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पाकिस्तानी अभिनेता फाहद मुस्तफा की दरियादिली: हिंदू बच्चे के इलाज के लिए दिए 20 लाख रुपये

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

  • फाहद मुस्तफा की दरियादिली: इस बात को विशेष रूप से रेखांकित करें कि फाहद मुस्तफा ने धर्म के भेदभाव को दरकिनार करते हुए दीपेश के इलाज के लिए 20 लाख रुपये का दान दिया.
  • दीपेश के पिता का संघर्ष: संक्षेप में बताएं कि कैसे दीपेश के पिता, जो एक पशु चिकित्सक हैं और गरीबों का इलाज मुफ्त में करते हैं, उन्हें अपने बेटे के इलाज के लिए सिर्फ इसलिए मदद नहीं मिल पा रही थी क्योंकि वे हिंदू हैं.
  • जेडसी वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन की भूमिका: जेडसी वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन द्वारा दीपेश के इलाज के लिए जागरूकता फैलाने और धन जुटाने में मदद करने के प्रयासों को स्वीकार करें.
  • इंसानियत का महत्व: फाहद मुस्तफा के इस नेक कार्य द्वारा धर्म के प्रति सहिष्णुता और मानवता के संदेश पर briefly (संक्षेप में) प्रकाश डालें.
  • सफल धनराशि संग्रह: फाहद मुस्तफा और अन्य दानदाताओं के योगदान से धनराशि संग्रह के सफल समापन का उल्लेख करें.

पाकिस्तानी अभिनेता और जितो पाकिस्तान के होस्ट फाहद मुस्तफा ने सांप्रदायिक सद्भाव की एक मिसाल कायम करते हुए तीन साल के हिंदू बच्चे दीपेश की जीवन रक्षक सर्जरी के लिए जरूरी राशि का आधा दान कर दिया.दीपेश थैलेसीमिया नामक रक्त विकार से पीड़ित है. उसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. इस सर्जरी की कुल लागत 40 लाख रुपये थी, जिसके लिए दीपेश के पिता को हर तरफ से निराशा ही हाथ लगी.

दीपेश के पिता एक पशु चिकित्सक हैं जो गरीबों का निःस्वार्थ भाव से इलाज करते हैं, लेकिन अपने बेटे के लिए मदद मांगने पर उन्हें सिरे से ठुकरा दिया गया. यहां तक कि संपन्न लोगों और रसूखदारों ने भी उनकी गुहार अनसुनी कर दी. सिर्फ इसलिए क्योंकि वे गैर-मुस्लिम थे.

उम्मीद की किरण तब जगी जब जेडसी वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन के संस्थापकों में से एक सैयद जफर अब्बास ने उनकी मदद के लिए आगे आए. उन्होंने एक तरफ दीपेश के इलाज के लिए धन जुटाने का बीड़ा उठाया, वहीं दूसरी तरफ मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक किया.

अब्बास ने संगठन के फेसबुक पेज पर एक वीडियो जारी कर बताया कि किस तरह दीपेश के पिता निराश होकर उनके साथ ARY शो में पहुंचे. वहां उन्होंने दीपेश की बीमारी और मदद की गुहार लगाई. अभी उनका संबोधन खत्म भी नहीं हुआ था कि वहां मौजूद नहीं होने के बावजूद फाहद मुस्तफा ने फोन पर सीधे तौर पर 20 लाख रुपये दान करने का ऐलान कर दिया. उनकी इस दरियादिली से अस्पताल में भर्ती दीपेश को भी शायद ही अंदाजा हो कि एक मुस्लिम कलाकार ने उनकी जान बचाई है.

फाहद मुस्तफा के दान के बाद दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के दानदाताओं ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया .अंततः दीपेश के इलाज के लिए जरूरी पूरी रकम जुटा ली गई. इस पूरे वाकये में जेडसी वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन की भूमिका भी सराहनीय रही जिन्होंने न सिर्फ धन इकट्ठा किया,धर्म और जाति से ऊपर उठकर मानवीयता की मिसाल पेश की.