होली और रमज़ान के जुमे ने पेश की सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, सीलमपुर और बलिया की तस्वीरें बनीं प्रेरणा
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
देश में जब भी कोई बड़ा त्योहार आता है, कुछ असामाजिक तत्व उसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में जुट जाते हैं। इस बार भी होली और रमज़ान के दूसरे जुमे के एक ही दिन पड़ने से पूरे देश में आशंका थी कि कहीं कोई बड़ा विवाद न खड़ा हो जाए। हालांकि, देश के अलग-अलग हिस्सों से आईं कुछ सकारात्मक तस्वीरें यह दिखाती हैं कि हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को कोई तोड़ नहीं सकता। सीलमपुर (दिल्ली) और बलिया (उत्तर प्रदेश) से आईं तस्वीरें इस सौहार्द की मिसाल बन गई हैं।
अलीगढ़ में मस्जिद के सामने होली पर हुड़दंग
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक चिंताजनक घटना सामने आई, जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने मस्जिद के सामने भड़काऊ नारेबाजी और हुड़दंग किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखा कि कुछ लोग मस्जिद के सामने गाने बजाकर नाच-गाना कर रहे थे। समीउल्लाह खान ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हिंदू लोग अलीगढ़ की मस्जिद के सामने मुस्लिम विरोधी नारे लगाते हुए होली मना रहे हैं। अगर उन्हें मुस्लिम इलाकों या मस्जिदों में त्योहार मनाने का इतना ही शौक है, तो राम मंदिर और अन्य हज़ारों मंदिरों की क्या ज़रूरत है?” इसी तरह, अल्तमश खान ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे समाज में जहर घोलने की साजिश करार दिया।
बीजेपी ने क्या जहर भर दिया समाज में
— Altamash Khan (@Altamash_3412) March 14, 2025
देखिए मस्जिद के सामने रुककर बेहूदा गाना बजाकर मुजरा नाच कर रहे हैं लोग,
क्या इनके द्वारा ऐसा करने से हरामखोरों को मिलता क्या है मस्जिद के सामने नाचकर
आखिर मस्जिद के सामने नाचते क्यों हैं ये लोग#होली Happy Holi #RangBarse#होलिकोत्सव #Modi pic.twitter.com/qUh7gf0YCA
दिल्ली के सीलमपुर में नमाजियों पर हुई फूलों की बारिश
अलीगढ़ से आई नकारात्मक खबर के विपरीत, दिल्ली के सीलमपुर में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी तस्वीर देखने को मिली। जुमे की नमाज के बाद जब लोग मस्जिदों से बाहर निकले, तो हिंदू भाइयों ने उन पर फूलों की बारिश की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें लोग इस खूबसूरत पहल की तारीफ कर रहे हैं। काविश नामक यूज़र ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दिल्ली के सीलमपुर में हिंदू भाइयों ने जुम्मा पढ़कर आ रहे नमाज़ियों पर फूलों की बारिश की। यह है असली हिंदुस्तान।”
बलिया में बीजेपी नेता ने मस्जिद के बाहर बरसाए फूल
बलिया (उत्तर प्रदेश) में भी सौहार्द की मिसाल देखने को मिली। सिकंदरपुर के बीजेपी नेता आशुतोष ने जुमे की नमाज़ पढ़कर बाहर आ रहे लोगों पर फूल बरसाए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखा कि होली खेलकर आए हिंदू भाई, नमाजियों पर गुलाब के फूल बरसा रहे थे। इस घटना पर ‘बलिया खबर’ नामक इंस्टाग्राम पेज ने लिखा, “रंगों से नहीं, फूलों की होली भी खेल सकते हैं। सिकंदरपुर के बीजेपी नेता आशुतोष ने यह साबित कर दिखाया।”
सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
बलिया में हाल ही में बांसडीह विधायक केतकी सिंह के विवादित बयान ने माहौल को गर्मा दिया था, लेकिन इस खूबसूरत पहल ने यह साबित कर दिया कि राजनीति से ऊपर उठकर लोग शांति और भाईचारे को प्राथमिकता दे रहे हैं। कबीर दास के दोहे “ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय” को उद्धृत करते हुए कई लोगों ने इस पहल को सराहा।
देश में दो धाराएं— नफरत बनाम मोहब्बत
देश में जब भी कोई बड़ा त्योहार आता है, दो तरह की तस्वीरें सामने आती हैं— एक तरफ जहां नफरत फैलाने वाले लोग मस्जिदों के सामने हुड़दंग कर माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपने प्रेम और सौहार्द से मिसाल कायम करते हैं। अलीगढ़ की घटना जहां दुर्भाग्यपूर्ण रही, वहीं सीलमपुर और बलिया ने यह संदेश दिया कि त्योहार जोड़ने के लिए होते हैं, तोड़ने के लिए नहीं।
क्या त्योहारों की राजनीति खत्म होगी?
त्योहार प्रेम और सद्भाव का संदेश देने के लिए होते हैं, लेकिन कई बार यह राजनीतिक और सांप्रदायिक एजेंडे का शिकार हो जाते हैं। कुछ कट्टरपंथी तत्व समाज में जहर घोलने की कोशिश करते हैं, जबकि अमन पसंद लोग एक-दूसरे को अपनाने का संदेश देते हैं। होली और जुमे की नमाज के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आईं इन खबरों ने यह साबित कर दिया कि हिंदू-मुस्लिम एकता को कोई ताकत नहीं तोड़ सकती।