Muslim World

आईआईसीसी चुनाव: अध्यक्ष पद के लिए सलमान खुर्शीद और अफजल अमानुल्लाह के बीच कड़ी टक्कर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (आईआईसीसी) के चुनाव, जो एक दिन पहले भारी बारिश के बीच संपन्न हुआ, के बाद अब इस बात पर चर्चा जोरों पर है कि इसका अगला अध्यक्ष कौन होगा. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद या चार दशकों तक केंद्र सरकार में सेवा देने वाले पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह? कैंसर विशेषज्ञ और आरएसएस के करीबी माने जाने वाले डॉ. माजिद अहमद तालिकोट्टी और पूर्व आईआरएस अधिकारी अबरार अहमद भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं.

हालांकि, इस चुनाव में सलमान खुर्शीद और अफजल अमानुल्लाह के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है. खास बात यह है कि चुनाव में नामांकन दाखिल करने से पहले अफजल अमानुल्लाह ने सलमान खुर्शीद से समर्थन लेने की कोशिश की थी.

अफजल अमानुल्लाह की मजबूत दावेदारी का एक कारण यह भी है कि इस बार बिहार लॉबी बेहद सक्रिय है. आईआईसीसी से बड़ी संख्या में बिहार के लोग जुड़े हैं, और दिल्ली के ओखला इलाके में आईआईसीसी के अधिकतर सदस्य रहते हैं, जिनमें भी बिहार के लोगों का दबदबा है.

अफजल अमानुल्लाह 2004 से सेंटर के सदस्य हैं और बाबरी मस्जिद से जुड़े सैयद शहाबुद्दीन साहब के दामाद हैं. इसका लाभ भी उन्हें चुनाव में मिल रहा है. उनका घोषणा पत्र, जिसे उन्होंने अपनी बेटी के साथ मिलकर तैयार किया था, मतदाताओं को आकर्षित कर रहा है.

दूसरी ओर, सलमान खुर्शीद के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन गया है, क्योंकि वह कांग्रेस के वरिष्ठ मुस्लिम चेहरे हैं. यदि वह यह चुनाव हार जाते हैं, तो पार्टी में उनके नेतृत्व पर सवाल उठ सकते हैं. इसलिए, खुर्शीद ने चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी. उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए मुंबई, लखनऊ और अलीगढ़ तक का दौरा किया.

हालांकि, कैंसर सर्जन डॉ. माजिद अहमद तालिकोट्टी भी इस चुनाव में मजबूत प्रत्याशी साबित हो सकते थे, अगर उन पर आरएसएस और सिराज कुरैशी का ठप्पा नहीं लगा होता. सिराज कुरैशी पर सदस्यों का एक वर्ग गंभीर आरोप लगाता है. अफजल अमानुल्लाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि चुनाव जीतने पर वे सिराज कुरैशी की आर्थिक गड़बड़ियों पर श्वेत पत्र जारी करेंगे और दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई करेंगे.

अब चुनाव परिणाम आने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि बाजी कौन मारता है.

कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील सलमान खुर्शीद ने बातचीत में कहा कि इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर का असल मकसद यह है कि हम भारतीय इस्लाम और गंगा-जमुनी तहजीब को दुनिया के सामने कैसे प्रस्तुत करें. इसके लिए हम आईआईसीसी के माध्यम से दूसरे देशों के साथ संबंध बढ़ाएंगे. सेंटर की तकनीकी सुविधाओं और अन्य सुविधाओं को भी उन्नत किया जाएगा.

उन्होंने अपनी जीत को पक्का बताते हुए कहा कि जीतने पर वे पुराने सदस्यों को वोटिंग अधिकार वापस दिलाएंगे, जो उनसे छीने गए थे. उन्होंने कहा कि वोटिंग अधिकार सबका संवैधानिक अधिकार है.

अफजल अमानुल्लाह, जो भारत सरकार में 37 वर्षों तक सेवा दे चुके हैं, ने अपनी उम्मीदवारी और चुनाव को लेकर कहा कि आईआईसीसी को एक सामाजिक संस्थान और आलोचनात्मक सोच वाले अध्यक्ष की जरूरत है, और वह इस जरूरत को पूरा कर सकते हैं. उन्होंने अपने पैनल की जीत को निश्चित बताते हुए कहा कि जीतने पर सेंटर का बुनियादी ढांचा सुधारा जाएगा, और सदस्यों के लिए कॉफी शॉप और पुस्तकालय बनाए जाएंगे.