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IICC चुनाव: सलमान खुर्शीद की जीत से RSS समर्थकों का किला ढहा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (IICC) के 2024 के चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की बड़ी जीत ने आरएसएस समर्थकों के वर्षों पुराने गढ़ को हिला दिया है. सलमान खुर्शीद के नए अध्यक्ष बनने से IICC में आरएसएस से जुड़े तत्वों का दबदबा खत्म हो गया, जो यहां पिछले दो दशकों से बना हुआ था.

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सिराज कुरैशी, जो पिछले 20 साल से IICC के अध्यक्ष थे, के कार्यकाल में आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने इस संस्थान को अपना अड्डा बना लिया था. यहां मुस्लिम मोर्चा के नाम पर कई गतिविधियां संचालित की जाती थीं, और हाल के वर्षों में पसमांदा मुस्लिमों के नाम पर भी कई सभाएं आयोजित की गईं.

सिराज कुरैशी और उनके पैनल से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार डॉ. तालिकोट्टी ने खुले तौर पर आरएसएस से अपने संबंधों को स्वीकार किया था. लेकिन सलमान खुर्शीद की ऐतिहासिक जीत ने यह साफ कर दिया है कि अब IICC में ऐसी गतिविधियों की कोई जगह नहीं होगी.

सलमान खुर्शीद ने चुनाव में अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को भारी अंतर से पराजित किया. चुनाव जीतने के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल IICC के सबसे बुरे समय के तौर पर जाने जाएंगे.

उन्होंने कहा कि IICC को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन अब इसे सही रास्ते पर लाने का समय आ गया है.खुर्शीद ने आगे कहा कि IICC की सदस्यता का सही इस्तेमाल होना चाहिए, और इसके लिए एक कमिटी बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि भविष्य में कोई भी अध्यक्ष दो बार से ज्यादा पद पर नहीं रहेगा और एक कार्यकाल केवल 3 साल का होगा.

उन्होंने महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने की भी बात कही, और कहा कि एक सीट हमेशा महिलाओं के लिए आरक्षित होगी.IICC को गंगा-जमुना तहजीब का केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता जताते हुए खुर्शीद ने कहा कि यह संस्थान अब केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में भी IICC स्थापित की जाएंगी.

इसके साथ ही, सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए हर साल 20 बच्चों को चुनकर उनकी शिक्षा का खर्च उठाने की योजना की भी घोषणा की गई.इस बार के चुनाव में कुल 1662 वोट पड़े, जिनमें से सलमान खुर्शीद को 721 वोट मिले। उनके साथ, मोहम्मद फरकान कुरैशी को 362 वोट मिले और वे उपाध्यक्ष चुने गए.

IICC में इस बार का चुनाव 20 साल बाद एक बड़ा बदलाव लेकर आया है. सिराज कुरैशी, जो लगातार चार बार अध्यक्ष चुने गए थे, अब केवल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य के रूप में रहेंगे.

यह चुनाव इसलिए भी खास रहा क्योंकि इसमें राजनीतिक रंग भी देखा गया, जिससे यह चुनाव देशभर में चर्चा का विषय बन गया. IICC का शासी निकाय हर पांच साल में चुना जाता है, और इस बार के चुनाव ने संस्थान के भविष्य को एक नई दिशा दी है.