथी की मौत हो चुकी है, लेकिन आले-हाशेम कई घंटों के बाद शहीद हुए.

हालांकि अभी तक ईरान ने यह नहीं बताया कि आले-हाशेम ने मरने से पहले किसी तरह की कोई जानकारी दी थी या नहीं. अथवा यह भी पता नहीं चल पाया है कि ऐसा क्या हुआ था कि कैप्टन मुस्तफवी, जो राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर के प्रभारी थे ने काॅल करने पर जवाब नहीं दिया था. अभी इस मामले में ईरान पूरी तरह खामोश है, पर उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रपति की मौत पर जल्द ही बड़ा खुलासा हो सकता है.

ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के हेलीकॉप्टर दुर्घटना का विश्लेषण करते हुए तुर्की मीडिया ने कई असामान्य बातें बताई हैं.विश्लेषण में यह सवाल भी उठाया गया कि ईरानी राष्ट्रपति ने आखिरकार 30 साल पुराने अमेरिकी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल क्यों किया और यात्री विन्यास क्यों बदला गया.

रूसी मीडिया ने तुर्की अखबार के हवाले से कहा है कि ईरान के राष्ट्रपति आमतौर पर अपने दौरों में रूस निर्मित हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन तबरीज़ जाने के लिए अमेरिकी निर्मित बेल 212 बेल हेलीकॉप्टर को चुना गया. ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और अन्य लोगों की अंतिम संस्कार की नमाज़ आज तेहरान में अदा की जाएगी.

साथ ही राष्ट्रपति के लिए पायलट का चयन पहले रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के अधिकारियों में से किया जाता था, लेकिन इस बार उनका पायलट सेना का था. राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर जीपीआरएस और ट्रांसपोंडर समेत तीन अलग-अलग ट्रैकिंग सिस्टम से लैस था, लेकिन इसके बावजूद दुर्घटना के तुरंत बाद हेलीकॉप्टर का स्थान निर्धारित नहीं किया जा सका.

तुर्की के अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि वे हेलीकॉप्टर के संकेतों को नोट नहीं कर सके, जो दर्शाता है कि सिस्टम या तो अक्षम था या अस्तित्वहीन था.ईरानी सूत्रों के मुताबिक उड़ान से कुछ देर पहले यात्रियों के क्रम में भी बदलाव किया गया. विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन और तबरीज़ के गवर्नर मलिक रहमती को हेलीकॉप्टर नंबर दो में यात्रा करनी थी, लेकिन आखिरी समय में इमाम मुहम्मद अल हाशिम को भी तबरीज़ के सामने उतार दिया गया.

विदेश मंत्री, गवर्नर और पीठासीन इमाम सभी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के हेलीकॉप्टर में थे और दुर्घटना में उनके साथ मारे गए.ईरानी अधिकारियों के मुताबिक तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ.

  • ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ ने राष्ट्रपति रायसी के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में साजिश की आशंका जताई.
  • दुर्घटना के दिन मौसम सामान्य था, लेकिन हेलीकॉप्टर अचानक गायब हो गया.
  • राष्ट्रपति रायसी, विदेश मंत्री और दो स्थानीय अधिकारियों की इस हादसे में मौत हो गई.
  • चीफ ऑफ स्टाफ घोलमहोसिन इस्माइली ने बताया कि दुर्घटना के समय हेलीकॉप्टर तीन के काफिले में था.
  • हेलीकॉप्टरों ने मौसम सामान्य होने पर उड़ान भरी थी, लेकिन 45 मिनट बाद राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर लापता हो गया.
  • रेडियो संपर्क के कई प्रयास विफल रहे, अन्य हेलीकॉप्टरों ने पास की तांबे की खदान पर लैंडिंग की.
  • तबरीज के प्रार्थना नेता आले-हाशेम ने पुष्टि की कि हेलीकॉप्टर घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.
  • शवों की स्थिति से स्पष्ट हुआ कि राष्ट्रपति रायसी और उनके साथी हादसे में जलकर मर गए.
  • आले-हाशेम ने मरने से पहले क्या जानकारी दी थी, यह अभी स्पष्ट नहीं है.
  • ईरान सरकार ने अभी तक इस मामले पर पूर्ण जानकारी नहीं दी, लेकिन जल्द ही बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है.