Education

इस्लामिया स्कूल सीकर के चुनाव में महिलाओं की ऐतिहासिक भागीदारी, शिक्षा से बढ़ा जुड़ाव

राजस्थान में मुस्लिम समाज द्वारा संचालित प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक, इस्लामिया स्कूल व कॉलेज, सीकर के प्रबंध समिति चुनाव ने इस बार एक ऐतिहासिक सामाजिक परिवर्तन की तस्वीर पेश की है। खासतौर पर महिलाओं की भागीदारी ने इस चुनाव को एक नई दिशा दी, जो केवल प्रबंधन परिवर्तन तक सीमित नहीं रही, बल्कि शिक्षा, जागरूकता और सामाजिक जुड़ाव की ओर भी बड़ा संकेत बनी।

सीकर: इस्लामिया एजुकेशनल-कल्चरल एंड वेलफेयर सोसायटी के चुनाव सम्पन्न, अनवार अहमद कुरेशी बने अध्यक्ष

भारतीय पुलिस सेवा में मुस्लिम प्रतिनिधित्व केवल 4%, 200 नए IPS अधिकारियों में मात्र 8 मुस्लिम, मिला कैडर


🔹 पहली बार शिक्षण संस्था में पहुंचीं हजारों महिलाएं

चुनाव प्रक्रिया के तहत सदस्यता पंजीकरण से लेकर मतदान तक की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। करीब 1000 से अधिक महिलाओं ने इस्लामिया स्कूल-कॉलेज परिसर में न सिर्फ पहली बार कदम रखा, बल्कि सदस्यता लेने, मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने और मतदान करने जैसे हर चरण में चार से अधिक बार परिसर का दौरा किया।

इन महिलाओं ने पहली बार स्कूल के आधुनिक भवन, स्वच्छता, सुनियोजित फर्नीचर व्यवस्था और प्रशिक्षित स्टाफ को देखा और अनुभव किया। इसका परिणाम यह रहा कि कई महिलाओं ने भावुक होकर अपने अनुभव साझा किए और संस्था से गहरा जुड़ाव महसूस किया।


🔹 महिला भागीदारी बनी बदलाव का चेहरा

पिछले कुछ वर्षों से स्कूल प्रबंधन समिति में कुल 16 निदेशकों का चुनाव होता है, जिनमें 6 महिलाएं शामिल होती हैं। लेकिन इस बार महिलाओं ने प्रत्यक्ष रूप से सदस्य बनकर वोट डालकर अपनी भूमिका को कहीं ज्यादा प्रभावशाली बनाया। इससे न केवल महिलाओं में सामाजिक चेतना का संचार हुआ, बल्कि संस्था को लेकर आम जनता की रुचि और भरोसा भी बढ़ा

अब इस शिक्षण संस्था की चर्चा हर घर के आंगन, बैठक और रसोई तक हो रही है। यह बदलाव आने वाले समय में मुस्लिम समुदाय की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए एक मजबूत नींव बन सकता है।


🔹 चुनाव प्रक्रिया बनी अनुकरणीय मिसाल

इस ऐतिहासिक चुनाव की ईमानदारी और पारदर्शिता की भी खूब सराहना हो रही है। सेवानिवृत्त अतिरिक्त चीफ इंजीनियर AVVNL, खुर्शीद हुसैन ने बतौर चुनाव अधिकारी जिस निष्पक्षता और योजनाबद्ध तरीके से मतदान प्रक्रिया को संचालित किया, वह कई सरकारी चुनावों के लिए भी उदाहरण बन सकती है।

  • कुल 15 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जिनमें से 3 केंद्र केवल महिलाओं के लिए आरक्षित थे।
  • प्रत्येक केंद्र पर आने और जाने के मार्ग अलग-अलग रखे गए, जिससे अव्यवस्था नहीं फैली।
  • चुनाव प्रक्रिया के दौरान महिला स्टाफ और उम्मीदवारों ने भी पूरी निष्ठा के साथ 19 घंटे लंबी मतगणना में भाग लिया।

🔹 रिकॉर्ड मतदान और निष्पक्ष निर्णय

संस्थान के 5257 पंजीकृत मतदाताओं में से 4695 ने मतदान किया। इसमें महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा, जो अपने आप में बदलाव की एक मजबूत बुनियाद को दर्शाता है।

हाजी अनवार अहमद और बशीर अहमद कुरेशी के नेतृत्व वाला पैनल इस चुनाव में विजयी रहा। हालांकि दोनों प्रमुख पैनल और अन्य स्वतंत्र उम्मीदवारों में भी योग्यता की कोई कमी नहीं थी। सभी उम्मीदवारों ने जनता के फैसले को गरिमा के साथ स्वीकार किया।


🔚 शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव की शुरुआत

इस्लामिया स्कूल व कॉलेज, सीकर के चुनाव ने केवल एक प्रबंध समिति का गठन नहीं किया, बल्कि एक समुदाय के भीतर सामाजिक जागरूकता, शिक्षा के प्रति सम्मान और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के जरिए भविष्य के लिए नई दिशा तय की है। यह उदाहरण न केवल राजस्थान, बल्कि देशभर के मुस्लिम समाज के शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रेरणा बन सकता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *