रमजान में गहरी नींद लेनी हो तो खाएं मेलाटोनिन से भारपूर यह पांच खाद्य पदार्थ
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गुलरूख जहीन
रमजान के दिनों मंे आम तौर से रोजेदारों की दिनचर्या बिल्कुल बदल जाती है. यहां तक कि रोजा खोलने के बाद मगरिब की नमाज, इसके थोड़ा देर बाद एषा की नमाज और तरावीह का लंबा दौर. इससे फर्सत मिलने पर रात का खाना. फिर इफ्तार के लिए सुबह चार बजे उठना.
इन सबसे फुर्सत मिलने पर नौकरीपेषा वाले, छात्र या दूसरे काम-धाम में षामिल घरों से निकल जाते हैं. ऐसे में नींद पूरी ही नहीं हो पाती है. जबकि रमजान में रोजेदारों को भरपूर नींद लेने की सलाह ली जाती है.ऐसे में सवाल उठता है कि नींद के लिए जितना भी समय, उसमें गहरी नींद कैसे आए. डाॅक्टरों का मानना है कि रात की अच्छी नींद हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है.
हार्मोन सहित कई कारक हमारी नींद को प्रभावित कर सकते हैं.वैसे, आपने मेलाटोनिन नामक हार्मोन का नाम तो सुना ही होगा जो हमारी आरामदायक नींद के लिए बहुत जरूरी है.कुछ लोग आरामदायक नींद के लिए मेलाटोनिन युक्त दवाएं लेते हैं, लेकिन ये दवाएं सिरदर्द, चक्कर आना, मतली और उनींदापन जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं.
इस संबंध में, टीवी चैनल एनडीटीवी ने पांच खाद्य पदार्थों का उल्लेख किया है जिन्हें मेलाटोनिन की खुराक के विकल्प के रूप में खाया जा सकता है और रमजान के दिनों में आरामदायक नींद ली जा सकती है.आइए जानें मेलाटोनिन से भरपूर पांच खाद्य पदार्थ कौन से हैं.
अंडे
अंडे प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. बेहतर नींद के लिए अंडे भी मेलाटोनिन का अच्छा स्रोत हैं.
दूध
आप बचपन से ही रात को सोने से पहले गर्म दूध पीते होंगे. दूध में कैल्शियम के अलावा मेलाटोनिन भी पाया जाता है. दूध अनिद्रा का पुराना इलाज है.
मछली
सैल्मन और सार्डिन जैसी वसायुक्त मछलियां, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड के उत्कृष्ट स्रोत हैं. यह मेलाटोनिन से भरपूर होती हैं. इन मछलियों में विटामिन डी भी पाया जाता है. इसलिए सप्ताह में एक बार इन मछलियों को खाने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.
मेवा
सूखे मेवों में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं. बादाम, पिस्ता और अखरोट जैसे कई सूखे मेवे मेलाटोनिन के अच्छे स्रोत हो सकते हैं, इसलिए रोजा खोलने के बाद या इफ्तार-सहरी में अस्वास्थ्यकर स्नैक्स के बजाय स्वस्थ सूखे मेवे खाएं और रात को अच्छी नींद लें.
चेरी
चेरी एक प्राकृतिक भोजन है जो मेलाटोनिन का बहुत अच्छा स्रोत है. चेरी विटामिन सी, पोटेशियम, कॉपर, मैग्नीशियम और फाइबर से भी भरपूर होती है. चेरी खाने या चेरी का जूस पीने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.
अच्छी नींद के लिए ट्राइ करें कीवी
रमजान में कीवी का सेवन भी नींद और सेहत के लिए भरपूर फायदेमंद रहेगा. यह ऐसा फल है जो विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.कीवी को अपने आहार का हिस्सा बनाने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. अनिंद्रा की समस्या दूर होती है.
इस संबंध में एक टीवी चैनल ने दावा किया कि कीवी फल के सेवन से 10 फायदे होते हैं. पहला फायदा तो यही है कि इससे नींद नहीं आने या गहरी नींद नहीं आने की षिकायत दूर हो जाती है.कीवी में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है. घावों को जल्दी ठीक करता है और एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है. विटामिन सी की प्रचुर मात्रा के कारण रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कण समाप्त हो जाते हैं.
कीवी में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जिसके कारण इसे खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती, आंतों की समस्या से राहत मिलती है और पेट अच्छे से काम करता है. फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और हृदय रोगों के खतरे को कम करता है. ये सभी रोग नींद की राह का रोड़ा हैं.
कीवी पोटेशियम, फाइबर, विटामिन सी और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, हृदय संबंधी कार्य में सुधार करता है.कीवी में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन सी, विटामिन ई और पॉलीफेनोल्स होते हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करते हैं और गठिया और अस्थमा के खतरे को कम करते हैं.
कीवी में ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन भी होते हैं. ये दो महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट जो नीली रोशनी को फिल्टर करते हैं और आंखों को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाते हैं.कीवी में पाए जाने वाले विटामिन सी, विटामिन ए और अन्य एंटीऑक्सीडेंट के कारण त्वचा में निखार आता है. त्वचा पराबैंगनी किरणों के खतरे से बची रहती है. इसके अलावा कीवी खाने से झुर्रियां कम होती हैं. कीवी खाने से वजन भी नियंत्रित रहता है.