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निकाह के बाद दुल्हन के दुआ कराने का वीडिया वायरल

मुस्लिम नाम ब्यूरो, नई दिल्ली

आम तौर से ऐसा मुस्लिम शादियों में नहीं होता. निकाह से पहले दुल्हन से इजाजत ली जाती है. फिर उस लड़की से लड़के का निकाह पढ़ाया जाता है. उसके बाद महफिल में काजी साहब दुआ कराते है.मगर इस मामले मंे ऐसा नहीं है. लड़की ने निकाह के बाद खुद ही कुराआन की तिलावत की और दुआ कराया. वहां मौजूद औरत-मर्द सब उसकी दुआ पर आमीन-आमीन करते नजर आए.

दरअसल, इस समय एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमंे सोने के जेवरों से लदी और गोल्डन साड़ी पहने एक युवती कुराआन की तिलावत के बाद दुआ कराती नजर आ रही है.यह लड़की कौन है और ऐसा कहां हुआ ? इस बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं है. न ही सोशल मीडिया पर इसपर कुछ खास लिखा-पढ़ा गया है.

गूगल सर्ज की मदद से जांचने पर पता चला कि इस वीडियो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेट फाॅर्म पर मोहम्मद सिराज तुंदेकर, मोहम्मद अब्दुल्ला, नसरीन अख्तर आदि ने साझा किया है. मजे की बात यह है कि सभी ने एक ही लाइन लिखी है-‘‘केरल मे एक मुस्लिम जोड़े की शादी की रस्म मे निकाह के बाद दुल्हन ने ख़ुद दुआ करवाईण् ’’

इससे ज्यादा कहीं कोई जानकारी नहीं दी गई है. अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेट फाॅर्म पर अलग-अलग तारीखों पर अपलोड किया गया है, जिससे पता चलता है कि यह वायरल वीडियो एक महीने से लेकर सात दिन पुराना है.

बावजूद इसके वीडियो वायरल होते लोग इसपर कमेंट कर रहे हैं. सबका लगभग यही कहना है-‘‘इस तरह की शादी करने-कराने की तौफीक अल्लाह सबको दे.’’ “काश हमारे यहाँ पर भी शादी के मौक़े पर दुल्हन इस तरह कुरआन पढ़तीं,मगर अफ़सोस हमारे यहाँ नाचने गाने की महफ़िलें सजाई जाती है.अल्लाह हमें भी हिदायत दें!”

हालांकि, इस तरह की शादी का यह मामला उलेमा के बीच बहस का मुद्दा बन सकता है. पहला सवाल तो यही बनता है कि क्या यह नई परंपरा सही है ? क्या इस्लाम में इसकी इजाजत है ? नहीं, तो ऐसा निकाह जायज होगा ?

इस तरह के सवाल तब भी उठाए गए थे जब बीबीसी के चर्चित पत्रकार कुर्बान अली ने अपनी बेटी की शादी एक महिला काजी से कराई थी. आम तौर से महिला काजी नहीं होती.

विवाह/निकाह के बाद दूल्हे और दुल्हन के लिए दुआ

विवाह/निकाह या निकाह के बाद दूल्हा और दुल्हन के लिए दुआ के बाद उर्दू में दूल्हा और दुल्हन के लिए दुआ पढ़ना अब इसका अर्थ जानकर आसान हो गया है. दुआ एक प्रार्थना है जिसे आप जीवन के विभिन्न अवसरों पर पढ़ सकते हैं, अनुवाद के साथ इस दुआ या प्रार्थना को याद रखना आसान है. विवाह/निकाह के बाद दूल्हे और दुल्हन के लिए यह दुआ कहने के कई गुण हैं.

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