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गाजा में मानवीय संकट गहराया: इजरायल की नाकाबंदी से भोजन, ईंधन और दवाएं भी बंद

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इजरायल की सख्त नाकाबंदी के कारण गाजा में ‘कुछ भी’ प्रवेश नहीं कर पा रहा है। इससे न केवल मानवीय सहायता बाधित हुई है, बल्कि वहां का जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। इजरायल ने एक सप्ताह से अधिक समय से गाजा की बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी है, जिससे पहले से ही संघर्ष में फंसे हजारों लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।

संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी: गाजा में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि इजरायल सरकार ने मानवीय सहायता, भोजन, पानी, ईंधन और दवाओं सहित किसी भी प्रकार की आपूर्ति को गाजा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गाजा में बिजली बहाल करने और नाकाबंदी हटाने का आह्वान किया।

इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 के हमलों के बाद गाजा पर कड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी और तब से वहां व्यापक तबाही मची हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल से आग्रह किया है कि वह गाजा के लोगों को आवश्यक राहत देने की अनुमति दे।

यमन के हूथियों ने दी नई चेतावनी

इजरायल द्वारा गाजा पर नाकाबंदी जारी रखने के चलते यमन के हूथी विद्रोहियों ने फिर से लाल सागर में हमले शुरू करने की धमकी दी है। हूथियों ने कहा कि यदि इजरायल ने गाजा की नाकाबंदी नहीं हटाई, तो वे अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर सकते हैं।

फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने पीए की आलोचना की

इस बीच, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में एक फिलिस्तीनी लड़ाके की हत्या को लेकर फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) की कड़ी निंदा की है। पीआईजे ने इस घटना को ‘सुरक्षा समन्वय के शर्मनाक रिकॉर्ड’ का हिस्सा बताया है। वहीं, पीए ने दावा किया कि उसके बलों ने एक अपराधी का पीछा करने के दौरान जवाबी गोलीबारी में उसे मार गिराया।

गाजा में अब तक 61,709 मौतें, हजारों लापता

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इजरायल के हमलों में अब तक 48,467 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं और 111,913 लोग घायल हुए हैं। वहीं, गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय का दावा है कि यह संख्या 61,709 तक पहुंच चुकी है, क्योंकि हजारों शव अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं।

इसके विपरीत, इजरायल ने कहा कि 7 अक्टूबर के हमलों में उसके 1,139 नागरिक मारे गए थे और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था।

गाजा में भुखमरी और जल संकट

इजरायल की नाकाबंदी के कारण गाजा में खाद्य आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो चुकी है। लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा, अस्पतालों में जरूरी दवाओं की भारी कमी है और कई जगहों पर जलजनित बीमारियां फैल रही हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसे एक ‘मानवीय आपदा’ करार दिया है।

बिजली बंद होने से अंधेरे में डूबा गाजा

गाजा में बिजली आपूर्ति ठप होने से वहां का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। अस्पतालों में जनरेटर के लिए ईंधन नहीं बचा है, जिससे जीवनरक्षक उपकरण भी काम नहीं कर पा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील

संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थानों ने इजरायल से नाकाबंदी हटाने की अपील की है। इस्राइली सरकार पर दबाव बनाने के लिए कई देशों ने राजनयिक स्तर पर बातचीत शुरू कर दी है। लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।

काबिल ए गौर

गाजा में मानवीय संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है। इजरायल की नाकाबंदी से वहां की स्थिति और खराब होती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों की चेतावनी के बावजूद, इस्राइल ने अभी तक अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है। ऐसे में, यह देखना अहम होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संकट को हल करने के लिए क्या कदम उठाता है।