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GCC leaders की चेतावनी, इजरायल ने गाजा पर हमला बंद नहीं किया तोे मध्य पूर्व में युद्ध छिड़ जाएगा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रियाद

जीसीसी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि गाजा मंे इजरायल ने युद्ध जारी रखा तो मध्य पूर्व के अन्य क्षेत्रों में संघर्ष फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.इस बीच तुर्की ने दोहरा गेम खेला. एक तरफ इजरायल को तेल सप्लाई कर रहा है, दूसरी तरफ गाजा में बमबारी करने पर उसपर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगा रहा है.जीसीसी के सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन करने के लिए इजरायल की निंदा की. फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के कब्जे को समाप्त करने की मांग दोहराई.

मंगलवार को खाड़ी सहयोग परिषद के 44वें सत्र के अंत में जारी एक बयान में छह देशों के नेताओं ने गाजा में इजरायल की चल रही सैन्य कार्रवाइयों की निंदा की, जिसके कारण नागरिक आबादी का जबरन विस्थापन और विनाश हो रहा है. इजरायल की बमबारी में अब तक 16,000 लोग मारे जा चुके हैं. नागरिक सुविधाएं और बुनियादी ढांचा, जिसमें आवासीय भवन, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधा और इबादल गाहें शामिल है, सब तबाह कर दिए गए हंै.

घोषणा पत्र में कहा गया कि इस तरह की कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं. उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ जबरदस्त इजरायली आक्रामकता पर अपना आक्रोश व्यक्त किया.शिखर सम्मेलन में सऊदी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सदस्य के रूप में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी मौजूद रहे.

छह खाड़ी देशों के प्रतिनिधियों के साथ तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि तुर्की और जीसीसी देशों के बीच 23 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है.उन्होंने गाजा पट्टी पर इजरायल की लगातार बमबारी की निंदा करते हुए कहा,नेतन्याहू गाजा में मानवता के खिलाफ युद्ध अपराध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेतन्याहू ने अपने राजनीतिक भविष्य की खातिर पूरे क्षेत्र को खतरे में धकेल दिया है.

जीसीसी नेताओं की बैठक कतर में हुई. इस बीच इजरायली बलों ने दक्षिणी गाजा पट्टी के मुख्य शहर पर आक्रमण कर दियां. कई फिलिस्तीनी के मरने और घायल होने की खबर है.पिछले सप्ताह संघर्ष विराम टूटने के बाद इजरायल का यह सबसे बड़ा जमीनी हमला था. लोगांे ने कहा कि इजरायली टैंक पहली बार इजरायली सीमा बाड़ को पार करके पश्चिम की ओर बढ़ते हुए खान यूनिस के पूर्वी हिस्सों में प्रवेश कर गए.

उन्हांेने कहा कि कुछ लोगों ने खान यूनिस के पूर्वी बाहरी इलाके में बानी सुहैला शहर के अंदर स्थिति संभाली, जबकि अन्य आगे बढ़ते रहे और हमाद सिटी नामक कतरी वित्त पोषित आवास विकास के किनारे पहुंच गए.कई दिनों से गाजा वासियों को क्षेत्र से हटने का आदेश देने के बाद, इजरायली बलों ने मंगलवार को हमले के दौरान लोगांे को आश्रयों के अंदर रहने के निर्देश देने वाले नए पर्चे गिराए.

इन पर्चों में कहा गया, आने वाले घंटों में आईडीएफ इजराइल रक्षा बल हमास को नष्ट करने के लिए रिहायशी इलाके में व्यापक अभियान चलाएगा. इसलिए कोई बाहर न निकले. अपनी सुरक्षा के लिए जहां है वहीं आश्रय स्थलों और अस्पतालों में रहें. बाहर जाना खतरनाक है. आपको चेतावनी दी जाती है.

इजराइल की बमबारी से गाजा के 2.3 मिलियन निवासियों में से 80 प्रतिशत को सड़कांे पर ला दिया है. इनमें से बड़ी संख्या में दक्षिण की ओर पलायन कर गए हैं. इसकी वजह से यह क्षेत्र लंदन से भी अधिक घनी आबादी वाला हो गया है.संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्वसनीय समझे जाने वाले गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमले मंे 15,800 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हजारों लोग लापता हैं. उनके मलबे में दबे होने की आशंका है.

इस पत्र में स्थायी युद्धविराम हासिल करने के लिए गाजा पट्टी में मानवीय संघर्षविराम को तत्काल फिर से शुरू करने पर बल दिया गया. यह आश्वासन भी दिया गया कि सभी मानवीय सहायता अपने इच्छित गंतव्यों तक पहुंच जाएगी.शिखर सम्मेलन ने फिलिस्तीनी और गाजा पट्टी के निवासियों की पीड़ा को कम करने के लिए अपने निरंतर समर्थन का वादा किया.जीसीसी के बयान में पिछले वर्षों के दौरान पट्टी पर अपने हमलों में इजरायली युद्ध मशीन ने जो नष्ट किया था. उसके पुनर्निर्माण में मदद करने पर भी सहमति व्यक्त की गई.जीसीसी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि युद्ध जारी रहा तो मध्य पूर्व के अन्य क्षेत्रों में संघर्ष फैलने का खतरा है..